गुफाओं में ध्यान करना मनीषियों, ऋषि-मुनियों साधकों को हमेशा से प्रिय रहा है। आज भी साधक उतर भारत हिमालय आदि के कंदराओं में ध्यान मग्न रहते हैं। लोकसभा चुनाव 2019 का प्रचार अभियान खत्म हो गया है। चुनाव प्रचार समाप्त होते ही पीएम मोदी भगवान शिव के 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक बाबा केदारनाथ धाम पहुंचे हैं। पीएम मोदी भी केदारनाथ धाम में 12000 फीट पर गुफा में शिव साधना करेंगे और कल (19 मई) बदरीनाथ के दर्शन करेंगे। आप भी जानिए आखिर प्राचीन भारत में गुफाओं का क्या महत्व है?
भारत में ऐसा है गुफाओं का महत्व, इसलिए पीएम मोदी पहुंचे केदारनाथ धाम की रुद्र गुफा
पहला तो यह कि पहाड़ों में गुफा के अंदर एकांत और शांत वातावरण मिलता है, जिससे साधक अपने आप को प्रकृति से बहुत ही जल्द जोड़ लेता है। दूसरा नाद अनुसंधान में गुफा में ध्यान लगाना और नाद पर ध्यान केंद्रित करना बहुत ही आसान हो जाता है। अगर गुफा के अंदर नाद अनुसंधान किया जाए तो बगैर किसी बाहरी बाधा के सीधे नाद श्रवण किया जा सकता है।
तीसरा ध्यान करते हुए आपके शरीर से जो ध्यान में सहायक ऊर्जा निकलती है वह गुफा में स्टोर हो जाती है, गुफा उसे बाहरी वातावरण में लीन नहीं होने देती। तो संग्रहित ऊर्जा जब आप दुबारा ध्यान लगाते हैं तो आपके लिए सहायक हो जाती है जो की आप ही की ऊर्जा है और आपका ध्यान में प्रवेश शीघ्र हो जाता है। इसलिए कई बार किसी अन्य के द्वारा प्रयोग की गई गुफा में अगर कोई प्रथम बार भी ध्यान लगाता है तो सहजता से आलौकिक अनुभति प्राप्त करता है क्योंकि उस गुफा में किसी दूसरे के द्वारा छोड़ी गई सकारात्मक ऊर्जा मौजूद रहती है।
एक आलौकिक बात जो कई अन्य साधकों के अनुभव हैं और सत्य भी हैं। जब कोई व्यक्ति या साधक किसी गुफा की तलाश कर उसे अपनी साधना स्थली बनाता है तो उसे यह भी महसूस होता है कि उसके साथ गुफा में उसके अलावा भी कोई है। कई बार वैसे गुफाओं में जरूरत के सामान खाद्य सामाग्री आदि स्वत: प्राप्त हो जाते हैं। मतलब यह हुआ कि उस गुफा में साधक के अलावा भी कोई और सिद्ध पुरुष साधना कर रहा होता है अदृश्य रूप से। 'लिविंग विथ हिमालयन मास्टर' के लेखक सिद्ध संत स्वामी राम ने ऐसी घटनाओं का वर्णन अपने पुस्तक में किया है ।
एक ओर गुफा में साधना करने के लाभ हैं तो दूसरी ओर कुछ परेशानियां भी हैं। जैसे गुफाओं में सांप-बिच्छुओं का भी खतरा होता है। ऐसे में साधक दो बातों का सहारा लेता है या तो गुफा को पूर्ण रूप से साफ सुथरा करता रहता है या तो साधक जंगली जीव जंतुओं बिच्छू आदि को दूर रखने के लिए साबर मंत्रों का प्रयोग भी करते हैं।