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Shardiya Navratri 2025: नवरात्रि में करें ये वास्तु उपाय, मिलेगी सुख-समृद्धि और माता का आशीर्वाद
ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला
Published by: श्वेता सिंह
Updated Sun, 14 Sep 2025 02:36 PM IST
सार
Shardiya Navratri Remedies: इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर 2025 से आरंभ होकर 2 अक्तूबर 2025 तक चलेगी। वास्तु शास्त्र के अनुसार, नवरात्रि में की गई पूजा और उपायों का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। आइए जानें नवरात्रि में देवी कृपा पाने के लिए किन वास्तु टिप्स को अपनाया जा सकता है।
Navratri Vastu Tips: नवरात्रि का त्योहार न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह आध्यात्मिक उन्नति और घर में सकारात्मक ऊर्जा लाने का भी विशेष समय होता है। यह नौ दिन मां दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित होते हैं, और ऐसा माना जाता है कि इस दौरान देवी शक्ति स्वयं पृथ्वी पर निवास करती हैं। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर 2025 से आरंभ होकर 2 अक्तूबर 2025 तक चलेगी।
शारदीय नवरात्रि से पहले घर की संपूर्ण सफाई करना बेहद जरूरी माना जाता है।
- फोटो : अमर उजाला
घर में साफ-सफाई रखें
शारदीय नवरात्रि से पहले घर की संपूर्ण सफाई करना बेहद जरूरी माना जाता है, क्योंकि यह पर्व मां दुर्गा के स्वागत का प्रतीक होता है। विशेष रूप से घर का उत्तर-पूर्व दिशा वाला हिस्सा यानी ईशान कोण साफ और व्यवस्थित होना चाहिए। मान्यता है कि यहीं से सकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश करती है। टूटी-फूटी वस्तुएं, खंडित मूर्तियां या बेकार इलेक्ट्रॉनिक सामान नवरात्रि से पहले हटा देना शुभ होता है।
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वास्तु के अनुसार, कलश को घर की उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करना चाहिए।
- फोटो : adobe
कलश स्थापना सही दिशा में करें
नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना से होती है, जिसे शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना गया है। वास्तु के अनुसार, कलश को घर की उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करना चाहिए। इसे एक साफ चौकी पर लाल या पीले वस्त्र बिछाकर रखें और उसमें पानी, सुपारी, सिक्का, हल्दी, अक्षत आदि रखें। कलश के ऊपर आम के पत्ते और नारियल रखें। यह स्थान पूजा के लिए सबसे शुभ माना जाता है।
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पूजा कक्ष हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए।
- फोटो : adobe stock
पूजा कक्ष की दिशा वास्तु अनुसार रखें
यदि आपके घर में अलग पूजा कक्ष है, तो उसकी दिशा पर विशेष ध्यान दें। पूजा कक्ष हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए। भगवान की मूर्तियों का मुख पूर्व की ओर रखें और पूजा करते समय स्वयं पश्चिम की ओर मुख करके बैठें। इससे ध्यान केंद्रित होता है और आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ती है। पूजा स्थान को रोज साफ रखें और वहां किसी भी प्रकार की गंदगी या अव्यवस्था न रखें।
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नवरात्रि के दौरान घी का दीपक जलाना शुभ फलदायक होता है।
- फोटो : adobe stock
नवरात्रि में दीपक जलाने की सही दिशा
नवरात्रि के दौरान घी का दीपक जलाना शुभ फलदायक होता है। इसे आप घर के ईशान कोण या अग्नि कोण यानी दक्षिण-पूर्व दिशा में जला सकते हैं। दीपक नकारात्मकता को दूर करता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है। रोजाना दीपक जलाने से वातावरण में शुद्धता और पवित्रता बनी रहती है, जिससे देवी मां की कृपा भी प्राप्त होती है।
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