मशहूर अभिनेता इरफान का यहां कोकिलाबेन अस्पताल में बुधवार को निधन हो गया। वह 53 साल के थे, उनके परिवार में उनकी पत्नी सुतापा, बेटा बाबिल और अयान हैं। इरफान के पार्थिव शरीर को दोपहर बाद वर्सोवा कब्रिस्तान में दफना दिया गया। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम मशहूर शख्सियतों ने इरफान के निधन पर शोक जताया है। भारत सरकार ने इरफान को 2011 में पद्मश्री से सम्मानित किया था।
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इरफान को जब कैंसर का पता चला था तो उन्होंने एक संदेश लोगों के लिए भेजा था जिसमें उन्होंने लिखा था, "मुझे यकीन है कि मैं हार चुका हूं।” लेकिन इसके बाद भी उन्होंने जीना नहीं छोड़ा। संघर्ष इरफान के जीवन का स्थायी भाव रहा है। मीरा नायर उन्हें दिल्ली के राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से मुंबई लेकर आई थीं फिल्म सलाम बॉम्बे के लिए हालांकि बाद में इरफान की कद काठी उन्हें जमी नहीं और फिल्म में वह बस जरा देर के लिए ही दिखे। सुतापा सिकदर उनके जीवन का आखिर तक संबल रहीं। टीवी धारावाहिक बनेगी अपनी बात से शुरू हुआ दोस्ती का सिलसिला शादी में बदला और दोनों के दो प्यारे बच्चे हैं।
लॉक डाउन शुरू होने के ठीक पहले तक इरफान का बेटा बाबिल विदेश में था। सुतापा ने उसे वापस मुंबई लाने के लिए दिन रात एक कर दिए थे। चार दिन पहले ही इरफान की मां सईदा बेगम का जयपुर में देहांत हुआ है। पिछले साल लंदन से इलाज करवाकर लौटने के बाद से ही इरफान कोकिलाबेन अस्पताल के डॉक्टरों की निगरानी में रहे हैं और डॉक्टरों को पूर्ण विश्राम के निर्देश के बावजूद उन्होंने फिल्म अंग्रेजी मीडियम में काम करना स्वीकार कर लिया। फिल्म 'अंग्रेज़ी मीडियम' के दौरान भी उनकी तबीयत बिगड़ जाया करती थी।
मंगलवार शाम जब यह खबर फैली कि इरफान को कोकिलाबेन अस्पताल ले जाया गया है तो दरअसल उन्हें अस्पताल के ही कैंसर पेशेंट वार्ड से आईसीयू ले जाया गया था। वह उस वक्त कोमा में थे।
न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर से दो साल से जूझते रहे इरफान को हिंदी सिनेमा में लंच बॉक्स, पान सिंह तोमर, मकबूल और हासिल जैसी फिल्मों ने शोहरत दिलाई। अंतर्राष्ट्रीय सिनेमा में उनकी फिल्में द वॉरियर, इनफर्नो, जुरासिक पार्क, अमेजिंग स्पाइडरमैन और लाइफ ऑफ पाई मशूहर रही हैं।
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