जगह की कमी को देखते हुए आज के समय में मकान, दुकान, फ्लैट्स और व्यावसायिक भवन का निर्माण कराते समय बेसमेंट अर्थात तहखाना भी बनवाया जाने लगा है। बेसमेंट किस दिशा में और किस प्रकार बनवाना शुभ होगा और उसका उपयोग किस लिए किया जाए, इसके लिए वास्तु शास्त्र में कुछ महत्वपूर्ण नियम दिए गए हैं।
वास्तु टिप्स: बेसमेंट बनवाते समय भूलकर भी ना करें ऐसी गलतियां
उत्तर-पूर्व दिशा है बेहतर
वास्तु शास्त्र के अनुसार, बेसमेंट बनाने के लिए भू-खंड के उत्तर, पूर्व अथवा उत्तर-पूर्व कोण का उपयोग करना चाहिए। भू-खंड के बीचोंबीच, पश्चिम व दक्षिण दिशा में बेसमेंट बनवाना अशुभ होता है। इससे धन की कमी, रोग, व्यापार में नुकसान जैसी समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। उत्तर-पश्चिम दिशा में बेसमेंट बनवाने से आलस्य, अस्थिरता और चोरी होने का भय बना रहता है। यदि बेसमेंट के ऊपरी तल पर ईशान कोण में जमीन पर पानी का नल या टंकी हो, तो बेसमेंट शुभ होता है।
सही आकार व रंग से सकारात्मक ऊर्जा
भू-खंड के अंदर बेसमेंट की ऊंचाई कम से कम नौ फीट होने के साथ-साथ बेसमेंट का कुछ भाग भू-खंड की सतह से ऊपर की तरफ निकला रहना चाहिए, जिससे कि बेसमेंट में सूर्य का प्रकाश एवं सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह निरंतर बना रहे। बेसमेंट में सूर्य का प्रकाश पहुंचना संभव न हो, तो कृत्रिम रूप से दर्पण के माध्यम से सूर्य की रोशनी वहां पहुंचाने की व्यवस्था करनी चाहिए। यदि बेसमेंट का चौथाई भाग धरती को स्पर्श करे, तो सुबह सात बजे से शाम के 5 बजे तक सूर्य की रोशनी बेसमेंट के नीचे जा सकती है।
इसके समीप भूतल के आगे-पीछे सटी हुई चारदीवारी नहीं होनी चाहिए। कम से कम पूर्व या पश्चिम दिशा का सीधा संपर्क बेसमेंट से होना चाहिए। बेसमेंट में काला, नीला या दूसरा कोई गहरा रंग न कराकर हल्का पीला, हरा, सफेद या क्रीम रंग ही कराना चाहिए। ऐसा न करने पर बेसमेंट के उपयोग से अपेक्षित लाभ नहीं मिल सकेगा और वहां जाने पर मानसिक तनाव भी होगा।
सही उपयोग से अधिक लाभ
बेसमेंट का उपयोग कभी भी रहने के उद्देश्य से नहीं किया जाना चाहिए, अन्यथा स्वास्थ्य खराब होने के अलावा बनते हुए कामों में रुकावट भी आ सकती है। व्यवसाय, धर्म, अध्यात्म, पूजा-पाठ, गोदाम और सामान के भंडारण के लिए ही बेसमेंट का उपयोग किया जाना चाहिए। बेसमेंट में भारी सामान और कबाड़ दक्षिण एवं पश्चिम में ही रखें। पूर्व, उत्तर एवं ईशान कोण को खाली और स्वच्छ बनाए रखें। इस दिशा में पानी से भरा मिट्टी का मटका या भूमिगत पानी की टंकी रख सकते हैं। यदि इस ओर खिड़कियां या रोशनदान हों, तो बहुत अच्छा है। बेसमेंट के मुख्य द्वार पर विंड चाइम लगाना भी उत्तम माना गया है। इससे वहां सदैव सकारात्मक ऊर्जा बनी रहेगी।
बेसमेंट में उतरने के लिए सीढि़यां ईशान कोण या पूर्व दिशा में होनी चाहिए। बेसमेंट में टॉयलेट या बाथरूम नहीं बनवाना चाहिए। जहां तक हो सके, बेसमेंट में प्राकृतिक प्रकाश आना चाहिए। यदि बिजली का बल्ब या फिर एग्जॉस्ट फैन लगवा रहे हैं, तो इनको पूर्व दिशा या आग्नेय कोण में ही लगवाना चाहिए। रात के समय बेसमेंट में सोने से बचना चाहिए, जहां तक हो सके, दिन के समय ही बेसमेंट का प्रयोग करना चाहिए। इस लिहाज से कमर्शियल इस्तेमाल के लिए बेसमेंट उपयोगी साबित हो सकता है।

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