अगर आपके पास हैं ये पांच चीजें तो कोई छू तक नहीं सकेगा आपको
इससे मन शांत रहता है और व्यक्ति अनुशासन में बंध जाता है। इजराइल और चीन के लोग तो मार्शल आर्ट बड़े पैमाने पर सीखते हैं। नतीजा, वहां चोरी, मारपीट या छेड़छाड़ जैसी घटनाएं उतनी नहीं होती, जितनी भारत में देखने को मिलती है। अगर किसी व्यक्ति ने मार्शल आर्ट की पूरी ट्रेनिंग ली है तो वह एक साथ पांच-छह लोगों से निपट सकता है।
आप किसी भी व्यक्ति को 3-5 सेकेंड में निपटा सकते हैं
आजकल सभी महिलाओं या पुरुषों के पास चार-पांच चीजें ऐसी होती हैं, जिनकी मदद से छेड़छाड़ करने वाले या हमलावरों से सरलतापूर्वक निपटा जा सकता है। वॉल पैन, मोबाइल फोन, बालों में लगाने वाली पिन, पर्स, क्रेडिट-डेबिट कार्ड, डीएल या लेपटॉप बैग में से यदि कोई एक चीज भी आपके पास है तो समझ लें कि आप सुरक्षित हैं।
15 दिन की ट्रेनिंग में रोजाना दो-तीन घंटे कड़ा अभ्यास कर यह सिखाया जाता है कि उक्त चीजों के द्वारा किस तरह आप खुद का बचाव और हमलावर को जमीन दिखा सकते हैं।
क्रेडिट-डेबिट कार्ड, हेयर पिन या पर्स, इनका वार जब हमलावर के आंख और चेहरे पर होता है तो उसे जमीन पर गिरने में देर नहीं लगती। 12 ऐसे प्रेशर प्वाइंट होते हैं, जिन पर इन चीजों से हमला किया जाए तो हमलावर को सबक सिखाया जा सकता है। आत्मरक्षा के लिए इन चीजों का इस्तेमाल कानून के दायरे में आता है।
चीन, अमेरिका, फिलीपींस व थाईलैंड में 'पेकेति तिरसिया काली' बेहद लोकप्रिय है
शिफू कनिष्क शर्मा का कहना है कि चीन, अमेरिका, फिलीपींस व थाईलैंड में 'पेकेति तिरसिया काली' मार्शल आर्ट बेहद लोकप्रिय है। भारत में आर्मी एवं दूसरे सुरक्षा बलों के अलावा दिल्ली मेट्रो के महिला कोच में तैनात सीआईएसएफ की महिला कमांडो को भी इस आर्ट की ट्रेनिंग दी गई है। 'पेकेति तिरसिया काली' सीखने वाला व्यक्ति स्वचालित हथियारों से लैस व्यक्ति का भी मुकाबला कर सकता है। भारतीय सेना में पिछले आठ साल के दौरान मार्शल आर्ट के करीब 5000 हजार इन्स्ट्रक्टर तैयार किए गए हैं।