श्री गुरु तेग बहादुर का 350वां शहीदी दिवस: आनंदपुर साहिब में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब, सर्वधर्म सम्मेलन आयोजित
सीएम भगवंत मान ने सर्वधर्म सम्मेलन में कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस को समर्पित समागम पूरे साल चलेंगे। हर साल इस तरह के समागम आयोजित किए जाएंगे। इसका एकमात्र उद्देश्य आने वाली पीढ़ियों के लिए महान गुरु साहिब की शानदार विरासत को बनाए रखना है।
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नौवें पातशाह श्री गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत पर श्री आनंदपुर साहिब में श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा है। बाबा बुड्ढा दल छावनी के मुख्य पंडाल में रविवार को सर्वधर्म सम्मेलन आयोजित किया गया।
सिख, हिंदू, बौद्ध, जैन, ईसाई, इस्लाम और यहूदी धर्म के प्रसिद्ध आध्यात्मिक एवं धार्मिक नेता नौवें सिख गुरु श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस के अवसर पर श्रद्धा और सम्मान अर्पित करने के लिए एकत्रित हुए।
सीएम भगवंत मान ने इसमें हिस्सा लिया। सीएम ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस को समर्पित समागम पूरे साल चलेंगे। हर साल इस तरह के समागम आयोजित किए जाएंगे। इसका एकमात्र उद्देश्य आने वाली पीढ़ियों के लिए महान गुरु साहिब की शानदार विरासत को बनाए रखना है। उन्होंने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी ने मानव अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए दिल्ली जाकर शहादत दी जिसकी मिसाल विश्व के इतिहास में कहीं नहीं मिलती।
आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने इस दौरान नौवें पातशाह की महान शिक्षाओं पर चलने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि गुरु साहिब ने धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करते हुए महान बलिदान दिया। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि दुनिया भर के धार्मिक नेता महान गुरु साहिब को श्रद्धांजलि देने के लिए पंजाब सरकार के साथ श्री आनंदपुर साहिब की पवित्र धरती पर पहुंचे हैं।
इससे पहले विभिन्न धर्मों के आध्यात्मिक नेताओं ने अपने-अपने अंदाज में नौवें गुरु की शहादत को नमन किया। शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस और पर्यटन मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंद ने सर्व-धर्म सम्मेलन में पहुंचे आध्यात्मिक नेताओं का स्वागत किया। इस अवसर पर शिरोमणि पंथ अकाली बुड्ढा दल के जत्थेदार बाबा बलबीर सिंह, दमदमी टकसाल के मुखी बाबा हरनाम सिंह खालसा, बाबा सेवा सिंह रामपुर खेड़े वाले सहित कई सम्मानित सिख नेता उपस्थित रहे और प्रेम, सद्भावना, शांति तथा मानवता के संदेश नाम जपो, वंड छको का संदेश दिया।
आर्ट ऑफ लिविंग इंटरनेशनल आश्रम के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर ने धर्म के लिए गुरु जी की अनुपम शहादत को श्रद्धांजलि दी जबकि बिशप जोस सेबेस्टियन की ओर से फादर जॉन ने इसे पूरी दुनिया के लिए सर्वाेच्च उदाहरण बताया जो दूसरों के विश्वास और आस्था के लिए अपनी जान कुर्बान करने का एक महान कार्य है। चिश्ती फाउंडेशन के चेयरमैन एवं अजमेर शरीफ दरगाह के गद्दीनशीन हाजी सईद सलमान चिश्ती ने नौवें गुरु की शिक्षाओं को बड़े भावुक अंदाज में प्रस्तुत किया।
कश्मीरी पंडितों ने भी गुरु साहिब के बलिदान को किया नमन
इस दौरान कश्मीरी पंडित समुदाय के लिए भी गहरी भावनात्मक महत्ता पेश की जिनके प्रतिनिधियों ने अपने पूर्वजों की धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के लिए गुरु साहिब द्वारा दिए गए बलिदान को नमन किया।
श्री अखंड साहिब पाठ की शुरुआत
राज्य स्तरीय कार्यक्रमों की श्रृंखला के अंतर्गत गुरुद्वारा बाबा बुढ़ा दल छावनी में श्री अखंड साहिब पाठ की शुरुआत गुरमर्यादा के अनुसार की गई। इस मौके पर मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान, आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल समेत कई प्रमुख राजनीतिक नेताओं और देशभर से पहुंचे संत समाज ने हाजिरी लगाई और सरबत दे भले की अरदास में शामिल हुए।
