वैवाहिक जीवन की दूसरी पारी की शुरुआत करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान गुरुवार यानी सात जुलाई को चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर एक सादे समारोह में विवाह बंधन में बंधेंगे। 48 वर्षीय भगवंत मान पेशे से डॉक्टर गुरप्रीत कौर से विवाह करेंगे। 1993 में जन्मी गुरप्रीत कौर ने हरियाणा के मुलाना स्थित महर्षि मार्कंडेश्वर यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। इस मौके पर उनके परिवार के सदस्यों के अलावा पार्टी के शीर्ष नेता और राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया अपने परिवार सहित मौजूद रहेंगे।
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Bhagwant Mann Marriage: आज सीएम भगवंत मान की शादी, सात नहीं लेंगे चार फेरे, जानें इसके पीछे की वजह
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: ajay kumar
Updated Thu, 07 Jul 2022 12:29 AM IST
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सीएम भगवंत मान और डॉ. गुरप्रीत कौर।
- फोटो : फाइल

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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
भगवंत मान का अपनी पहली पत्नी इंद्रप्रीत कौर से 2015 में तलाक हो गया था। उस विवाह से मान के एक बेटा दिलशान और बेटी सीरत हैं, जोकि अमेरिका में अपनी मां के साथ ही रहते हैं। भगवंत मान मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए विवाह करने वाले पंजाब के पहले सीएम होंगे। गुरप्रीत कौर से मुख्यमंत्री मान का रिश्ता उनकी माता और बहन ने कराया है। 'आनंद कारज' गुरुवार दोपहर चंडीगढ़ स्थित मुख्यमंत्री के आवास पर होगा, जिसमें चंडीगढ़ सेक्टर-8 स्थित गुरुद्वारा साहिब के ग्रंथी लावां (फेरे) करवाएंगे। गौरतलब है कि सिख रीति रिवाज के अनुसार दूल्हा-दूल्हन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की हाजिरी में चार लावां (फेरे) करते हुए विवाह बंधन में बंधते हैं।
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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान।
- फोटो : फाइल
सिख धर्म में ऐसे है आनंद कारज की परंपरा
सिख धर्म में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की हाजिरी में आनंद कारज (विवाह) की रस्म निभाने की परंपरा है। इस परंपरा के तहत सबसे पहले दूल्हा पक्ष श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के समक्ष हाजिर होता है और इसके बाद दुल्हन अपने परिवार के साथ पहुंचती है। फिर ग्रंथी दोनों पक्षों की ओर से अरदास करवाते हैं। दुल्हन का पिता अपनी बेटी का पल्लू दूल्हे को थमाता है। इसके बाद दूल्हा और दुल्हन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की चार बार परिक्रमा करते हैं और इस दौरान ग्रंथी व रागी पाठ कीर्तन करते हैं। अंतिम चरण में विवाह होया मेरे बाबुला शब्द पढ़ा जाता है और अरदास होती है। रजिस्टर में दूल्हा-दुल्हन और उनके माता-पिता के हस्ताक्षर करवाए जाते हैं। सिख मैरिज एक्ट के तहत बाद में प्रमाण पत्र दिया जाता है।
सिख धर्म में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की हाजिरी में आनंद कारज (विवाह) की रस्म निभाने की परंपरा है। इस परंपरा के तहत सबसे पहले दूल्हा पक्ष श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के समक्ष हाजिर होता है और इसके बाद दुल्हन अपने परिवार के साथ पहुंचती है। फिर ग्रंथी दोनों पक्षों की ओर से अरदास करवाते हैं। दुल्हन का पिता अपनी बेटी का पल्लू दूल्हे को थमाता है। इसके बाद दूल्हा और दुल्हन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की चार बार परिक्रमा करते हैं और इस दौरान ग्रंथी व रागी पाठ कीर्तन करते हैं। अंतिम चरण में विवाह होया मेरे बाबुला शब्द पढ़ा जाता है और अरदास होती है। रजिस्टर में दूल्हा-दुल्हन और उनके माता-पिता के हस्ताक्षर करवाए जाते हैं। सिख मैरिज एक्ट के तहत बाद में प्रमाण पत्र दिया जाता है।

