बिहार की सियासत में एक बार फिर से हलचल शुरू हो गई है। इस बार भी केंद्र बिंदु में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। सियासी गलियारे में चर्चा है कि एक बार फिर से नीतीश कुमार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर एक साथ आ सकते हैं। ये चर्चा ऐसे समय शुरू हुई, जब नीतीश कुमाार और प्रशांत किशोर एक-दूसरे पर लगातार हमले कर रहे हैं।
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर दोनों नेताओं के एकसाथ आने की खबर कैसे उठी? इसमें कितनी सच्चाई और और अब बिहार के बदलते समीकरण क्या कहते हैं? आइए जानते हैं...
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Bihar: क्या साथ आने वाले हैं नीतीश और प्रशांत किशोर, एक-दूसरे पर हमलों के बीच कहां से शुरू हुई ये चर्चा?
रिसर्च डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: हिमांशु मिश्रा
Updated Wed, 14 Sep 2022 01:15 PM IST
सार
पिछले कुछ दिनों से नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर लगातार एक दूसरे पर हमलावर हैं। दोनों एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। ऐसे में दोनों के एकसाथ आने की खबर ने बिहार की सियासत में हलचल पैदा कर दी है।
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नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर
- फोटो : अमर उजाला
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पवन वर्मा
- फोटो : अमर उजाला
कहां से उठी बात?
पिछले कुछ दिनों से नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर लगातार एक दूसरे पर हमलावर हैं। दोनों एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। ऐसे में एकसाथ आने की खबर तब से उठी है, जब से राज्यसभा के पूर्व सांसद पवन वर्मा ने पहले नीतीश कुमार और फिर प्रशांत किशोर से मुलाकात की।
पूर्व आईएएस पवन वर्मा रिटायरमेंट के बाद जदयू में शामिल हुए थे। 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले प्रशांत किशोर को जदयू में लाने के लिए पवन वर्मा की भूमिका काफी अहम थी। इसके बाद जब प्रशांत किशोर को पार्टी से बाहर किया गया तो पवन वर्मा को भी पार्टी से निकाल दिया गया था। इसके बाद पवन टीएमसी में शामिल हुए थे। अब उन्होंने टीएमसी भी छोड़ दी है। इसके बाद मंगलवार को उन्होंने पहले नीतीश कुमार से मुलाकात की और फिर प्रशांत किशोर से भी मिलने पहुंचे। राजनीतिक विश्लेषक प्रो. अजय कुमार सिंह इस मुलाकात के दो मायने बताते हैं…
पिछले कुछ दिनों से नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर लगातार एक दूसरे पर हमलावर हैं। दोनों एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। ऐसे में एकसाथ आने की खबर तब से उठी है, जब से राज्यसभा के पूर्व सांसद पवन वर्मा ने पहले नीतीश कुमार और फिर प्रशांत किशोर से मुलाकात की।
पूर्व आईएएस पवन वर्मा रिटायरमेंट के बाद जदयू में शामिल हुए थे। 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले प्रशांत किशोर को जदयू में लाने के लिए पवन वर्मा की भूमिका काफी अहम थी। इसके बाद जब प्रशांत किशोर को पार्टी से बाहर किया गया तो पवन वर्मा को भी पार्टी से निकाल दिया गया था। इसके बाद पवन टीएमसी में शामिल हुए थे। अब उन्होंने टीएमसी भी छोड़ दी है। इसके बाद मंगलवार को उन्होंने पहले नीतीश कुमार से मुलाकात की और फिर प्रशांत किशोर से भी मिलने पहुंचे। राजनीतिक विश्लेषक प्रो. अजय कुमार सिंह इस मुलाकात के दो मायने बताते हैं…
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प्रशांत किशोर और नीतीश कुमार
- फोटो : अमर उजाला
1. नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर को एकसाथ लाने की कवायद
पवन वर्मा इस वक्त खाली हैं। एक बार राज्यसभा सांसद बनने के बाद उनकी राजनीतिक महत्वकांक्षाएं भी बढ़ चुकी हैं। जदयू और टीएमसी दोनों से अभी बाहर चल रहे हैं। ऐसे में वह फिर से नई शुरुआत के लिए संभावना तलाश रहे हैं। पवन जानते हैं कि अभी बिहार में नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री रहने वाले हैं। ऐसे में संभव है कि वह प्रशांत किशोर और नीतीश कुमार को एकसाथ लाने के लिए रास्ता तैयार करने में जुटे हैं।
