Ajab Gajab: लेडीज साइकिल में आगे क्यों नहीं लगा होता है डंडा? मिल गया जवाब
इसके बाद साल 1865 में पैर से पैडल घुमाने वाले पहिए का आविष्कार हुआ जिसे इसे वेलाॅसिपीड कहा जाता था। इसके बाद साइकिल को 1872 में सुंदर रूप मिला। इसके बाद इसमें लोहे की पतली पट्टी के पहिए लगाए गए जिसे आधुनिक साइकिल कहा गया। आज साइकिल का यही रूप उपलब्ध है।
इस समय बाजार में आपको कई तरह की साइकिल मिल जाएंगी। लेकिन आपने बाजार में देखा होगा कि पुरुष और महिला के लिए अलग-अलग तरह की साइकिल मिलती हैं और दोनों की बनावट अलग होती है। महिलाओं की साइकिल में सामने डंडे नहीं होते और उनके लिए बनने वाली गाड़ियों में सामने खुली जगह होती है। लोगों के मन में कई बार यह सवाल आता है कि आखिर महिलाओं की साइकिल में सामने खुली जगह क्यों होती है?
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एक वेबसाइट के मुताबिक, साइकिल में सामने लगे डंडे से उसके फ्रेम को मजबूती मिलती है, लेकिन महिलाओं के कपड़ों को ध्यान में रखकर उनके लिए ऐसी साइकिल बनाई जाती हैं।
दरअसल डंडे की वजह से महिलाओं को साइकिल चलाने परेशानी होती थी, क्योंकि उनके कपड़े ऊपर उठ जाते थे। इसकी वजह से लेडीज साइकिल से डंडे को हटा दिया गया। लड़कियों के ड्रेसअप की वजह से उनकी साइकिल से डंडा हटा दिया गया। डंडा नहीं होने से वह आसानी साइकिल को चला सकती हैं।