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Vastu Tips: घर पर शंख रखने से पहले जान लें इसके नियम, नकारात्मक प्रभावों से रहेंगे दूर
ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: ज्योति मेहरा
Updated Thu, 30 Jan 2025 06:11 PM IST
सार
घर में शंख रखने से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण वास्तु नियम होते हैं, जो घर में सकारात्मक प्रभाव लाते हैं। आइए जानते हैं कि घर में शंख रखना क्यों आवश्यक है, इसे किस प्रकार रखना चाहिए, और इसके उपयोग से जुड़े नियम क्या हैं।
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शंख रखने के नियम
- फोटो : Amar Ujala
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How to Place Shankh at Home: वास्तु शास्त्र का हमारे जीवन और घर पर गहरा प्रभाव पड़ता है। माना जाता है कि घर के वास्तु के अनुरूप नियमों का पालन करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। हालांकि अक्सर लोग इन बातों को नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे घर के वातावरण और परिवार के सदस्यों पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। शंख रखने से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण वास्तु नियम भी हैं, जो घर में सकारात्मक प्रभाव लाते हैं। आइए जानते हैं कि घर में शंख रखना क्यों आवश्यक है, इसे किस प्रकार रखना चाहिए, और इसके उपयोग से जुड़े नियम क्या हैं।
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शंख के प्रकार और उनका महत्व
- फोटो : adobe stock
शंख के प्रकार और उनका महत्व
शंख मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं।
दक्षिणावर्ती शंख: इसका मुख दाईं ओर खुलता है और इसे लक्ष्मी जी का स्वरूप माना जाता है। यह पूजा के लिए उपयुक्त होता है।
वामावर्ती शंख: इसका मुख बाईं ओर खुलता है। यह दुर्लभ होता है और शिव जी को समर्पित माना जाता है। इस प्रकार का शंख घर में रखने से पहले किसी विशेषज्ञ या पंडित से परामर्श अवश्य करना चाहिए।
शंख मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं।
दक्षिणावर्ती शंख: इसका मुख दाईं ओर खुलता है और इसे लक्ष्मी जी का स्वरूप माना जाता है। यह पूजा के लिए उपयुक्त होता है।
वामावर्ती शंख: इसका मुख बाईं ओर खुलता है। यह दुर्लभ होता है और शिव जी को समर्पित माना जाता है। इस प्रकार का शंख घर में रखने से पहले किसी विशेषज्ञ या पंडित से परामर्श अवश्य करना चाहिए।
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शंख रखने की दिशा और स्थान
- फोटो : adobe stock
शंख रखने की दिशा और स्थान
- शंख को हमेशा पूजा स्थल या घर की उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) में रखा जाना चाहिए।
- शंख रखने से पहले उस स्थान को साफ करके पवित्र करें।
- इसे कभी भी सीधे जमीन पर न रखें, बल्कि साफ कपड़े या स्टैंड पर रखें।
- शंख का मुख ऊपर की ओर होना चाहिए, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह हो।
शंख बजाने के विशेष नियम
- फोटो : adobe stock
शंख बजाने के विशेष नियम
- पूजा में उपयोग किए जाने वाले शंख को बजाने से बचना चाहिए।
- घर में दो अलग-अलग शंख रखे जा सकते हैं—एक पूजा के लिए और दूसरा बजाने के लिए।
- पूजा के दौरान शंख में गंगाजल या पानी भरकर भगवान का अभिषेक करें।
- शंख बजाने के लिए सुबह और शाम का समय उपयुक्त माना गया है।
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शंख रखने के लाभ
- फोटो : freepik
शंख रखने के लाभ
वास्तु दोष निवारण: शंख को उत्तर-पूर्व दिशा में रखने से वास्तु दोष समाप्त होते हैं।
धन और समृद्धि: इसे लक्ष्मी जी का प्रतीक मानते हुए पूजा स्थल पर रखने से धन-धान्य की वृद्धि होती है।
सकारात्मक ऊर्जा: शंख बजाने और उसमें भरे जल के छिड़काव से घर का वातावरण शुद्ध होता है।
स्वास्थ्य लाभ: आयुर्वेद के अनुसार, शंख का जल रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक होता है।
मानसिक शांति: शंख की ध्वनि तनाव कम करती है और मानसिक शांति प्रदान करती है।
शंख को सही तरीके से उपयोग में लाकर घर में शुभ ऊर्जा और समृद्धि का संचार किया जा सकता है।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।
वास्तु दोष निवारण: शंख को उत्तर-पूर्व दिशा में रखने से वास्तु दोष समाप्त होते हैं।
धन और समृद्धि: इसे लक्ष्मी जी का प्रतीक मानते हुए पूजा स्थल पर रखने से धन-धान्य की वृद्धि होती है।
सकारात्मक ऊर्जा: शंख बजाने और उसमें भरे जल के छिड़काव से घर का वातावरण शुद्ध होता है।
स्वास्थ्य लाभ: आयुर्वेद के अनुसार, शंख का जल रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक होता है।
मानसिक शांति: शंख की ध्वनि तनाव कम करती है और मानसिक शांति प्रदान करती है।
शंख को सही तरीके से उपयोग में लाकर घर में शुभ ऊर्जा और समृद्धि का संचार किया जा सकता है।
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डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।

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