नीतीश कुमार से मुलाकात कर पवन वर्मा ने उनका मूड टटोला हो और बाद में उनकी शर्तों की जानकारी प्रशांत किशोर को दी हो। ऐसा इसलिए भी क्योंकि प्रशांत दो अक्तूबर से बिहार की यात्रा पर निकलने वाले हैं। तीन हजार किलोमीटर की इस यात्रा में बिहार के सभी जिलों को कवर करेंगे और सरकार के खिलाफ माहौल बनाएंगे। अगर पवन दोनों नेताओं को फिर से एक करने में सफल हुए तो उनका राजनीतिक करियर फिर से चमक सकता है।
पवन वर्मा इस वक्त खाली हैं। एक बार राज्यसभा सांसद बनने के बाद उनकी राजनीतिक महत्वकांक्षाएं भी बढ़ चुकी हैं। जदयू और टीएमसी दोनों से अभी बाहर चल रहे हैं। ऐसे में वह फिर से नई शुरुआत के लिए संभावना तलाश रहे हैं। पवन जानते हैं कि अभी बिहार में नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री रहने वाले हैं। ऐसे में संभव है कि वह प्रशांत किशोर और नीतीश कुमार को एकसाथ लाने के लिए रास्ता तैयार करने में जुटे हैं।
नीतीश कुमार से मुलाकात कर पवन वर्मा ने उनका मूड टटोला हो और बाद में उनकी शर्तों की जानकारी प्रशांत किशोर को दी हो। ऐसा इसलिए भी क्योंकि प्रशांत दो अक्तूबर से बिहार की यात्रा पर निकलने वाले हैं। तीन हजार किलोमीटर की इस यात्रा में बिहार के सभी जिलों को कवर करेंगे और सरकार के खिलाफ माहौल बनाएंगे। अगर पवन दोनों नेताओं को फिर से एक करने में सफल हुए तो उनका राजनीतिक करियर फिर से चमक सकता है।

नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव
- फोटो : अमर उजाला
2. नीतीश से बात न बनने पर प्रशांत के पास गए हों
अजय कहते हैं, ‘टीएमसी छोड़ने के बाद पवन वर्मा अपने राजनीतिक करियर को लेकर परेशान हैं। ऐसे में दूसरी स्थिति ये हो सकती है कि पवन वर्मा जदयू में फिर से वापसी की कोशिश कर रहे हों। इसके लिए उन्होंने नीतीश कुमार से मुलाकात की हो लेकिन बात न बनने पर वह प्रशांत किशोर के पास गए हों। ये भी हो सकता है कि जदयू में वापसी की संभावना न बनती देख पवन वर्मा नया राजनीतिक मोर्चा तैयार कर रहे प्रशांत किशोर के साथ आने की कोशिश में जुट गए हों।
अजय कहते हैं, ‘टीएमसी छोड़ने के बाद पवन वर्मा अपने राजनीतिक करियर को लेकर परेशान हैं। ऐसे में दूसरी स्थिति ये हो सकती है कि पवन वर्मा जदयू में फिर से वापसी की कोशिश कर रहे हों। इसके लिए उन्होंने नीतीश कुमार से मुलाकात की हो लेकिन बात न बनने पर वह प्रशांत किशोर के पास गए हों। ये भी हो सकता है कि जदयू में वापसी की संभावना न बनती देख पवन वर्मा नया राजनीतिक मोर्चा तैयार कर रहे प्रशांत किशोर के साथ आने की कोशिश में जुट गए हों।
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नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर
- फोटो : अमर उजाला
क्या सच में एक हो सकते हैं नीतीश और प्रशांत?
यही सवाल हमने प्रो. अजय से पूछा। उन्होंने कहा, 'प्रशांत और नीतीश दोनों ही एक दूसरे को अच्छे से जानते हैं। नीतीश कुमार ने 2015 चुनाव के बाद प्रशांत को ऑफर दिया था कि वह पूरी तरह से अब सिर्फ जदयू के लिए काम करें, लेकिन तब उन्होंने इंकार कर दिया था। अब प्रशांत किशोर नई राजनीतिक पार्टी बनाने की बात कर रहे हैं। ऐसे में नीतीश जानते हैं कि इसका नुकसान आने वाले दिनों में उन्हें उठाना पड़ सकता है। इसलिए संभव है कि प्रशांत को फिर से नीतीश कोई ऑफर दे सकते हैं। हां, अगर प्रशांत अलग पार्टी बनाकर नीतीश के साथ आने की बात कहते हैं तो जरूर इसमें मतभेद हो सकता है। तब नीतीश नहीं चाहेंगे कि वह प्रशांत किशोर को साथ लाकर उन्हें मजबूत करें। ऐसी स्थिति में दोनों के एकसाथ आने की संभावना खत्म हो जाएगी।'
यही सवाल हमने प्रो. अजय से पूछा। उन्होंने कहा, 'प्रशांत और नीतीश दोनों ही एक दूसरे को अच्छे से जानते हैं। नीतीश कुमार ने 2015 चुनाव के बाद प्रशांत को ऑफर दिया था कि वह पूरी तरह से अब सिर्फ जदयू के लिए काम करें, लेकिन तब उन्होंने इंकार कर दिया था। अब प्रशांत किशोर नई राजनीतिक पार्टी बनाने की बात कर रहे हैं। ऐसे में नीतीश जानते हैं कि इसका नुकसान आने वाले दिनों में उन्हें उठाना पड़ सकता है। इसलिए संभव है कि प्रशांत को फिर से नीतीश कोई ऑफर दे सकते हैं। हां, अगर प्रशांत अलग पार्टी बनाकर नीतीश के साथ आने की बात कहते हैं तो जरूर इसमें मतभेद हो सकता है। तब नीतीश नहीं चाहेंगे कि वह प्रशांत किशोर को साथ लाकर उन्हें मजबूत करें। ऐसी स्थिति में दोनों के एकसाथ आने की संभावना खत्म हो जाएगी।'