हर व्यक्ति के जीवन में थोड़ी बहुत समस्याएं तो आती ही रहती हैं पंरतु कभी परिस्थितियां ऐसी भी हो जाती हैं, जब व्यक्ति को उससे निकलने का कोई रास्ता नहीं सूझता है। इन समस्याओं से निकलने के लिए लोग विभिन्न तरह को तरीके अपनाते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि मात्र पशु-पक्षियों की सेवा करने से आप अपने जीवन की समस्याओं से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं। जो लोग पशु-पक्षियों की निस्वार्थ भाव से सेवा करते हैं, उनके ऊपर सदैव ईश्वर की कृपा बनी रहती है और उन्हें सभी प्रकार की समस्याओं से मुक्ति प्राप्त होती है। जानते हैं कि किस तरह कौन से पशु-पक्षियों की सेवा करके आप समस्याओं से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं।
पशु-पक्षियों की सेवा से मिलती है कष्टों से मुक्ति, जानें कैसे
गाय
हिंदू धर्म में गाय को सबसे पूजनीय माना गया है। सनातन धर्म में गाय को गौमाता कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार गाय के शरीर में 33 कोटि देवताओं का वास माना गया है। सनातन धर्म में प्रतिदिन पहली रोटी गाय के लिए खिलाने की परंपरा है। हालांकि आज के समय में लोग बहुत कम ऐसा करते हैं। प्रतिदिन खाना बनाते समय गाय पहली रोटी गाय के लिए खिलानी चाहिए। इस बात का ध्यान रखें की गाय को हमेशा ताजी रोटी ही खिलाएं। इसके साथ ही सोमवार के दिन रोटी पर मक्खन या कुछ मीठा जैसे शक्कर या बूरा रखकर गाय को रोटी खिलानी चाहिए। इससे आपके चंद्र से संबंधित दोष दूर होते हैं। जिस घर में प्रतिदिन गाय को रोटी खिलाई जाती हैं वहां सदैव देवताओं की कृपा रहती है। उस घर में किसी प्रकार का अनिष्ट नहीं होता है। विपरीत परिस्थितियां भी आसानी से टल जाती हैं।
कुत्ते को रोटी खिलाना
कुत्ते की स्वामी भक्ति से तो हर कोई भलिभांति परिचित है। घर में कुत्ता पालना बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इससे आपके घर से नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं। प्रतिदिन कुत्ते को रोटी खिलाने से आपके गृहों से संबंधित कष्ट दूर होते हैं। श्वान (कुत्ता) को भगवान भैरवनाथ का वाहन माना गया है। जो लोग कुत्ते की सेवा करते हैं उनके ऊपर भगवान भैरवनाथ की कृपा बनी रहती है। जिससे भय से मुक्ति प्राप्त होती है। अमावस्या तिथि को कुत्ते को घी चुपड़ी रोटी खिलाने से संकटो से मुक्ति प्राप्त होती है। इसके साथ ही कुत्ते की सेवा से राहु-केतु के बुरे प्रभावों से भी मुक्ति प्राप्त होती है।
कौआ
हिंदू धर्म में कौए को पितरों का कारक बताया गया है। लोग पितृपक्ष में अपने पूर्वजों को स्मरण करते हुए कौवों को भोजन कराते हैं। कौवों को मीठे फल और चावल खिलाने से आपको अज्ञात भय से मुक्ति प्राप्त होती है। इसके साथ ही कौवों को भोजन कराने से पितृदोष के कारण मिलने वाले कष्ट भी कम होते हैं। कोवौं को सात प्रकार के अनाज मिलाकर खिलाने से शनि और राहु-केतु के कष्टों से मुक्ति प्राप्त होती है।
बंदर
प्रत्येक मंगलवार को बंदरो को गुड़ चना खिलाने से आकस्मिक लगने वाली चोट आदि का भय नहीं रहता है। इसके साथ ही आपका मंगल भी सही रहता है। यदि किसी के भाई के साथ मतभेद हो तो वे भी धीरे-धीरे समाप्त होने लगते हैं।

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