{"_id":"5c4ac41dbdec22739a5be7e5","slug":"nawazuddin-siddiqui-and-amrita-rao-film-thackeray-movie-review","type":"photo-gallery","status":"publish","title_hn":"Thackeray Review : नवाजुद्दीन की ठोस अदाकारी का असली नमूना है ‘ठाकरे’","category":{"title":"Movie Review","title_hn":"फिल्म समीक्षा","slug":"movie-review"}}
Thackeray Review : नवाजुद्दीन की ठोस अदाकारी का असली नमूना है ‘ठाकरे’
एंटरटेनमेंट डेस्क, अमर उजाला Published by: अरविंद अरविंद Updated Fri, 25 Jan 2019 01:46 PM IST
विज्ञापन
1 of 5
Nawazuddin Siddiqui
Link Copied
नवाजुद्दीन सिद्दीकी मेहनती कलाकार हैं। निजी जिंदगी में उन्होंने बहुत संघर्ष देखे हैं। मुंबई के फुटपाथों पर जीवन बिताया है और, मुंबई की सांसों को करीब से समझा है। कम ही होता है कि किसी कलाकार का संघर्ष उसके करियर में किसी किरदार को सांसे देने के काम आए, लेकिन शिव सेना के संस्थापक बाल ठाकरे के जीवन पर बनी फिल्म ठाकरे में नवाजुद्दीन सिद्दीकी के लिए उनके ये अनुभव बहुत काम आए हैं।
फिल्म – ठाकरे
कलाकार – नवाजुद्दीन सिद्दीकी, अमृता राव, महेश मांजरेकर आदि।
निर्देशक – अभिजीत पनसे
रेटिंग - ***
कलाकार के लिहाज से नवाजुद्दीन सिद्दीकी की ये फिल्म उनके लिए एक किवदंती बन चुकी है। ठाकरे को बनाने के पीछे जो भी राजनीतिक कारण रहे हों, पर सियासत में जरा भी दिलचस्पी रखने वाले हर दर्शक को ये फिल्म जरूर देखनी चाहिए। खासतौर से उत्तर भारतीयों को ये फिल्म इसलिए भी देखनी चाहिए कि हिंदी पट्टी के राज्यों में हिंदुत्व के उभार की गंगोत्री कहां से निकलती है? जब वीएचपी, बीजेपी, हिंदुत्व हिंदी भाषी राज्यों में पनपे भी नहीं थे तब बाल ठाकरे ने हिंदुत्व की बातें करनी शुरू कीं।
विज्ञापन
विज्ञापन
3 of 5
Nawazuddin Siddiqui
ठाकरे को महाराष्ट्र भर का नेता बना देने के पीछे भी एक पूरी रणनीति काम करती रही, ये भी फिल्म की अंतर्धारा से पता चलता है। ठाकरे का सबसे मशहूर नारा, जो हिंदू हित की बात करेगा, वही देश पर राज करेगा, दूसरी पार्टियों ने हाइजैक किया। फिल्म उन भ्रांतियो को भी तोड़ती है कि ठाकरे कभी महाराष्ट्र से बाहर नहीं गए। हिदी सिनेमा के दर्शक इस फिल्म में नवाजुद्दीन, अमृता राव और महेश मांजरेकर के अलावा दूसरे किसी कलाकार को शायद ही पहचान पाएं लेकिन अभिजीत पनसे के निर्देशन में बनी इस चुस्त फिल्म में मराठी सिनेमा के तमाम कलाकारों ने दमदार काम किया है।
4 of 5
amrita rao
नवाजुद्दीन सिद्दीकी के किरदार को मजबूत ये साथी कलाकार ही देते हैं। और, नवाजुद्दीन ने ठाकरे के किरदार की आत्मा जिसस तरह पकड़ी है, वह बिरले ही कर पाते हैं। अमृता राव के अभिनय में सौम्यता भी है और मजबूती भी। वह ठाकरे की प्रेरणा हैं। फिल्म का चूंकि पूरा का पूरा परिवेश महाराष्ट्र का है लिहाजा इसके गीत और संगीत भी उसी अनुसार है। फिल्म के हिंदी संस्करण में ये भले थोड़ा अटकते हों पर फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक इस कमी को भी ढक लेता है।
विज्ञापन
5 of 5
Thackeray
- फोटो : social media
हिंदी सिनेमा में इन दिनों बायोपिक की रेलगाड़ी चल रही है। हर डिब्बा अपने में तमाम किस्से कहानियां समेटे है। बायोपिक्स के रेले में ठाकरे अगर अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब रही है तो इसमें नवाजुद्दीन के अपने किरदार के प्रति समर्पण का सबसे बड़ा हाथ है। वॉयकॉम 18 ने फिल्म का प्रचार प्रसार हिंदी पट्टी में भी अच्छे से किया होता तो इसका कारोबार किसी अच्छी हिंदी फिल्म के कारोबार से कम नहीं होता।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।