संत समाज की बड़ी मौजूदगी समागम में संत समाज से बाबा बलबीर सिंह निहंग (मुखी 96 करोड़ी), हरनाम सिंह खालसा (दमदमी टकसाल मुखी), बाबा कश्मीर सिंह भूरीवाले, श्री श्री रवि शंकर, बाबा मोहिंदर सिंह, बाबा तीर्थ सिंह, आचार्य लोकेश मुनि जैन, तनवीर अहमद, बाबा निर्मल दास, बाबा लखा सिंह, बाबा घाला सिंह, हाजी सय्यद सलमान चिश्ती, डॉ. विन्नी (माउंट आबू), बाबा गुरबख्श सिंह (मंडी गोबिंदगढ़) सहित अन्य संत भी उपस्थित रहे। राजनीतिक हस्तियों ने भी जताई श्रद्धा कार्यक्रम में अरविंद केजरीवाल, सुनीता केजरीवाल, राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया, मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान,अमन अरोड़ा, बलजीत सिंह साहनी, हरपाल सिंह चीमा, मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलवीर सिंह, शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस, डॉ. गुरप्रीत कौर और चेतन सिंह जोड़ेमाजरा भी शामिल हुए। लोगों से कार्यक्रमों में शामिल होने की अपील अंत में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और अरविंद केजरीवाल ने लोगों से 23 से 25 नवंबर तक आनंदपुर साहिब में होने वाले कार्यक्रमों में उत्साहपूर्वक शामिल होने की अपील की ताकि एकता, भाईचारा और सामाजिक समरसता को और मजबूत किया जा सके।
15 घंटे देरी से आनंदपुर साहिब पहुंचा श्रीनगर का नगर कीर्तन
श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित 19 नवंबर को श्रीनगर से शुरू हुआ विशाल नगर कीर्तन रविवार को श्री आनंदपुर साहिब पहुंच गया। नगर कीर्तन के दौरान संगतों में भारी उत्साह देखने को मिला जिस कारण यह नगर कीर्तन 15 घंटे देरी से पहुंचा है।
श्री आनंदपुर साहिब में इस नगर कीर्तन के पहुंचने पर कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस और हरभजन सिंह ईटीओ ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। फूलों से सजी सुंदर पालकी साहिब में सुशोभित श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की छत्रछाया और पांच प्यारे और निशान साहिब की अगुवाई में सजे इस नगर कीर्तन का खालसे की जन्मभूमि श्री आनंदपुर साहिब में पहुंचने पर रूपनगर जिला प्रशासन एवं संगत ने भी भव्य स्वागत किया।
इस अवसर बैंस और हरभजन ईटीओ ने नगर कीर्तन में शामिल पांच प्यारे साहिबान एवं पांच निशानची साहिबान को सिरोपा भेंट किए। नगर कीर्तन के तख्त श्री केसगढ़ साहिब में माथा टेकने के बाद हरजोत बैंस ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब महाराज के स्वरूप को पूर्ण सम्मान के साथ गुरुद्वारा श्री सीस गंज साहिब में सुशोभित किया।
भाई बचित्तर सिंह गतका अखाड़ा हठूर के युवाओं ने उस्ताद हरप्रीत सिंह की देखरेख में 544 किलोमीटर लंबे मार्ग पर गतके के जौहर दिखाए। तख्त श्री केसगढ़ साहिब में माथा टेकने के मौके पर गतका अखाड़े के युवाओं ने शानदार प्रदर्शन किया।
इसी तरह 20 नवंबर को गुरदासपुर के गुरुद्वारा से शुरू हुए विशाल नगर कीर्तन भी रविवार को श्री आनंदपुर साहिब पहुंच गया। फूलों से सजी सुंदर पालकी साहिब में सुशोभित श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की छत्रछाया और पांच प्यारों तथा निशान साहिब की अगुवाई में सजाए गए इस नगर कीर्तन का श्री आनंदपुर साहिब में पहुंचने पर रूपनगर जिला प्रशासन और संगत ने भव्य स्वागत किया।
इस मौके पर कैबिनेट मंत्री बैंस और हरभजन ईटीओ द्वारा नगर कीर्तन में शामिल पांच प्यारे साहिबान और पांच निशानची साहिबान को सिरोपा भेंट किए। पंजाब सरकार द्वारा संगत के पूर्ण सहयोग से 20 नवंबर को गुरदासपुर से शुरू हुआ यह महान नगर कीर्तन बाबा बकाला, श्री अमृतसर साहिब, तरनतारन, श्री खडूर साहिब, कपूरथला, जालंधर, फगवाड़ा, बंगा, नवांशहर, टिब्बी साहिब रोपड़, नूरपुर बेदी होते हुए श्री आनंदपुर साहिब में समाप्त हुआ। यह नगर कीर्तन श्री आनंदपुर साहिब में 22 नवंबर को शाम 6 बजे पहुंचना था लेकिन रास्ते में पड़ने वाले गांवों-शहरों की संगतों द्वारा स्वागत के प्रबंधों के कारण यह नगर कीर्तन 12 घंटे की देरी से पहुंचा।