जीएसटी काउंसिल ने 3 सितंबर को अप्रत्यक्ष करों की दरों में ऐतिहासिक सुधार करते हुए चार की जगह अब सिर्फ दो जीएसटी स्लैब को मंजूरी दे दी थी। काउंसिल में सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों ने आम सहमति से जीएसटी की सिर्फ दो दरों 5 और 18 फीसदी को मंजूरी दी थी। पनीर, छेना, टेट्रापैक दूध, रोटी, चपाती परांठा, खाकरा जैसी आम लोगों से जुड़ी खाद्य वस्तुओं, दुर्लभ बीमारियों और कैंसर की दवाओं पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा पॉलिसियों को भी करों से छूट दे दी गई। इसकी लंबे अरसे से मांग उठ रही थी। वहीं, फास्ट फूड, धनाढ्य वर्ग के उपभोग में आने वाली लग्जरी कारों समेत शराब, तंबाकू जैसी चुनिंदा विलासिता की एवं जीवन के लिए हानिकारक वस्तुओं के लिए 40 फीसदी का विशेष कर स्लैब बनाया गया है।
GST Reforms: जीएसटी सुधार से हर वर्ग को राहत, खपत व अर्थव्यवस्था को मिलेगी रफ्तार; कम होगा लोगों की जेब का बोझ
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को बताया था कि जीएसटी की नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी। इस फैसले से 175 से अधिक वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी। वर्तमान में जीएसटी की चार दरें 5, 12, 18 और 28 फीसदी लागू हैं। काउंसिल की करीब साढ़े दस घंटे की बैठक के बाद सीतारमण ने बताया था कि ये सुधार आम आदमी को ध्यान में रखकर किए गए हैं।


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बीमा प्रीमियम
15 फीसदी तक होगी बचत, बढ़ेगी इंश्योरेंस पहुंच
जीएसटी परिषद का व्यक्तिगत स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर टैक्स 18 फीसदी से घटाकर शून्य करने का फैसला देश में तेजी से इंश्योरेंस की पहुंच बढ़ाने में मददगार होगा। इस कदम से न सिर्फ व्यक्तियों और परिवारों के लिए बीमा अधिक सस्ता हो जाएगा, बल्कि प्रीमियम का बोझ भी 15 फीसदी तक कम हो जाएगा। साथ ही, 2047 तक सबको बीमा मुहैया कराने का सरकार का लक्ष्य भी पूरा होगा। जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में लिए गए फैसले के तहत 22 सितंबर, 2025 से सभी तरह की व्यक्तिगत जीवन बीमा पॉलिसी और उनके पुनर्बीमा पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा। इनमें टर्म लाइफ, यूलिप और एंडोमेंट प्लान शामिल हैं। सभी व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी और उनके पुनर्बीमा को भी जीएसटी के दायरे से बाहर कर दिया गया है। इनमें फैमिली फ्लोटर और वरिष्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी शामिल हैं।
वर्तमान में, अगर आधार प्रीमियम 2,000 रुपये है, तो 18 फीसदी जीएसटी जोड़ने के बाद कुल भुगतान 2,360 रुपये बनता है। यानी जीएसटी के रूप में 360 रुपये का अतिरिक्त भुगतान करना पड़ता है। अब जीएसटी शून्य होने से सिर्फ आधार प्रीमियम का ही भुगतान करना होगा, जिससे बीमा अधिक किफायती होगा।
15,000 रुपये के प्रीमियम पर अब 2,700 की बचत
अगर कोई व्यक्तिगत पॉलिसीधारक अभी 18 फीसदी जीएसटी के साथ 15,000 रुपये का प्रीमियम चुकाता है, तो जीएसटी 2.0 के तहत उसका खर्च 18 फीसदी कम हो जाएगा। इसका मतलब है कि नया प्रीमियम 12,300 रुपये होगा, जिससे पॉलिसीधारक को 2,700 रुपये की बचत होगी।
उपभोक्ताओं तक लाभ पहुंचाएं कंपनियां
हम यह सुनिश्चित करेंगे कि बीमा कंपनियां जीएसटी से दी गई राहत का लाभ उपभोक्ताओं को दें। हम चाहते हैं कि बीमा आम आदमी के लिए किफायती बने। देश में इसकी कवरेज का विस्तार हो।
निर्मला सीतारमण, केंद्रीय वित्त मंत्री

