कई बार वास्तु के हिसाब से घर बना होने पर भी आपको कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। यदि आपका घर वास्तु के अनुरूप है, फिर भी आपके जीवन में कोई न कोई परेशानी बनी रहती है तो आप अपनी किचन के वास्तु पर गौर करिए। रसोई घर बनाते समय सिर्फ दिशा ही नहीं बल्कि कई अन्य बातों का ख्याल रखना भी जरूरी होता है, धन हानि, व्यापार हानि और रिश्तों में कटुता जैसी समस्याएँ किचन में उत्पन्न हुए वास्तुदोष की वजह से ही होती हैं।
Kitchen Vastu Tips: रसोईघर से जुड़े वास्तु के 11 उपाय, इससे घर में आती सुख-समृद्धि
1. यूं तो रसोईघर के लिए घर की दक्षिण-पूर्व दिशा (आग्नेय-कोण) को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। लेकिन विकल्प के रूप में आग्नेय दिशा की तरफ पूर्व में या फिर उत्तर-पश्चिम दिशा की तरफ पश्चिम दिशा में भी रसोई का निर्माण कर सकते हैं।
2. भूलकर भी दक्षिण-पश्चिम दिशा में किचन नहीं रखनी चाहिए, यहां किचन का होना एक बड़ा वास्तु दोष है। इस दिशा में किचन होने से व्यक्ति अपने कौशल का इस्तेमाल नहीं कर पाता है जिस वजह से उसे अपने करियर में अस्थायित्व और घर-परिवार में खराब रिश्तों का सामना करना पड़ सकता है।
3. रसोई घर में चूल्हा आग्नेय कोण में रखना चाहिए और खाना पकाने वाले का मुख पूर्व दिशा की ओर होना भी आवश्यक है,इससे धन की वृद्धि तथा स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
4. घर के मुख्यद्वार के सामने अगर आपका रसोईघर है तो ये वास्तुदोष के कारण में से एक है, इससे बचाव के लिए किचन के द्वार पर पर्दा लगाएं।
5. पीने योग्य जल का भंडारण व हाथ धोने के लिए नल ईशान कोण में होना चाहिए। रसोई में सिंक यानि कि बर्तन धोने की दिशा के लिए उत्तर-पश्चिम दिशा शुभ मानी गई है।
6. सुबह उठते ही सबसे पहले किचन की सफाई करें और नहाने के बाद ही किचन में भोजन बनाएं, माँ अन्नपूर्णा की सदैव कृपा बनी रहेगी अन्न, धन की कमी नहीं होगी।
8. यदि आपके किचन में बेकार का सामान भरा हुआ है,तो यह वास्तुदोष उत्पन कर सकता है, जिससे घर के सदस्यों की प्रगति में बाधा उत्पन होती है। काम में नहीं आने वाली बेकार चीजों को यहां से हटा दें

कमेंट
कमेंट X