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इन मंदिरों में नहीं होती देवी-देवताओं की पूजा, यहां प्रसाद के रूप में लोग चढ़ाते हैं अपना खून

फीचर डेस्क, अमर उजाला Published by: सोनू शर्मा Updated Tue, 12 Mar 2019 05:52 PM IST
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These temples do not worship God or Goddesses
शकुनि मंदिर - फोटो : Social media

आमतौर पर लोग मंदिर का नाम सुनते ही समझ जाते हैं कि वहां कोई न कोई भगवान ही विराजमान होंगे और उनकी ही पूजा होती होगी, लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां किसी भी भगवान या देवी-देवता की पूजा नहीं होती बल्कि यहां कौरव और पांडवों की पूजा होती है। इनमें एक मंदिर को ऐसा भी है, जहां लोग प्रसाद के रूप में अपना खून चढ़ाते हैं। 

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These temples do not worship God or Goddesses
द्रौपदी मंदिर - फोटो : Social media

बंगलुरु में एक मंदिर है, जिसे द्रौपदी मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर करीब 800 साल पुराना है। इस मंदिर को धर्मराय स्वामी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। 

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दानवीर कर्ण मंदिर - फोटो : Social media

उत्तराखंड के उत्तरकाशी के सारनौल में स्थित एक मंदिर है, जिसे दानवीर कर्ण का मंदिर कहा जाता है। यह मंदिर लकड़ियों से बना हुआ है, जिसमें पांडवों के 6 छोटे-छोटे मंदिर भी बने हुए हैं। 

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शकुनि मंदिर - फोटो : Social media

केरल के कोल्लम जिले के मायम्कोट्टू मलंचारुवु में दुर्योधन के मामा शकुनि का मंदिर है। यह मंदिर पवितत्रेश्वरम नाम से प्रसिद्ध है। शकुनि मंदिर के पास ही दुर्योधन का भी मंदिर बना हुआ है।  

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भीष्म पितामह मंदिर - फोटो : Social media

इलाहाबाद के दारागंज में भीष्म पितामह का मंदिर है। इस मंदिर में तीरों की शैया पर लेटे हुए भीष्म की 12 फीट लंबी मूर्ति है। 

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