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चयन पर रार: भारतीय टीम में हो रही अनदेखी, घरेलू क्रिकेट में दिखा रहे दम; इन खिलाड़ियों को कब मिलेगा मौका?
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Mayank Tripathi
Updated Thu, 30 Oct 2025 08:22 AM IST
सार
हम यहां ऐसे कुछ खिलाड़ियों पर चर्चा करेंगे जो लंबे वक्त से राष्ट्रीय टीम का हिस्सा नहीं हैं जबकि घरेलू क्रिकेट में वे अपनी काबिलियत लगातार साबित कर रहे हैं। आइये जानते हैं...
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मोहम्मद शमी-अजीत अगरकर-सरफराज खान
- फोटो : ANI
'हर कोई भारत के लिए खेलना चाहता है। मैं फिर राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व करना चाहता हूं और इसके लिए तैयार हूं...' ये कहना है तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी का, जो पिछले आठ महीने से भारतीय टीम से बाहर चल रहे हैं। घरेलू क्रिकेट में लगातार प्रदर्शन के बावजूद उन्हें चयनकर्ताओं की अनदेखी का शिकार होना पड़ रहा है। हैरानी की बात यह है कि ऐसा हाल सिर्फ शमी का नहीं है बल्कि ऐसे कई और भी खिलाड़ी हैं जो सिर्फ एक मौके की तलाश में दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। लेकिन उनके हाथ निराशा के सिवा कुछ नहीं लग रहा। हम यहां ऐसे कुछ खिलाड़ियों पर चर्चा करेंगे जो लंबे वक्त से राष्ट्रीय टीम का हिस्सा नहीं हैं जबकि घरेलू क्रिकेट में वे अपनी काबिलियत का लोहा मनवा चुके हैं। आइये जानते हैं...
सरफराज खान
- फोटो : ANI
सरफराज खान
पिछले साल इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू करने वाले सरफराज खान ने अब तक छह टेस्ट में एक शतक और तीन अर्धशतक की मदद से 371 रन बनाए हैं। लेकिन नवंबर के बाद से वह टीम से बाहर हैं। हाल ही में उन्होंने इंग्लैंड लायंस के खिलाफ 92 रन और जम्मू-कश्मीर के खिलाफ 42 व 32 रन की पारियां खेलीं। उम्मीद थी कि उन्हें इंडिया ए टीम में जगह मिलेगी, पर चयनकर्ताओं ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया। मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ने कहा था कि करुण नायर के लगातार प्रदर्शन की वजह से सरफराज को पीछे छोड़ दिया गया। लेकिन करुण के बाहर होने के बाद भी सरफराज की वापसी नहीं हुई, जिससे सवाल उठने लाजमी हैं।इस मुद्दे ने राजनीतिक रंग भी ले लिया। कांग्रेस सांसद डॉ. शमा मोहम्मद ने चयन प्रक्रिया पर 'धर्म आधारित पक्षपात' का आरोप लगाया और एक्स पर लिखा, 'क्या सरफराज खान को उनके सरनेम की वजह से टीम में नहीं लिया गया?'
इस पर भाजपा प्रवक्ता सीआर केसवन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'क्रिकेट टीम को धर्म के आधार पर बांटना निंदनीय है।' कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी चयन पर सवाल उठाए और लिखा, 'सरफराज का प्रथम श्रेणी औसत 65 से ऊपर है। उन्होंने टेस्ट डेब्यू पर अर्धशतक और एक मैच में 150 रन बनाए। इंग्लैंड दौरे पर 92 रन की पारी खेली, फिर भी उन्हें बाहर रखना हैरान करने वाला है।'
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मोहम्मद शमी
- फोटो : ANI
मोहम्मद शमी
मोहम्मद शमी भी चयनकर्ताओं की अनदेखी का शिकार हो रहे हैं। घरेलू क्रिकेट में लगातार प्रदर्शन और अच्छी फिटनेस के बावजूद उन्हें हर बार नजरअंदाज किया जा रहा है। लगभग आठ महीने से भारतीय टीम में जगह बनाने की कोशिश कर रहे शमी ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि वह पूरी तरह फिट हैं और बंगाल के लिए रणजी ट्रॉफी खेलने की उपलब्धता ही इसका सबूत है। उन्होंने यह भी कहा था कि 'चयनकर्ता को अपनी फिटनेस की जानकारी देना मेरा काम नहीं है'।शमी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए अजीत अगरकर ने साफ कहा कि फिटनेस ही एकमात्र कारण था जिसकी वजह से शमी का चयन नहीं हो सका। अगरकर न एनडीटीवी वर्ल्ड समिट के दौरान कहा, 'अगर वो मेरे सामने ये बात कहते, तो मैं उन्हें जवाब जरूर देता। मुझे नहीं पता उन्होंने सोशल मीडिया पर क्या कहा है, लेकिन मैंने पिछले कुछ महीनों में उनसे कई बार बात की है। वो भारत के लिए शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी हैं। अगर वो फिट होते, तो वो ऑस्ट्रेलिया के लिए उस विमान में होते। दुर्भाग्य से, वो उस समय फिट नहीं थे। हमारा घरेलू सीजन अभी शुरू हुआ है, तो आने वाले कुछ मैचों में उनकी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।'
