बिहार विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी ने उम्मीदवारों के चयन में बड़ा बदलाव किया है। भाजपा ने 21 मौजूदा विधायकों का टिकट काटकर पूरे राजनीतिक समीकरण को हिला दिया है। इस फैसले के पीछे चेहरों का बदलाव, जातीय संतुलन और दलगत निष्ठा जैसे कई कारण बताए जा रहे हैं। भाजपा को इस चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के तहत 101 सीटें मिली हैं, जबकि पिछली बार उसने 110 प्रत्याशी उतारे थे। तब 74 सीटों पर पार्टी को जीत मिली थी। इस बार भाजपा ने कुछ ऐसी सीटें भी सहयोगी दलों को दे दी हैं, जहां वह पिछले चुनाव में बहुत कम अंतर से हारी थी।
Bihar BJP Candidate: बिहार चुनाव में भाजपा ने किसका टिकट काटा, किसे दिया? किस जाति को कितनी तरजीह; पढ़ें सबकुछ
Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार बीजेपी में बदलाव की ऐसी आंधी चली की नामचीन चेहरे ही सियासी हवा में उड़ गए। कई ऐसे दिग्गजों का टिकट काट दिया गया, जिन्हें इसकी रत्ती भर भी उम्मीद नहीं थी। कई नए लोगों को मौका दिया गया। पढ़ें पूरी खबर


मौजूदा 21 विधायकों का टिकट छीना गया
भाजपा ने 21 ऐसे विधायकों को टिकट नहीं दिया, जो या तो पुराने चेहरे थे या फिर पिछले कुछ समय में पार्टी के भीतर उनकी भूमिका पर सवाल उठे थे। कुछ विधायक ऐसे भी थे जो दूसरे दलों से आकर भाजपा में शामिल हुए थे और कुछ पर फ्लोर टेस्ट के दौरान संदिग्ध भूमिका के आरोप लगे थे। सीतामढ़ी की रीगा सीट से मोतीलाल प्रसाद की जगह बैद्यनाथ प्रसाद को टिकट दिया गया है।
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सीतामढ़ी से पूर्व सांसद सुनील कुमार पिंटू को मौका
सीतामढ़ी के ही विधायक मिथिलेश कुमार की जगह पूर्व सांसद सुनील कुमार पिंटू को मौका मिला है। मधुबनी की राजनगर सीट पर रामप्रीत पासवान की जगह सुजीत पासवान को उतारा गया है। अररिया के नरपतगंज में जयप्रकाश यादव की जगह देवंती यादव को प्रत्याशी बनाया गया है। दरभंगा की गौड़ागौराम सीट पर स्वर्णा सिंह की जगह सुजीत कुमार सिंह को मौका मिला है। मुजफ्फरपुर की औराई सीट से रामसूरत राय की जगह लोकसभा चुनाव में बगावत करने वाले अजय निषाद की पत्नी रमा निषाद को टिकट दिया गया है।

बांका की कटोरिया सीट पर डॉ. निक्की हेम्ब्रम की जगह पूरण लाल टुडू को उतारा गया है। पटना के कुम्हरार से अरुण कुमार सिन्हा की जगह संजय गुप्ता को टिकट दिया गया है। पटना साहिब से नंद किशोर यादव की जगह रत्नेश कुशवाहा को प्रत्याशी बनाया गया है। पटना की बाढ़ सीट पर ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू की जगह डॉ. सियाराम सिंह को मौका मिला है। भोजपुर की आरा सीट पर अमरेंद्र प्रताप सिंह की जगह संजय सिंह ‘टाइगर’ को उतारा गया है। सारण के छपरा में डॉक्टर सी. एन. गुप्ता की जगह छोटी कुमारी को प्रत्याशी बनाया गया है।
अलीनगर सीट से मैथिली ठाकुर को मौका
दरभंगा की अलीनगर सीट पर मिश्रीलाल यादव के राजद में जाने के बाद यह सीट लोक गायिका मैथिली ठाकुर को दी गई है। गोपालगंज में उपचुनाव से जीतकर आईं कुसुम देवी की जगह जिला परिषद अध्यक्ष सुभाष सिंह को उतारा गया है। पश्चिम चंपारण की रामनगर सीट से भागीरथी देवी की जगह नंद किशोर राम को प्रत्याशी बनाया गया है। 2024 में फ्लोर टेस्ट के दौरान भागीरथी देवी का पार्टी से संपर्क नहीं होना भी टिकट कटने की एक अहम वजह माना जा रहा है। इसी जिले की नरकटियागंज सीट पर रश्मि वर्मा की जगह संजय पांडेय को मौका दिया गया है। भागलपुर की पीरपैंती सीट पर ललन कुमार की जगह मुरारी पासवान को प्रत्याशी बनाया गया है।
चार सीटों पर सहयोगी दलों को मिला मौका
भाजपा ने चार मौजूदा विधायकों की सीटें सहयोगी दलों के लिए छोड़ दी हैं। गोविंदगंज सीट से भाजपा विधायक सुनील मणि तिवारी का टिकट काटकर यह सीट लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को दे दी गई है, जहां से राजू तिवारी को प्रत्याशी बनाया गया है। भागलपुर के कहलगांव से भाजपा विधायक पवन कुमार यादव की सीट जनता दल यूनाइटेड को दी गई है। यहां से जदयू ने शुभानंद मुकेश को प्रत्याशी बनाया है। बरौली में भाजपा विधायक राम प्रवेश राय की सीट भी जदयू के खाते में चली गई है, जहां से मंजीत सिंह को मौका मिला है। मुजफ्फरपुर की पारु सीट भाजपा विधायक अशोक कुमार सिंह से लेकर उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा को दी गई है, जहां से मदन चौधरी को प्रत्याशी बनाया गया है।