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कौन थे भारतीय सिनेमा के जनक दादा साहेब फाल्के, 15000 रुपये में बनाई थी पहली फिल्म

एंटरटेनमेंट डेस्क, अमर उजाला Published by: शुभांगी गुप्ता Updated Thu, 01 Apr 2021 12:37 PM IST
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Interesting Facts About Father of Indian Cinema 'DadaSaheb Phalke'
दादा साहेब फाल्के - फोटो : सोशल मीडिया

1910 में मुंबई में फिल्म द लाइफ ऑफ क्रिस्ट के प्रदर्शन के दौरान दर्शकों में एक ऐसा शख्स था जिसे अपने जीवन का लक्ष्य मिल गया था और उसने तय कर लिया था कि वह फिल्में ही बनाएगा। यह शख्य कोई और नहीं बल्कि दादा साहेब फाल्के ही थे। उनका असली नाम धुंडिराज गोविंद फाल्के था। उनका जन्म 30 अप्रैल 1870 को हुआ था। वो एक निर्देशक ही नहीं बल्कि एक जाने माने निर्माता और स्क्रीन राइटर भी थे। उन्होंने 19 साल के फिल्मी करियर में 95 फिल्में और 27 शॉर्ट फिल्में बनाई थीं।

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Interesting Facts About Father of Indian Cinema 'DadaSaheb Phalke'
दादा साहेब फाल्के - फोटो : सोशल मीडिया

बचपन के दिनों से ही दादा साहेब की रूचि कला की ओर थी और इसी क्षेत्र में वो अपना करियर बनाना चाहते थे। जिसके लिए साल 1885 में उन्होंने जेजे कॉलेज ऑफ आर्ट में दाखिला लिया। उन्होंने बड़ौदा के मशहूर कलाभवन में भी कला की शिक्षा हासिल की। इसके बाद उन्होंने नाटक कंपनी में चित्रकार के रूप में काम मिल गया। 1903 में वे पुरातत्व विभाग में फोटोग्राफर के तौर पर काम करने लगे थे।

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Interesting Facts About Father of Indian Cinema 'DadaSaheb Phalke'
दादा साहेब फाल्के - फोटो : सोशल मीडिया

लेकिन दादा साहेब का मन फोटोग्राफी से भी ऊब गया और उन्होंने बतौर फिल्मकार अपना करियर बनाने का निर्णय लिया। अपने इसी सपने को पूरा करने के लिए साल 1912 में अपने दोस्त से कुछ पैसे उधार लेकर वो लंदन चले गए। लगभग दो सप्ताह तक लंदन में फिल्म निर्माण के बारे में सीखा और इससे जुड़े उपकरण खरीदने के बाद मुंबई वापस लौट आए। मुंबई आने के बाद दादा साहेब ने 'फाल्के फिल्म कंपनी' की शुरुआत की और उसके बैनर तले राजा हरिश्चंद्र नाम की फिल्म बनाने का फैसला किया जिसे बनाने में लगभग उन्हें छह महीने का वक्त लगा था। 

Interesting Facts About Father of Indian Cinema 'DadaSaheb Phalke'
पत्नी के साथ दादा साहेब फाल्के - फोटो : अमर उजाला, मुंबई

फिल्म निर्माण के दौरान दादा साहब फाल्के की पत्नी ने उनकी काफी सहायता की थी। वह फिल्म में काम करने वाले लगभग 500 लोगों के लिए खुद खाना बनाती थीं। इस फिल्म के निर्माण में लगभग 15,000 रूपये लगे, जो उन दिनों एक बड़ी रकम हुआ करती थी। तीन मई 1913 को मुंबई के कोरनेशन सिनेमा हॉल में यह फिल्म पहली बार दिखाई गयी। लगभग 40 मिनट की इस फिल्म को दर्शकों का भरपूर प्यार मिला और सुपरहिट साबित हुई।

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दादा साहेब फाल्के - फोटो : सोशल मीडिया

फिल्म राजा हरिश्चंद्र की अपार सफलता के बाद दादा साहेब ने फिल्म मोहिनी भस्मासुर का निर्माण किया। यह फिल्म सिनेमा जगत के इतिहास में काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी फिल्म से दुर्गा गोखले और कमला गोखले नाम की दो महिलाओं को पहली अभिनेत्री बनने का गौरव प्राप्त हुआ था। इसके बाद वो नहीं रुके और एक के बाद एक सुपरहिट फिल्में बनाना शुरू कर दिया। दादा साहेब की आखिरी मूक फिल्म 'सेतुबंधन' थी। दादा साहेब ने 16 फरवरी 1944 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।

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