मोहम्मद शमी ने आखिरी बार भारत के लिए 2025 चैंपियंस ट्रॉफी में खेला था, जहां उन्होंने वरुण चक्रवर्ती के साथ मिलकर भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लिए थे। हालांकि, इसके बाद उन्हें एड़ी और घुटने की चोटों ने परेशान किया, जिसके चलते उन्हें सर्जरी करवानी पड़ी। शमी ने रणजी ट्रॉफी में खेलने की इच्छा जताकर अपने चयन की दावेदारी पेश की थी, लेकिन चयन समिति ने उन्हें फिटनेस के कारण ऑस्ट्रेलिया दौरे की टीम में शामिल नहीं किया।
अजिंक्य रहाणे
- फोटो : ANI
अजिंक्य रहाणे
अनुभवी बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे को दो साल पहले भारत के लिए पिछली बार खेलते देखा गया था। तब से वह टीम में जगह बनाने की जद्दोजहद कर रहे हैं, लेकिन अब लगता है कि वह चयनकर्ताओं के प्लान में हैं ही नहीं। हाल ही में रहाणे ने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के लिए नजरअंदाज किए जाने पर निराशा जताई थी। उन्होंने साफ कहा था कि चयन उम्र के बजाय खिलाड़ी के इरादे, जुनून और मेहनत पर होना चाहिए।रहाणे ने कहा, 'उम्र सिर्फ एक संख्या है। अगर खिलाड़ी फिट है, घरेलू क्रिकेट खेल रहा है और अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहा है, तो चयनकर्ताओं को उसे मौका देना चाहिए। यह उम्र की नहीं, बल्कि इरादे और मेहनत की बात है। ऑस्ट्रेलिया के माइकल हसी ने भी देर से टेस्ट डेब्यू किया था, लेकिन उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। अनुभव रेड-बॉल क्रिकेट में बहुत मायने रखता है। मुझे व्यक्तिगत रूप से लगा कि भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया में मेरी जरूरत थी।'
रहाणे ने 2020-21 में भारत को ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक 2-1 की जीत दिलाई थी। उन्होंने कहा कि 2023 में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में वापसी की थी और उसके बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ आखिरी टेस्ट खेला। रहाणे के हालिया प्रदर्शन पर बात करें तो रविवार को रणजी ट्रॉफी में छत्तीसगढ़ के खिलाफ मुंबई की ओर से 303 गेंदों में 159 रनों की शानदार पारी खेली थी।
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पृथ्वी शॉ
- फोटो : ANI
पृथ्वी शॉ
लगभग चार साल से भारतीय टीम से बाहर चल रहे पृथ्वी शॉ घरेलू क्रिकेट में तो अपना लोहा मनवा रहे हैं, लेकिन वह मैदान पर अपने अनुचित व्यवहार के कारण चयनकर्ताओं की अनदेखी का शिकार हो रहे हैं। हाल ही में शॉ का बल्ला रणजी ट्रॉफी में चंडीगढ़ के खिलाफ खेले गए मुकाबले में जमकर गरजा था। उन्होंने मुकाबले की दूसरी पारी में दोहरा शतक लगाकर बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम किया था। महाराष्ट्र के लिए खेलते हुए पृथ्वी ने महज 141 गेंदों पर दोहरा शतक पूरा किया। यह रणजी ट्रॉफी के एलीट ग्रुप इतिहास का दूसरा सबसे तेज दोहरा शतक है। पृथ्वी ने इसके साथ ही राहुल सिंह का रिकॉर्ड तोड़ा जो उन्होंने 2023-24 में बनाया था।राहुल ने 143 गेंदों पर रणजी ट्रॉफी में दोहरा शतक लगाया था, लेकिन पृथ्वी ने अब उन्हें पीछे छोड़ दिया है। पृथ्वी से आगे अब इस मामले में रवि शास्त्री हैं जिन्होंने 1984-85 सीजन में 123 गेंदों पर यह उपलब्धि अपने नाम की थी। शॉ रणजी ट्रॉफी के मौजूदा सीजन से पहले मुंबई छोड़कर महाराष्ट्र टीम में शामिल हुए थे और महाराष्ट्र के लिए यह उनका दूसरा ही मुकाबला है। इससे पहले पृथ्वी ने 72 गेंदों पर शतक पूरा किया था जो रणजी ट्रॉफी का छठा सबसे तेज सैकड़ा था।
हाल ही में वह मैदान पर मुशीर खान से भिड़ गए थे। मुंबई के खिलाफ तीन दिवसीय अभ्यास मैच में शानदार प्रदर्शन किया और 219 गेंदों पर 181 रन बनाए। हालांकि, उनकी यह पारी विवादित तरीके से समाप्त हुई जहां वह एक बार फिर विवादों में घिर गए। पृथ्वी इस मैच में अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे और दोहरा शतक लगाने की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन मुशीर खान की गेंद पर स्वीप शॉट मारने के चक्कर में बाउंड्री पर कैच थमा बैठे। आउट होने के बाद पृथ्वी मुंबई टीम के खिलाड़ियों से भिड़ गए। पृथ्वी उस वक्त इतने गुस्से में थे कि उन्होंने मुशीर को बल्ला दिखाया। यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि पृथ्वी के गुस्से का कारण क्या था, लेकिन अंपायर ने बीच-बचाव कर पृथ्वी को अलग किया और मामले को शांत कराया। मालूम हो कि मुशीर भारतीय क्रिकेटर सरफराज खान के भाई हैं। शॉ ने अब तक भारत के लिए पांच टेस्ट, छह वनडे और एक टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेला। वहीं, 60 फर्स्ट क्लास (4861 रन), 65 लिस्ट ए (3399 रन) और 117 टी20 मैच (2902 रन) में उनके नाम 25 शतक और 53 अर्धशतक दर्ज हैं।