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Vastu tips : ये वास्तु दोष देते हैं आपके घर में रोगों को आमंत्रण
ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला
Published by: Shashi Shashi
Updated Tue, 27 Apr 2021 10:02 AM IST
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हर व्यक्ति के लिए उसकी सेहत बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। एक स्वस्थ मनुष्य ही हर कार्य को करने में सक्षम होता है। अस्वस्थता के कारण शरीर की शक्ति क्षीण होने लगती है जिसके कारण व्यक्ति कोई भी कार्य सही प्रकार से नहीं कर पाता है। घर में एक सदस्य के बीमार होने के कारण पूरे परिवार को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। रोग के कारण शारीरिक, मानसिक और आर्थिक तीनों तरह से समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वैसे तो शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता के सही न होने और खराब खान-पान के कारण व्यक्ति बीमार पड़ने लगता है लेकिन कई बार अन्य कारणों से भी आपको या परिवार के सदस्यों को रोग घेरने लगते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में वास्तुदोष होने के कारण भी घर में रोगों की आशंका बढ़ जाती है। आइए जानते हैं कौन से हैं ये वास्तुदोष…
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(प्रतीकात्मक तस्वीर)
वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर के मध्य भाग्य या आंगन को ब्रह्म स्थान माना गया है। पहले के समय में बड़े-बड़े घर हुआ करते थे। जिसमें पूरा आंगन खुला होता था। आज के समय में घरों का आकार और बनावट में बहुत बदलाव आ गया है, जिसके कारण ज्यादातर घरों में आंगन नहीं होता है, इसलिए ब्रह्म स्थान खुला हुआ रखना संभव नहीं रहता है। घर का मध्य भाग यदि दबा हुआ हो या वहां पर भारी-भरकम सामान रखा हो तो यह स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं रहता है। यह रोगों को आमंत्रण देने के समान होता है।इससे आपके घर की सकारात्मक ऊर्जा बाधित होती है। यदि घर में आंगन बनाने की जगह न हो तो उत्तर या पूर्व की तरफ का स्थान खुला रखना चाहिए।
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- फोटो : social media
वास्तु में घर की उत्तर पूर्व दिशा को सकारात्मक ऊर्जा का भंडार माना जाता है। इस दिशा में मंदिर बनाना सबसे उपयुक्त रहता है। घर में उत्तर-पूर्व दिशा का खुला होना सबसे जरूरी माना जाता है। इस दिशा को भूलकर बंद नहीं करना चाहिए। घर की यह दिशा बंद होने से परिवार के सदस्यों को रोग घेरने लगते हैं साथ ही धन की कमी भी होने लगती है।
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(प्रतीकात्मक तस्वीर)
घर में उत्तर पूर्व के मध्य का स्थान यानी ईशान कोण को सबसे सुंदर और सबसे अच्छा होना चाहिए। घर का ईशान कोण कटा हुआ नहीं होना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि ईशान कोण कटा हुआ होने से घर में रहने वालों को रक्त विकार होने की आशंका रहती है साथ ही यौन रोगों और प्रजनन क्षमता पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है।
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(प्रतीकात्मक तस्वीर)
वास्तु के अनुसार दक्षिण दिशा को यम की दिशा माना गया है। दक्षिण दिशा को कभी भी खुला हुआ नहीं होना चाहिए। दक्षिण दिशा खुली होने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ जाता है, जिससे घर में समस्याएं आने लगती हैं। इसका सबसे अधिक दुष्प्रभाव घर के बड़े बुजुर्गो की सेहत पर पड़ता है।
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