जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग तीन माह (90 दिन) के दौरान हर छठे दिन भूस्खलन आदि समस्याओं के चलते बंद रहा है। इससे जहां यात्रियों और वाहन चालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा है वहीं, उनका कीमती समय भी बर्बाद हुआ है। समस्या से निजात के लिए छह किलोमीटर लंबे बाईपास पुल का निर्माण किया जा रहा है। यह कार्य 2024 में पूरा होगा, जिसके बाद लोगों की समस्या दूर होने की संभावना है।
jammu kashmir: भूस्खलन से हर छठे दिन बंद रहा जम्मू-श्रीनगर हाईवे, निजात पाने को बन रहा छह किलोमीटर लंबा पुल
जानकारी के अनुसार हाईवे दो, चार, आठ, दस और 11 नवंबर को भूस्खलन के चलते घंटों बंद रहा। 15 नवंबर के बाद दस दिसंबर और 31 दिसंबर 2022 को भी हाईवे बाधित रहा। 2023 के पहले माह में 13 जनवरी को दो घंटे और 14 और 15 नवंबर को लगातार दो दिन बंद रहा।
17 जनवरी को तीन घंटे, 19 जनवरी को सात घंटे, 21 जनवरी को साढ़े पांच घंटे यातायात प्रभावित रहा है। 23 जनवरी को दो घंटे हाईवे बंद रहने से लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ा है। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्रीय निदेशक रोहिन गुप्ता ने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से हाईवे पर भूस्खलन की समस्या से निजात दिलाने के लिए छह किलोमीटर लंबे पुल का निर्माण किया जा रहा है।
यह पुल रामबन और बनिहाल में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों कैफेटेरिया मोड़, पंथेयाल, खूनी नाला व मेहाड़ आदि को बाईपास करेगा। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन बड़ी समस्या है। इसके हल के लिए 650 करोड़ रुपये की लागत से बाईपास पुल का निर्माण शुरू करवाया गया है। यह कार्य 2024 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। सिजल इंडिया कंपनी को ठेका दिया है।
प्रतिदिन छह से सात हजार वाहन जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजरते
जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रतिदिन अनुमानित छह से सात हजार वाहन गुजरते है। कश्मीर घाटी को देश के अन्य हिस्सों से सड़क मार्ग से जोड़ने वाला जम्मू कश्मीर में मुख्य राजमार्ग होने के चलते कश्मीर घाटी से सेब, ड्राई फ्रूट आदि का व्यापार इसी सड़क मार्ग से होता है। वहीं देश के अन्य हिस्सों से राशन, रसोई गैस के सिलेंडर, दवाईयों समेत अन्य जरूरी पदार्थ भी इसी राजमार्ग से होते हुए कश्मीर घाटी पहुंचते है। ऐसे में अगर दो दिन यह राजमार्ग बंद रहे तो पूरे प्रदेश की अर्थव्यवसथा व लोगों की जिंदगी पर इसका प्रभाव कई दिन तक रहता है।