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Chamoli Avalanche: 'हम सो रहे थे, अचानक कंपन हुआ और कंटेनर खिसकने लगे'; बर्फीले जलजले से बचे अनिल की आपबीती

प्रमोद सेमवाल, अमर उजाला, गोपेश्वर Published by: शाहरुख खान Updated Sun, 02 Mar 2025 10:36 AM IST
सार

सेना अस्पताल में भर्ती श्रमिक अनिल ने आपबीती बयां की है। अनिल ने बताया कि अत्यधिक ठंड के चलते वे इन दिनों सुबह नौ बजे उठ रहे थे। शुक्रवार सुबह छह बजे भूमि में तेज कंपन महसूस हुई और हमारे कंटेनर नीचे की ओर तेजी से खिसकने लगे। 

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Chamoli Avalanche Worker Anil says soldiers who came as messengers of Badri Vishal saved his life
Chamoli Avalanche - फोटो : अमर उजाला
बर्फीले जलजले ने माणा कैंप के पास कंटेनरों में सो रहे 55 मजदूरों को झकझोर दिया। यह उनके लिए जीवन का सबसे भयानक मंजर रहा। बर्फ के बवंडर की चपेट में आने से लापता इन मजदूरों को जब सेना और आईटीबीपी के हिमवीरों ने सुरक्षित निकाला तो उन्होंने जवानों का धन्यवाद करते हुए कहा कि आप हमारे लिए बदरी विशाल के दूत बनकर आए हो। जब हमने जिंदगी की आस छोड़ दी थी, तभी हमें नया जीवन मिल गया। 


सेना अस्पताल ज्योतिर्मठ में भर्ती नारायणबगड़ के श्रमिक अनिल ने बताया कि अत्यधिक ठंड के चलते वे इन दिनों सुबह नौ बजे उठ रहे थे। शुक्रवार सुबह छह बजे भूमि में तेज कंपन महसूस हुई और हमारे कंटेनर नीचे की ओर तेजी से खिसकने लगे। 
 
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Chamoli Avalanche Worker Anil says soldiers who came as messengers of Badri Vishal saved his life
घायलों का किया जा रहा उपचार - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
पहले तो हम समझ नहीं पाए, यह क्या हो रहा है, जब कंटेनरों की खिड़की से बाहर देखा तो चारों तरफ बर्फ के ढेर नजर आए। कंटेनरों की छत भी धीरे-धीरे नीचे की ओर झुक रही थी। मदद के लिए सभी लोग चिल्लाने लगे। 
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Chamoli Avalanche Worker Anil says soldiers who came as messengers of Badri Vishal saved his life
जवानों ने मजदूरों का किया रेस्क्यू - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
बवंडर के बाद हमें जीवित रहने की उम्मीद नहीं थी 
अनिल ने बताया कि कुछ लोग समय रहते कंटेनरों से बाहर भाग गए। कई लोग कंटेनर में ही फंसे रहे। कुछ देर बाद सेना के जवान आते दिखाई दिए तो ऐसा लगा मानों वह बदरी विशाल के देवदूत हैं। बर्फ के बवंडर ने जिस तरह से हमें अपने आगोश में ले लिया तो हमें जीवित रहने की उम्मीद नहीं थी। लेकिन हम सुरक्षित ज्योतिर्मठ पहुंच गए हैं। 
Chamoli Avalanche Worker Anil says soldiers who came as messengers of Badri Vishal saved his life
सेना और आईटीबीपी के जवानों का हौसला - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
बदरी विशाल की कृपा से सेना और आईटीबीपी ने हमें इतनी भयानक स्थिति से सुरक्षित निकाल लिया। सेना अस्पताल में इलाज ले रहे घायल श्रमिकों ने बताया कि हिमस्खलन के दौरान कुछ लोग कच्चे टिनशेड में बने वाशरूम में थे। ये टिनशेड हिमस्खलन से दब गए। जो लोग कंटेनर में थे, अधिकांश बच निकले।

 
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रेस्क्यू में जुटे सेना और आईटीबीपी के जवान - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
हिमस्खलन में फंसे 50 मजदूर निकाले, चार की मौत, 5 की युद्धस्तर पर तलाश
माणा के पास भारी हिमस्खलन की चपेट में आए 17 अन्य श्रमिकों का शनिवार सुबह रेस्क्यू कर लिया गया है। उन्हें सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका उपचार चल रहा है। अब तक कुल 50 श्रमिकों का रेस्क्यू किया जा चुका है। इनमें से चार ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआर और वायु सेना के बचाव दल पांच अन्य श्रमिकों की तलाश में युद्ध स्तर पर अभियान छेड़े हुए हैं। सेना के मुताबिक तीन कंटेनरों का पता नहीं चल रहा है, वे भारी बर्फ के नीचे दबे हैं। उनकी खोज के लिए दिल्ली से जीपीआर रडार मंगाया गया है।

 
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