रोमानिया में दुनिया के किसी भी देश के मुकाबले ज्यादा लोगों के पास घर हैं। यूरोस्टैट के आंकड़ों के मुताबिक, यहां के 96 फीसदी लोग अपने निजी घर में रहते हैं। लेकिन सरकारी नीतियों, अर्थव्यवस्था में हो रहे बदलाव, किराये की कम संभावना और मकान मालिक बनने के सामाजिक दबाव के कारण अलग-अलग पीढ़ियों के अनुभव अलग हैं।
इस देश की सरकारी नीतियां है काबिले तारीफ, यहां के 96 फीसदी लोगों के पास है अपना घर
संपत्ति बनाने की मानसिकता
रोमानिया की मुद्रा का अवमूल्यन हुआ था और मुद्रास्फीति बढ़ रही थी। इससे बेबी बूमर्स (1946 से 1964 के बीच जन्म लेने वाले लोग) के लिए घर खरीदना आसान हो गया था। सुडिटु कहते हैं, "1991 में किसी अपार्टमेंट के लिए एक लाख ल्यू की कीमत ज्यादा नहीं थी। 1994 में इतने में एक कलर टीवी मिलता था।"
उस समय घर खरीदना न सिर्फ सस्ता था, बल्कि 1996 के बाद रोमानिया सरकार ने कुछ घर बनवाए भी। स्वाभाविक तौर पर लोग निजी संपत्ति बना रहे थे। 66 साल की कार्मन रेली ने वह दौर देखा है। वह कहती हैं, "घर होने के कई फायदे हैं। मैंने अपने बच्चों को भी घर खरीदने के लिए प्रेरित किया।"
बेबी बूमर्स के बाद जब जेनरेशन एक्स के लोग (1960 से 1980 के बीच पैदा हुए) मकान मालिक बनने की स्थिति में पहुंचे, तब संपत्ति खरीदने को लेकर रोमानिया की सोच तो नहीं बदली, लेकिन वैश्विक वित्तीय संकट ने मकान खरीदना मुश्किल कर दिया। नये घरों की आपूर्ति घट गई।
रोमानिया ने 2009 की वैश्विक मंदी के बीच 'फर्स्ट होम प्रोग्राम' शुरू किया ताकि जिंदगी की पहली संपत्ति खरीदने के इच्छुक लोगों की मदद की जा सके। क्रेडिट ब्रोकर ड्रैगोस निशिफर कहते हैं, "इस कार्यक्रम ने रियल इस्टेट मार्केट को संभलने में मदद की। बिल्डर को प्रोत्साहन मिला और लोगों को केवल 5 फीसदी एडवांस पेमेंट करके लोन लेने की सहूलियत मिल गई।"
48 साल के कैटेलिन पॉमीनू का तलाक हुआ तो उन्हें अपना घर खोना पड़ा। दो साल पहले उन्हें दूसरा घर भी बैंक को सरेंडर करना पड़ा, क्योंकि कर्ज की किश्त उनकी तनख़्वाह के लगभग बराबर हो गई थी। कई बुरे अनुभव के बाद पॉमीनू ग्रामीण इलाके में एक घर खरीदने में कामयाब हुए। उनका यह घर बुखारेस्ट से 60 किलोमीटर दूर है। इसे खरीदने के लिए उन्होंने वह घर बेच दिया जिसे उनके मां-बाप ने 1990 के निजीकरण प्रोग्राम में खरीदा था।
पॉमीनू कहते हैं, "मेरे लिए यह सपना पूरा होने जैसा है। इस घर के साथ थोड़ी जमीन भी है। यह मेरा घर है जहां मैं जो चाहे कर सकता हूं और मैं जो भी करता हूं अपने लिए करता हूं।" एंथ्रोपोलॉजिस्ट और लेक्चरर बोगडन इयांकु कहते हैं, "रोमानिया का मध्यवर्ग उधार पर खड़ा है।"
दुनिया भर में मिलेनियल्स (1981 से 1996 के बीच पैदा हुए लोग) के पास घर के स्वामित्व होने की दर घट रही है। स्थायी रूप से किराये के घर में रहने का का चलन बढ़ा है। इयांकु के मुताबिक किराये के घर में रहना दूसरे देशों में सामान्य है, लेकिन रोमानिया में यह अस्थायी है।