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Dehradun Disaster: प्यासी नदियों में आया पानी तो प्रलय बनकर मचाई तबाही, प्रकृति के प्रकोप से हर कोई स्तब्ध
रुद्रेश कुमार, अमर उजाला, देहरादून
Published by: अलका त्यागी
Updated Wed, 17 Sep 2025 03:00 AM IST
सार
Dehradun Cloud Burst News: देहरादून में बारिश के बाद जो हालात दिखे उसे देखकर लगा कि मानो प्रकृति इन नदियों के जरिये अपना क्रोध जता रही है।
हमेशा पत्थरों से पटी रहने वालीं जिले की 10 नदियां मानों वर्षों से प्यासी थीं। कहीं पत्थर चुगान होता है तो कोई टैक्सी स्टैंड के रूप में इस्तेमाल होती है मगर आसमान ने जब इन नदियों की प्यास बुझाई तो प्रलय का रूप ले लिया। हर कोई देखकर हतप्रभ था कि इतना पानी...।
देखकर लगा कि मानो प्रकृति इन नदियों के जरिये अपना क्रोध जता रही है। कहीं पुल के नीचे बांध से निकलने वाले पानी का दृश्य नजर आ रहा था तो कहीं पत्थरों से टकराकर पानी उछलकर लोगों को डरा रहा था। नदियों का ये प्रवाह आगे बढ़ता गया और तबाही के निशान छोड़ता चला गया।
ऋषिकेश की चंद्रभागा, जाखन और सौंग का मंगलवार को एक अलग रूप दिखा। हमेशा शांत रहने वाले इनके किनारों पर आज एक शोर सुनाई दे रहा था। पानी की आवाज दिल में भय पैदा कर रही थी। विकासनगर की आसन नदी में तो पानी मौत बनकर बहा। एक साथ आठ लोगों की जिंदगी आसन में आई प्रलय ने लील ली। चार अब भी इसकी धार में कहीं खोए हैं। मोंठ नदी में आए भारी जल प्रवाह ने ऊपर बने पुल को क्षतिग्रस्त कर दिया।
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देहरादून में आपदा
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
सुवर्णा के भी यही हाल थे। हर कोई सुवर्णा का मंगलवार को यह रूप देखकर हैरान था। इसी तरह देहरादून शहर क्षेत्र में बहने वाली इन सूखी नदियों ने तबाही मचाई। शिव के चरणों में बहने वाली तमसा क्रोध में थी। टपकेश्वर महादेव मंदिर में तमसा ने कुछ भी सामान्य नहीं छोड़ा। गुफा को जाने वाला पुल तीन साल में दूसरी बार तमसा के क्रोध का भाजी बना। इस बार पूरी तरह इस पुल को तहस-नहस कर दिया।
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टपकेश्वर मंदिर में तमसा नदी का रौद्र रूप
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
भगवान शिव की पीतल की प्रतिमा भी तमसा के पानी में समा गई। कभी 25 फीट ऊंची हनुमानजी की प्रतिमा के चरणों को पखारने वाली तमसा आज उनके कंठ तक जा पहुंची थी। दशकों से नंदा की चौकी के पास तमसा पर बना पुल भी आज उसे नहीं सुहाया। जल प्रवाह के थपेड़ों को इस पुल के पुराने पंजर झेल नहीं पाए और पुल एक हिस्सा तमसा के प्रवाह में बह गया।
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देहरादून में आपदा
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
रिस्पना भी मंगलवार को शवों को अपने साथ बहा ले जा रही थी। तीन शव रिस्पना से बरामद हुए। इसमें आए पानी ने तमाम पुलों और घरों को नुकसान पहुंचाया। नून नदी में पहाड़ों से जब पानी आया तो एकादश मंदिर के परिसर को भी नहीं छोड़ा। परिसर का बड़ा हिस्सा इसके प्रवाह में समा गया। बिंदाल नदी के पानी से आसपास की बस्ती वालों की सांसे अटकी हुई हैं। दुल्हनी नदी का पानी भी एक अजब सा डर पैदा कर रहा था।
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