कांवड़ यात्रा के लिए कई दिनों से पुलिस-प्रशासन की ओर से बनाई जा रहीं योजनाएं शुक्रवार देर रात धरी रह गईं। डायवर्जन का पालन न कराने से ट्रैफिक व्यवस्था लड़खड़ा गई। नेशनल हाईवे स्थित ब्रजघाट पर करीब दो बजे लगा जाम अगले दिन सुबह 11 बजे के बाद ही खुल सका। लगभग 10 घंटे तक जाम में फंसे रहने से किसी की हालत बिगड़ी तो किसी को गंतव्य तक पहुंचने के लिए मुसीबत झेलनी पड़ी। जाम खुलने के बाद भी वाहन दिनभर रेंग-रेंग कर चलते रहे।
ब्रजघाट पर कांवड़ियों को झेलनी पड़ी मुसीबत, 10 घंटे जाम रहा एनएच
रूट डायवर्जन के आए थे आदेश
यात्रा के दौरान कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने तीन मार्च की सुबह पांच बजे से नेशनल हाईवे पर भारी वाहनों का रूट डायवर्जन करने के आदेश दिए थे। दिल्ली से मुरादाबाद और संभल की ओर आने जाने वाले भारी वाहनों को बुलंदशहर व अनूपशहर के रास्ते निकाला जाना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अमरोहा प्रशासन ने भी आदेश को गंभीरता से नहीं लिया, हालांकि पुलिस ने शुक्रवार रात साढ़े आठ बजे नेशनल हाईवे पर स्थित गांव शहबाजपुर डोर से ब्रजघाट तक ट्रैफिक वनवे कर दिया।
फिर लग गया जाम
देर रात दो बजे जब हाईवे पर कांवड़ियों की आमद बढ़ी तो वाहन गलत साइड से निकलने लगे और फिर जाम लग गया। सुबह मौके पर पहुंची पुलिस जाम खुलवाने की कोशिश करने लगी, पर कोई भी युक्ति काम न आई। सुबह दस बजे तक भी जब जाम नहीं खुुल सका तो एसपी डॉ. एस चनप्पा और एएसपी विजय गौतम भी पहुंच गए। इसी दौरान डीआईजी ओमकार सिंह ब्रजघाट पहुंचे और गड़बड़ाई व्यवस्था पर एसपी-एएसपी को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि जब रूट डायवर्जन करने के आदेश हो गए थे तो रूट डायवर्जन क्यों नहीं किया गया।
बुलंदशहर के कांवड़िए की हालत बिगड़ी
महाशिवरात्रि पर महादेव का गंगा जल से अभिषेक करने के लिए हरिद्वार से आ रहे कांवड़िया की शनिवार को धनौरा रोड पर अचानक हालत बिगड़ गई। उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। जहां चिकित्साधिकारी ने प्राथमिक इलाज के बाद जिला अस्पताल रेफर कर दिया। कांवड़िया मनोज पुत्र विजेंद्र सिंह निवासी यशपुर बुढ़ना थाना खुर्जा जिला बुलंदशहर अपने साथी धर्मवीर, अजीत व जगतपाल के साथ शनिवार को हरिद्वार से सुबह कांवड़ लेकर लौट रहा था। सुबह आठ से नौ बजे के बीच धनौरा मार्ग पर मनोज अचानक गश खाकर सड़क पर गिर गया और बेहोश हो गया।
जाम में फंस कर मरीज की हालत बिगड़ी
जाम में फंस कर मेरठ के मरीज की हालत बिगड़ गई। पुलिस अधिकारी जाम खुलवाने में लगे रहे। मरीज की बेटी गुहार लगाती रही। लेकिन किसी ने नहीं सुनी। आखिरकार मरीज के तीमरदारों ने किसी तरह मरीज को मुरादाबाद भेजा गया। मेरठ के मोहल्ला नीमकर निवासी जोगा सिंह पुत्र चरन सिंह शनिवार को अपनी दोनों बेटी सोमिंदर कौर व निवृता कौर के साथ अपनी कार से मुरादाबाद इलाज के लिए जा रहे थे। सुबह छह बजे ब्रजघाट पुल के दूसरी ओर कार जाम में फंस गए। दस बजे तक जब जाम नहीं खुला तो रिश्तेदार की बाइक बुला कर जोगा सिंह को मुरादाबाद की ओर भेज दिया। अभी जोगा सिंह बाइक से ब्रजघाट पुल पार ही कर पाये थे कि अचानक हालत बिगड़ गई।