सीएम भगवंत मान और डॉ. गुरप्रीत कौर।
- फोटो : एएनआई
विवाह की तैयारियों का जिम्मा राघव चड्ढा पर
मु्ख्यमंत्री के आवास पर गुरुवार को एक सादे समारोह में भगवंत मान और गुरप्रीत कौर का विवाह होगा, जिसकी तैयारियों का जिम्मा आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राघव चड्ढा को सौंपा गया है। इस समारोह में चुनिंदा और परिवार के खास लोगों को ही निमंत्रण दिया गया है। समारोह राघव चड्ढा की देखरेख में होगा।
राघव चड्ढा ने भगवंत मान को दी शादी की बधाई
आप सांसद राघव चड्ढा ने सोशल मीडिया पर भगवंत मान के साथ अपनी एक तस्वीर साझा करते हुए उन्हें शादी की बधाई दी। दरअसल राघव चड्ढा ने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें ट्विटर का स्क्रीनशॉट भी अटैच किया है। उन्होंने लिखा है कि बड़े का नंबर छोटे के बाद ही आता है। ट्विटर का जो स्क्रीनशॉट है उसमें एक यूजर ने लिखा है कि और हम सोच रहे थे कि राघव चड्ढा ही आप में सबसे योग्य कुंवारे थे।
मु्ख्यमंत्री के आवास पर गुरुवार को एक सादे समारोह में भगवंत मान और गुरप्रीत कौर का विवाह होगा, जिसकी तैयारियों का जिम्मा आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राघव चड्ढा को सौंपा गया है। इस समारोह में चुनिंदा और परिवार के खास लोगों को ही निमंत्रण दिया गया है। समारोह राघव चड्ढा की देखरेख में होगा।
राघव चड्ढा ने भगवंत मान को दी शादी की बधाई
आप सांसद राघव चड्ढा ने सोशल मीडिया पर भगवंत मान के साथ अपनी एक तस्वीर साझा करते हुए उन्हें शादी की बधाई दी। दरअसल राघव चड्ढा ने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें ट्विटर का स्क्रीनशॉट भी अटैच किया है। उन्होंने लिखा है कि बड़े का नंबर छोटे के बाद ही आता है। ट्विटर का जो स्क्रीनशॉट है उसमें एक यूजर ने लिखा है कि और हम सोच रहे थे कि राघव चड्ढा ही आप में सबसे योग्य कुंवारे थे।
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सीएम भगवंत मान और डॉ. गुरप्रीत कौर।
- फोटो : फाइल
हरियाणा के पिहोवा निवासी हैं गुरप्रीत कौर
मुख्यमंत्री भगवंत मान की होने वाली पत्नी डॉ. गुरप्रीत कौर हरियाणा के पिहोवा की रहने वाली हैं। दोनों परिवारों में पहले से नजदीकियां हैं। डॉ. गुरप्रीत कौर के पिता इंद्रजीत सिंह नत पिहोवा खंड के गांव मदनपुर के पूर्व सरपंच हैं। इस समय उनका परिवार मोहाली में रहता है जबकि गुरप्रीत कौर राजपुरा में रहती हैं। अपने परिवार में गुरप्रीत कौर की दो बहनें अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में बसी हैं। गुरप्रीत कौर के चाचा एडवोकेट गुरविंदर जीत सिंह नत ने पिछले महीने ही आम आदमी पार्टी ज्वाइन की थी। उन्होंने 1991 में पिहोवा विधानसभा से आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव भी लड़ा था। वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री हरमोहिंद्र सिंह चट्ठा के भी नजदीकी रहे हैं। बाद में कांग्रेस छोड़कर वह आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे।
मुख्यमंत्री भगवंत मान की होने वाली पत्नी डॉ. गुरप्रीत कौर हरियाणा के पिहोवा की रहने वाली हैं। दोनों परिवारों में पहले से नजदीकियां हैं। डॉ. गुरप्रीत कौर के पिता इंद्रजीत सिंह नत पिहोवा खंड के गांव मदनपुर के पूर्व सरपंच हैं। इस समय उनका परिवार मोहाली में रहता है जबकि गुरप्रीत कौर राजपुरा में रहती हैं। अपने परिवार में गुरप्रीत कौर की दो बहनें अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में बसी हैं। गुरप्रीत कौर के चाचा एडवोकेट गुरविंदर जीत सिंह नत ने पिछले महीने ही आम आदमी पार्टी ज्वाइन की थी। उन्होंने 1991 में पिहोवा विधानसभा से आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव भी लड़ा था। वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री हरमोहिंद्र सिंह चट्ठा के भी नजदीकी रहे हैं। बाद में कांग्रेस छोड़कर वह आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे।