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ADGP Suicide Case: लैपटॉप देने से परिजनों का इनकार..फाइनल नोट इसी पर हुआ था टाइप; सबूतों के अभाव में अटकी जांच

संदीप खत्री, संवाद न्यूज एजेंसी, चंडीगढ़ Published by: शाहरुख खान Updated Mon, 13 Oct 2025 06:10 PM IST
सार

एडीजीपी आत्महत्या मामले की जांच अटकी हुई है। अब परिजनों ने लैपटॉप देने से इनकार कर दिया है। बिना पोस्टमार्टम जांच आगे नहीं बढ़ सकती है। फाइल नोट इसी लैपटॉप पर टाइप हुआ था। फिंगरप्रिंट और ईमेल की जांच आवश्यक है।

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ADGP Suicide Case family refused to hand over laptop investigation cannot proceed without a post-mortem
ADGP Suicide Case - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
एडीजीपी आत्महत्या मामले की जांच कई अहम सबूतों के अभाव और प्रक्रिया में रुकावट के चलते आगे नहीं बढ़ पा रही है। सूत्रों के अनुसार परिजनों ने उस लैपटॉप को पुलिस को देने से इन्कार कर दिया है जिसमें फाइल नोट टाइप किया गया था। 


इस कारण पुलिस की तफ्तीश फिलहाल अटक गई है। सूत्र बताते हैं कि जांच आगे बढ़ाने के लिए सबसे पहले आधिकारिक तौर पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट की आवश्यकता है। ताकि स्पष्ट हो सके कि मामला वास्तव में आत्महत्या से संबंधित है या नहीं।
ADGP Suicide Case family refused to hand over laptop investigation cannot proceed without a post-mortem
आईएएस अमनीत पी कुमार के आवास पर पहुंचे दुष्यंत चौटाला व अन्य - फोटो : अमर उजाला
इसके अलावा, अभी तक यह भी पता नहीं चल पाया है कि आत्महत्या से पहले एडीजीपी वाई पूरण कुमार ने किस-किस को ईमेल भेजे और किस परिस्थिति में। लैपटॉप मिलने के बाद पुलिस के लिए फिंगरप्रिंट लेना बेहद जरूरी होगा ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि फाइल नोट किसने टाइप किया।
 
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सामने आया एडीजीपी का आखिरी फोटो - फोटो : सीसीटीवी वीडियो ग्रैब
जेल में बंद गनमैन से पूछताछ कर सकती है एसआईटी
एसआईटी चीफ पुष्पेंद्र कुमार ने हरियाणा पुलिस से जेल में बंद एडीजीपी के गनमैन के खिलाफ दर्ज एफआईआर का पूरा रिकॉर्ड मांगते हुए पत्र लिखा है। सूत्रों के अनुसार एसआईटी जल्द ही अदालत से अनुमति लेकर रोहतक जेल में बंद गनमैन सुशील से पूछताछ कर सकती है।
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आईपीएस अधिकारी वाई पूरण कुमार और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया की फाइल फोटो - फोटो : अमर उजाला
इंस्पेक्शन में पता चला है कि शराब ठेकेदार की ओर से लगाए गए अवैध वसूली के आरोप के बाद गिरफ्तार गनमैन ही स्पष्ट कर सकता है कि उसने एडीजीपी का नाम खुद लिया था या किसी षड्यंत्र के तहत उससे ऐसा करवाया गया। गनमैन के बयान एसआईटी की जांच के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं।
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वाई पूरण कुमार का शव पीजीआई में ले जाते हुए - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
पोस्टमार्टम के लिए परिजनों को लिखा पत्र
जांच अधिकारी डीएसपी चरणजीत सिंह विर्क ने रविवार को एडीजीपी के परिजनों को पत्र लिखकर पोस्टमार्टम करवाने की अपील की। सूत्रों के मुताबिक पत्र में स्पष्ट किया गया कि देरी से पोस्टमार्टम होने पर कई अहम सबूत प्रभावित हो सकते हैं। 
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