दुश्मन को नेस्तनाबूद करने के लिए भारत अब घातक स्वदेशी अपाचे हेलीकॉप्टर बनाने की तैयारी कर रहा है। हल्के लड़ाकू स्वदेशी विमान तेजस के उत्पादन के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की अग्रणी रक्षा कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने इसके लिए जमीनी स्तर पर काम शुरू कर दिया है।
तेजस के बाद अब दुश्मन को तबाह करने के लिए स्वदेशी अपाचे हेलीकॉप्टर
वायुसेना की रीढ़ कहे जाने वाले एमआई-17 के बेडे़ को हटाएगा
माधवन ने बताया कि इस मेगा परियोजना के तहत बनने वाले हेलीकॉप्टर एमआई-17 की जगह लेगा। भारतीय सेना की रीढ़ कहे जाने वाले एमआई-17 हेलीकॉप्टर रूस से आयात किए जाते हैं, जो बंदूकों और हथियारों से लैस होते हैं। एमआई-17 को कई चरणों में 2032 तक सेना से हटाए जाने की योजना है। एचएएल ने इससे पहले हल्के उन्नत लड़ाकू हेलीकॉप्टर, बहुआयामी भूमिका वाले उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर और चेतक हेलीकॉप्टर बनाए हैं।
- 10 से 12 टन हथियार ले जाने में सक्षम ये हेलीकॉप्टर 2027 तक बनकर होंगे तैयार
- हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने तैयार किया महत्वाकांक्षी प्रस्ताव, रक्षा मंत्रालय को भेजा
9,600 करोड़ खर्च होंगे सिर्फ डिजाइन पर
माधवन ने कहा, इन स्वदेशी हेलीकॉप्टरों के डिजाइन और इसके प्रोटोटाइप पर 9,600 करोड़ खर्च करने की जरूरत होगी। एक सैन्य विशेषज्ञ के मुताबिक, तेजस सैन्य विमानों के विकास के बाद एचएएल की यह सबसे बड़ी परियोजना होगी। माधवन ने कहा कि हमने वायुसेना और नौसेना से इन हेलीकॉप्टरों के लिए बात भी कर ली है। इस हेलीकॉप्टर का नौसेना का संस्करण थल सेना और वायुसेना से अलग होगा।
खासियत: दो ताकतवर इंजन से बनेगा जंगी योद्धा
- अभियानों के सफल संचालन के लिए दो ताकतवर इंजन होंगे
- समुद्री अभियानों के दौरान हेलीकॉप्टर के पंखे खुद मुड़ जाएंगे
- हवाई हमलों, हवाई परिवहन, जंगी सामग्री ढोने और तलाशी अभियानों में मददगार
- उन्नत घातक हथियारों से लैस होगा और बड़ी मात्रा में विस्फोटक भी ले जा सकेगा
एकसाथ 14 मिसाइलें दागने की क्षमता वाले 22 अपाचे खरीदेगा भारत
भारतीय वायुसेना फिलहाल अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग से 22 अपाचे गार्जियन हमलावर हेलीकॉप्टर खरीदेगा। सेना हथियार प्रणाली के साथ छह अपाचे हेलीकॉप्टरों की खरीद कर रही है। इस समझौते पर हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे के वक्त मुहर लगी थी।
सितंबर, 2015 में भारतीय वायुसेना ने बोइंग और अमेरिकी सरकार के साथ 3 बिलियन डॉलर की डील की थी, जिसमें 22 अपाचे लड़ाकू विमान और 15 चिनूक हेलिकॉप्टर लेने की डील हुई थी। अपाचे में एकसाथ 14 मिसाइलें दागने की क्षमता है।