वाहन
8.5% तक सस्ती होंगी गाड़ियां, बढ़ेगी बिक्री
क्रिसिल के मुताबिक, जीएसटी में कटौती से आंतरिक दहन इंजन (आईसीई) और हाइब्रिड वाहनों में एंट्री-लेवल हैचबैक, प्रीमियम हैचबैक, कॉम्पैक्ट सेडान और सब-कॉम्पैक्ट एसयूवी की कीमतें 8.5 फीसदी तक घटेंगी। इनमें 1,200 सीसी पेट्रोल या 1,500 सीसी डीजल इंजन वाले वाहन शामिल हैं। बड़ी सेडान, कॉम्पैक्ट एसयूवी, मिड-साइज एसयूवी और 1,500 सीसी से कम इंजन वाले बहुउद्देश्यीय वाहन (अर्टिगा) 3.5 फीसदी तक सस्ती हो जाएंगी। प्रीमियम एसयूवी (एक्सयूवी-700) और 1,500 सीसी से अधिक इंजन वाले एमपीवी (इनोवा) के दाम 6.7 फीसदी तक घट जाएंगे।
दोपहिया वाहन
आईसीई दोपहिया वाहनों में एक को छोड़कर लगभग सभी श्रेणियों की कीमतें 7.8 फीसदी तक घटेंगी। 350 सीसी से अधिक इंजन वाले प्रीमियम दोपहिया वाहन 6.9% महंगे होंगे।
'सही दिशा में उठाया गया कदम'
मर्सिडीज-बेंज इंडिया के एमडी संतोष अय्यर ने कहा, यह जीएसटी संशोधन सही दिशा में उठाया गया कदम है। यह खपत को बढ़ावा देकर वाहन उद्योग को गति प्रदान करेगा।

रियल एस्टेट
लागत घटेगी, सस्ता घर खरीदने का पूरा होगा सपना
सीमेंट पर जीएसटी को 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी करने से रियल एस्टेट क्षेत्र और खासकर किफायती आवास सेगमेंट को बड़ा फायदा होगा। निर्माण लागत कम होने से सस्ता घर खरीदने का सपना पूरा होगा। किफायती आवास में मांग बढ़ सकती है।
ड्रीम होम का सपना देख रहे खरीदारों को सरकार के इस फैसले से दो तरह से फायदा होगा।
- पहला: घर बनाने की लागत निर्माण सामग्री खासकर सीमेंट की अहम हिस्सेदारी होती है। सीमेंट पर जीएसटी कम होने से लोगों के लिए खुद का घर बनाना सस्ता होगा।
- दूसरा: निर्माण की लागत घटेगी, जिससे फ्लैट, अपार्टमेंट्स की कीमतों में कमी आ सकती है।
आवासीय क्षेत्र पर सकारात्मक असर
एनारॉक ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी का कहना है कि जीएसटी 2.0 का आवासीय क्षेत्र पर सकारात्मक असर पड़ेगा। सीमेंट जैसी निर्माण सामग्री पर टैक्स कटौती से डेवलपर्स की लागत में तीन से पांच फीसदी तक की कमी आ सकती है।

दवा और चिकित्सा
सस्ता होगा इलाज, मरीजों को मिलेगी राहत
दवाओं एवं चिकित्सा उपकरणों पर जीएसटी को घटाकर पांच फीसदी और 33 जीवनरक्षक दवाओं को करमुक्त करना मरीजों के लिए राहतभरा फैसला है। इससे इलाज सस्ता होगा। ऑर्गेनाइजेशन ऑफ फार्मास्यूटिकल प्रोड्यूसर्स ऑफ इंडिया (ओपीपीआई) के महानिदेशक अनिल मताई ने कहा, सरकार का यह साहसिक कदम मरीजों और उनके परिवारों पर पड़ने वाले इलाके के आर्थिक बोझ को काफी हद तक कम करेगा।
33 जीवनरक्षक दवाओं पर शून्य जीएसटी
- इंडियन फार्मास्युटिकल अलायंस के महासचिव सुदर्शन जैन ने कहा, जीवनरक्षक और कैंसर की दवाओं को जीएसटी से मुक्त करने का सरकार का फैसला एक ऐसा कदम है, जिससे मरीजों और उनके परिवारों को सीधी राहत मिलेगी।
- अपोलो हेल्थ कंपनी लिमिटेड की कार्यकारी चेयरपर्सन शोभना कामिनेनी ने कहा, दवाओं और चिकित्सीय आपूर्तियों पर की गई कटौती हर घर तक किफायती इलाज पहुंचाने वाला कदम है। सरकार ने मध्य वर्ग को केंद्र में रखकर लाखों लोगों को सम्मानजनक तरीके से स्वास्थ्य सेवाएं पाने में सक्षम बनाया है।