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17 सवाल और जवाब, जो बताते हैं डायबिटीज के बारे में वो सब कुछ, जो हर किसी को जानना चाहिए
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Updated Wed, 14 Nov 2018 04:22 PM IST
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17 सवाल और उनके जवाब, जो डायबिटीज के बारे में वो सब जानकारियां देंगे, जिन्हें जानना आपके लिए बेहद जरूरी है। वरना पछताना पड़ सकता है, तो पढ़ें...
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पीजीआई सहित अन्य संस्थानों की रिसर्च कहती है कि चंडीगढ़ डायबिटीज की राजधानी बनती जा रही है। आईसीएमआर के साथ पीजीआई की एक रिसर्च में सामने आ चुका है कि यहां के 13 प्रतिशत लोग डायबिटीज की चपेट में हैं, जबकि राष्ट्रीय औसत सात प्रतिशत है। यानि दोगुने के करीब। यही नहीं करीब इतने लोग प्री डायबिटीज की चपेट में हैं। इसका मतलब यह है कि यदि इन लोगों ने अपनी बीमारी को काबू नहीं किया तो अगले तीन से चार साल में ये मरीज भी डायबिटीज की चपेट में आ जाएंगे। पीजीआई के विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि मरीज डायबिटीज का मैनेजमेंट सही तरीके से करें तो इसे बहुत ही आसानी से निपटा जा सकता है। पीजीआई के तीन विशेषज्ञों से इंटरव्यू किए गए हैं, जो मरीज और आम लोगों के लिए काफी उपयोगी है।
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प्रो. संजय बडाडा, एंडोक्राइनोलाजी डिपार्टमेंट, पीजीआई से बातचीत
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सवाल : डायबिटीज क्या है
जवाब : डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है। हम जो भी खाना खाते हैं, वह ग्लूकोज में बदलकर खून में जाता और एनर्जी देता है। पैंनक्रियाज से निकलने वाला इंसुलिन हॉर्मोन ग्लूकोज को ब्लड सेल्स में जाने और ब्लड लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है। जब इंसुलिन लेवल गड़बड़ा जाता है तो डायबिटीज होती है। डायबिटीज दो प्रकार की है। टाइप वन और टाइप टू। आमतौर पर टाइप वन बचपन में हो जाती है, जबकि टाइप टू गलत लाइफस्टाइल, मोटापा और बढ़ती उम्र की वजह से होती है।
जवाब : डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है। हम जो भी खाना खाते हैं, वह ग्लूकोज में बदलकर खून में जाता और एनर्जी देता है। पैंनक्रियाज से निकलने वाला इंसुलिन हॉर्मोन ग्लूकोज को ब्लड सेल्स में जाने और ब्लड लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है। जब इंसुलिन लेवल गड़बड़ा जाता है तो डायबिटीज होती है। डायबिटीज दो प्रकार की है। टाइप वन और टाइप टू। आमतौर पर टाइप वन बचपन में हो जाती है, जबकि टाइप टू गलत लाइफस्टाइल, मोटापा और बढ़ती उम्र की वजह से होती है।
डायबिटीज
- फोटो : Self
सवाल : इसका कैसे पता लगाया जा सकता है?
जवाब : इसके लिए ब्लड शुगर का टेस्ट करवाना पड़ता है। यदि खाली पेट ग्लूकोज की मात्रा 100 से 125 है तो इसका मतलब है कि मरीज प्री डायबिटीज की चपेट में है। प्री डायबिटीज को डायबिटीज की पहले की स्थिति को कहते हैं। नार्मल व्यक्ति का खाली पेट शुगर लेवल 100 के नीचे होता है। 125 से ऊपर का मतलब मरीज डायबिटीज के चपेट में है। खाना खाने के बाद 140-199 आए तो प्री डायबिटिक और 200 के ऊपर डायबिटीज। एक टेस्ट और होता है, जिसे एचबीवनसी कहते हैं। इसकी नार्मल वैल्यू 5.7, प्री डायबिटीज 5.7 से 6.4 और 6.5 से ऊपर डायबिटीज। इस टेस्ट को एवरेज ब्लड शुगर टेस्ट भी कहते हैं। इससे पिछले तीन महीने के ऐवरेज ब्लड शुगर लेवल का पता लग जाता है।
जवाब : इसके लिए ब्लड शुगर का टेस्ट करवाना पड़ता है। यदि खाली पेट ग्लूकोज की मात्रा 100 से 125 है तो इसका मतलब है कि मरीज प्री डायबिटीज की चपेट में है। प्री डायबिटीज को डायबिटीज की पहले की स्थिति को कहते हैं। नार्मल व्यक्ति का खाली पेट शुगर लेवल 100 के नीचे होता है। 125 से ऊपर का मतलब मरीज डायबिटीज के चपेट में है। खाना खाने के बाद 140-199 आए तो प्री डायबिटिक और 200 के ऊपर डायबिटीज। एक टेस्ट और होता है, जिसे एचबीवनसी कहते हैं। इसकी नार्मल वैल्यू 5.7, प्री डायबिटीज 5.7 से 6.4 और 6.5 से ऊपर डायबिटीज। इस टेस्ट को एवरेज ब्लड शुगर टेस्ट भी कहते हैं। इससे पिछले तीन महीने के ऐवरेज ब्लड शुगर लेवल का पता लग जाता है।
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सवाल : डायबिटीज के क्या लक्षण होते हैं?
जवाब : ज्यादा प्यास लगना, ज्यादा भूख लगना, वजन कम होना, पेशाब ज्यादा आना, कई बार पेशाब में इंफेक्शन से इसका पता लगता है तो कई बार गुर्दा फेल होने पर जानकारी मिलती है।
जवाब : ज्यादा प्यास लगना, ज्यादा भूख लगना, वजन कम होना, पेशाब ज्यादा आना, कई बार पेशाब में इंफेक्शन से इसका पता लगता है तो कई बार गुर्दा फेल होने पर जानकारी मिलती है।