ज्योतिष में शनि ग्रह को कर्मफल दाता कहा जाता है। दरअसल शनि ग्रह व्यक्ति को उनके कर्मों के अनुसार फल देता है। अर्थात जो जैसा कर्म करता है शनि उसे वैसा ही फल देता है। हालांकि कई लोग कुंडली में शनि का नाम लेते ही भयभीत होने लगते हैं। शनि ढैय्या, शनि की साढ़ेसाती को लेकर भी भय बना रहता है। परंतु कई ऐसे लोग हैं जिनपर शनि की साढ़े साती का असर नहीं होता है। लेकिन उससे पहले जानते हैं क्या होती है शनि की साढ़ेसाती और शनि ढैय्या।
इन लोगों पर नहीं होता है शनि की साढ़ेसाती का बुरा असर, जानें क्या कारण
जब शनि का गोचर किसी एक राशि में होता है तो शनि उस राशि में ढाई साल तक रहते हैं। ढाई साल के बाद ही शनि का राशि परिवर्तन दूसरी राशि में होता है। ज्योतिष गणना के अनुसार चंद्र राशि से जब शनि 12वें भाव, पहले भाव व द्वितीय भाव से निकलते हैं। उस अवधि को शनि की साढ़े साती कहा जाता है।
शनि जिस राशि में गोचर करते हैं तो राशि क्रम के हिसाब से उस राशि के आगे और पीछे वाली राशि पर भी अपना असर डालते हैं। इस तरह से शनि एक राशि पर साढ़े सात साल तक रहते हैं। इस साढ़े सात साल के समय को ही शनि की साढ़ेसाती कहा जाता है। फिर जैसे-जैसे शनि आगे बढ़ता है साढ़ेसाती उतरती जाती है।
शनि जब गोचर में जन्म राशि से चतुर्थ और अष्टम भाव में रहता है तब इसे शनि की ढैय्या कहते है। शनि की ढय्या एक राशि पर साढ़े सात साल और दूसरी पर लगभग 16 साल में आती है। शनि के ढैय्या किसी राशि पर इसको पता लगाने के लिए शनि जिस राशि में रहता है उससे क्रम अनुसार पहले की चौथी और बाद वाली छठी राशि पर शनि की ढैय्या रहती है।
जो लोग मेहनती और आत्मनिर्भर होते हैं। अच्छे कार्य करते हैं उनपर शनि की साढ़ेसाती का असर नहीं होता है। इसके अलावा जिनके हृदय में लालच, छल, कपट जैसा मैल नहीं होता है। उनपर भी शनि देव की कृपा बरसती है। जो लोग न्याय और सच का साथ देते हैं शनिदेव की कृपा सदैव ऐसे लोगों पर बरसती हैं। शनि को जो लोग प्रिय हैं उनका झुकाव वैराग्य की ओर होता है। ये विवाह के बंधन में बंधना नहीं चाहते हैं और सन्यासी या समाज सुधारक बन जाते हैं।
वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, तुला राशि पर शनि देव उच्च अवस्था में होते हैं। अतः यह राशि शनिदेव को प्रिय है। इस राशि के जातकों पर शनिदेव का अच्छा प्रभाव देखने को मिलता है। इस राशि के जातक अधिकांशत: बहुत सच्चे और इमानदार होते हैं। इसके अलावा कुंभ और मकर राशि के लोगों पर भी शनि की विशेष कृपा बनी रहती है। वहीं जो लोग हनुमान जी की पूजा करते हैं और शनिवार का व्रत करते हैं उन पर भी शनि की साढ़ेसाती का असर नहीं होता है।

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