सब्सक्राइब करें

IAS Sanjay Popli: पिता की लाइसेंस पिस्टल से चली गई इकलौते बेटे की जान... सामने आई पुलिस की बड़ी लापरवाही

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: निवेदिता वर्मा Updated Sat, 25 Jun 2022 10:49 PM IST
विज्ञापन
license of pistol with which Karthik Popli was shot is in the name of his father IAS Sanjay Popli 
संजय पोपली और कार्तिक पोपली। - फोटो : फाइल
कार्तिक पोपली को जिस पिस्टल से गोली लगी है, उसका लाइसेंस पिता आईएएस संजय पोपली के नाम पर है। पुलिस के अनुसार,  विदेशी पिस्टल की गोली कार्तिक की कनपटी को चीरते हुए सीधे दीवार में जा धंसी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, पिस्टल में सिर्फ एक ही गोली थी। सेक्टर-11 थाना पुलिस ने कार्तिक के शव को जीएमएसएच-16 के शवगृह में रखवा दिया है। रविवार को शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा। 


पोपली की गिरफ्तारी के बाद उनके घर से मिले अवैध कारतूस मामले में यह पिस्टल जांच का हिस्सा थी। पुलिस अगर इसे कब्जे में ले लेती तो यह हादसा रुक सकता था। घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस जब कार्तिक को अस्पताल ले जाने लगी तो परिजन अड़ गए। कहा कि अब तो हमारा बेटा मर गया है, क्या करोगे ले जाकर। इसके बाद पुलिस ने कार्तिक की जान बचाने का हवाला देकर परिवार को समझाया और एंबुलेंस से कार्तिक को तुरंत सेक्टर-16 के अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। 
 
Trending Videos
license of pistol with which Karthik Popli was shot is in the name of his father IAS Sanjay Popli 
श्री पोपली और कार्तिक। - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
पोपली से पूछताछ करेगी चंडीगढ़ पुलिस
पंजाब विजिलेंस के इंस्पेक्टर सुखजिंदर सिंह की शिकायत पर चंडीगढ़ के सेक्टर-11 थाना पुलिस ने पोपली के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। इस मामले में पंजाब विजिलेंस जांच पूरी होने के बाद पोपली को प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आएगी। इसके बाद पोपली से पूछताछ करेगी कि वह हथियार कहां से लाया था।
 
विज्ञापन
विज्ञापन
license of pistol with which Karthik Popli was shot is in the name of his father IAS Sanjay Popli 
पुलिसवालों को कोसती संजय पोपली की पत्नी। - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
पुलिसकर्मियों से बोली मां- मेरा बेटा चला गया अब यहां क्यों खड़े हो
बेटे की मौत से बदहवास संजय पोपली की पत्नी ने सरकार और अधिकारियों को जमकर कोसा। कहा कि पूछताछ के नाम पर मेरे बेटे और परिवार को पुलिस ने खूब परेशान किया। वहीं, घटना के बाद मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों को देख कार्तिक पोपली की मां श्री का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने पुलिस को कोसते हुए कहा कि मेरा सबकुछ बर्बाद हो गया, अब मेरे घर में क्यों खड़े हो। इस दौरान कुछ महिला पुलिसकर्मी उन्हें घर के अंदर ले जाने के लिए आगे आईं तो उन्होंने हाथ झटकते हुए कहा कि मुझे छूने की जरूरत नहीं है। आप लोगों ने मिलकर मेरे बेटे को मारा है। 
 
license of pistol with which Karthik Popli was shot is in the name of his father IAS Sanjay Popli 
बेटे के खून से सने अपने हाथ दिखातीं श्री पोपली। - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
सरकार के साथ कभी नहीं बनी संजय पोपली की
1993 में पंजाब सिविल सेवाओं में चुने गए और 2008 में प्रमोट होकर आईएएस अधिकारी बने संजय पोपली की सरकार के साथ कभी नहीं बनी। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो द्वारा भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किए गए पोपली ने उच्च सिविल सेवा कैडर में प्रमोट होने के लिए सरकार के खिलाफ लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी थी। इस दौरान संजय पोपली को विभिन्न जिलों में एसडीएम के पद पर लगाया जाता रहा। हालांकि उस समय भी विवादों ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। 1997 में वह जब जलालाबाद में एसडीएम पद पर तैनात थे, तो वहां एक आला पुलिस अधिकारी से उनका झगड़ा इतना बढ़ा कि सरकार को मामला शांत करने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा, जिसके पुलिस अधिकारी भारी पड़े और पोपली का तबादला कर दिया गया। इसी तरह जब आईएएस प्रमोशन का समय आया तो सरकार ने मामला लटका दिया। उन्हें प्रमोशन के लिए इंटेग्रिटी सर्टिफिकेट (सत्यनिष्ठा प्रमाणपत्र) की जरूरत थी, जो तत्कालीन मुख्य सचिव ने जारी करने से इनकार कर दिया। तब संजय पोपली प्रमोशन की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ अदालत चले गए। 
विज्ञापन
license of pistol with which Karthik Popli was shot is in the name of his father IAS Sanjay Popli 
संजय पोपली। - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
आईएएस होने के बावजूद नहीं बने डीसी
लंबी अदालती लड़ाई जीतने पर ही वह आईएएस अधिकारी बन सके, लेकिन सरकार ने उन्हें आईएएस अधिकारी के तौर पर प्रमोट करके भी किसी जिले का डिप्टी कमिश्नर नहीं लगाया। हालांकि उन्हें बार-बार एसडीएम की कुर्सी संभालने से निजात मिल गई और सरकार ने उन्हें उद्योग विभाग और फिर एससी-बीसी कल्याण विभाग में नियुक्ति दी। उसके बाद उन्हें जलापूर्ति व सीवरेज बोर्ड की जिम्मेदारी सौंपी गई। लेकिन यह जिम्मेदारी निभाते हुए उन्होंने भ्रष्टाचार की नई इबारत लिख डाली, जिसके चलते इस समय वह विजिलेंस ब्यूरो की सलाखों के पीछे हैं। गिरफ्तारी के समय वह पेंशन विभाग में कार्यरत थे।

 
विज्ञापन
अगली फोटो गैलरी देखें

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed