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धर्म के नाम पर बंटवारा हुआ तो ये हिंदू- मुसलमान बिजनेसमैन दोस्त भी बंट गए, ऐसी है महिंद्रा एंड महिंद्रा की कहानी
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अवधेश कुमार
Updated Mon, 18 May 2020 05:39 PM IST
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आनंद महिंद्रा (फाइल फोटो)
- फोटो : सोशल मीडिया
जब से भारत और पाकिस्तान दो अलग अलग मुल्क बने तब से इन दोनों देशों के रिश्ते कभी अच्छे नहीं रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी की नींव इन्हीं देशों के दो दोस्तों ने रखी थी। आज भी लोग इस दोस्ती की मिसाल देते हैं। बता दें कि 1945 में दो भाइयों केसी महिंद्रा और जेसी महिंद्रा के साथ मिलकर गुलाम मोहम्मद ने महिंद्रा एंड मोहम्मद यानी एम एंड एम नाम की कंपनी की स्थापना की थी। लेकिन 1947 में जब भारत आजाद हुआ तो यह मुल्क दो भागों में बंट गया। जिस तरह दो धर्मों के नाम पर देश का बंटवारा हुआ उसी तरह ये हिंदू-मुसलमान दोस्त भी बंट गए।
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आनंद महिंद्रा
- फोटो : सोशल मीडिया
मोहम्मद ने पाकिस्तान जाने का फैसला किया तो सब हैरान रह गए
गुलाम मोहम्मद पाकिस्तान चले गए और वह पाक के पहले वित्त मंत्री बने। महिंद्रा को आज हम ऑटो सेक्टर के लिए जानते हैं। जबकि महिंद्रा एंड मोहम्मद की नींव एक स्टील कंपनी के तौर पर रखी गई थी। जिसे मुंबई में अंजाम दिया गया था। मोहम्मद एंड महिंद्रा बंधुओ का सपना एम एंड एम को देश की बेहतरीन स्टील कंपनी बनाना था। बता दें कि जब आजादी की घोषणा हुई और गुलाम मोहम्मद ने पाकिस्तान जाने का फैसला किया तो सब हैरान रह गए। मोहम्मद की पहचान एक धर्मनिरपेक्ष इंसान के रूप में थी। लोग उनका काफी सम्मान करते थे।
गुलाम मोहम्मद पाकिस्तान चले गए और वह पाक के पहले वित्त मंत्री बने। महिंद्रा को आज हम ऑटो सेक्टर के लिए जानते हैं। जबकि महिंद्रा एंड मोहम्मद की नींव एक स्टील कंपनी के तौर पर रखी गई थी। जिसे मुंबई में अंजाम दिया गया था। मोहम्मद एंड महिंद्रा बंधुओ का सपना एम एंड एम को देश की बेहतरीन स्टील कंपनी बनाना था। बता दें कि जब आजादी की घोषणा हुई और गुलाम मोहम्मद ने पाकिस्तान जाने का फैसला किया तो सब हैरान रह गए। मोहम्मद की पहचान एक धर्मनिरपेक्ष इंसान के रूप में थी। लोग उनका काफी सम्मान करते थे।
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Anand Mahindra
- फोटो : Twitter
अंग्रेजी में रह गया वही नाम
आजादी के बाद गुलाम मोहम्मद पाकिस्तान जा चुके थे। इसके बाद महिंद्रा बंधुओं ने इस कंपनी को आगे बढ़ाने का फैसला किया। वहीं बाद में इसका नाम महिंद्रा एंड महिंद्रा किया गया। दोनों भाइयों का महिंद्रा एंड महिंद्रा नाम रखने का तर्क यह था क्योंकि पहले से ही काफी स्टेशनरी छप चुकी थी जो कि एम एंड एम नाम से थी। अगर वह कुछ और नाम रखते तो स्टेशनरी के रूप में उन्हें काफी बड़ा नुकसान झेलना पड़ता। इसके चलते अंग्रेजी में नाम महिंद्रा एंड महिंद्रा ही रह गया। नाम बदलने के बाद महिंद्रा बंधुओं ने ऑटो सेक्टर में कदम रखने का फैसला किया।
आजादी के बाद गुलाम मोहम्मद पाकिस्तान जा चुके थे। इसके बाद महिंद्रा बंधुओं ने इस कंपनी को आगे बढ़ाने का फैसला किया। वहीं बाद में इसका नाम महिंद्रा एंड महिंद्रा किया गया। दोनों भाइयों का महिंद्रा एंड महिंद्रा नाम रखने का तर्क यह था क्योंकि पहले से ही काफी स्टेशनरी छप चुकी थी जो कि एम एंड एम नाम से थी। अगर वह कुछ और नाम रखते तो स्टेशनरी के रूप में उन्हें काफी बड़ा नुकसान झेलना पड़ता। इसके चलते अंग्रेजी में नाम महिंद्रा एंड महिंद्रा ही रह गया। नाम बदलने के बाद महिंद्रा बंधुओं ने ऑटो सेक्टर में कदम रखने का फैसला किया।
आनंद महिंद्रा
- फोटो : सोशल मीडिया
केसी महिंद्रा ने अमेरिका में देखा था जीप बनाने का सपना
सबसे पहले महिंद्रा एंड महिंद्रा ने जीप का उत्पादन किया। जीप का यह आइडिया केसी महिंद्रा को अमेरिका में नौकरी करने के दौरान आया था। तब महिंद्रा ने अमेरिकन कंपनी में काम के दौरान एक जीप देखी थी। यह जीप बनाने का सपना उन्होंने अमेरिका में ही देख लिया था। जिसे उन्होंने भारत आकर पूरा किया और उनकी कंपनी ने जीप का उत्पादन किया। वहीं बाद में कपनी ने कमर्शियल वाहन और ट्रैक्टर का उत्पादन किया।
सबसे पहले महिंद्रा एंड महिंद्रा ने जीप का उत्पादन किया। जीप का यह आइडिया केसी महिंद्रा को अमेरिका में नौकरी करने के दौरान आया था। तब महिंद्रा ने अमेरिकन कंपनी में काम के दौरान एक जीप देखी थी। यह जीप बनाने का सपना उन्होंने अमेरिका में ही देख लिया था। जिसे उन्होंने भारत आकर पूरा किया और उनकी कंपनी ने जीप का उत्पादन किया। वहीं बाद में कपनी ने कमर्शियल वाहन और ट्रैक्टर का उत्पादन किया।
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anand mahindra
कौन थे गुलाम मोहम्मद
गुलाम मोहम्मद पंजाब के पश्तो कबीले काकजई के मिडिल क्लास परिवार से थे। उन्होंने अलीगढ़ से ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की। आजादी के बाद वह 1947 में पाकिस्तान चले गए और पहले वित्त मंत्री बने। वहीं लियाकत अली की हत्या के बाद वह पाकिस्तान के तीसरे गवर्नर जनरल भी बने।
गुलाम मोहम्मद पंजाब के पश्तो कबीले काकजई के मिडिल क्लास परिवार से थे। उन्होंने अलीगढ़ से ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की। आजादी के बाद वह 1947 में पाकिस्तान चले गए और पहले वित्त मंत्री बने। वहीं लियाकत अली की हत्या के बाद वह पाकिस्तान के तीसरे गवर्नर जनरल भी बने।