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Kathua Attack: 16 दहशतगर्द कठुआ से किश्तवाड़ तक सक्रिय... छह से दस के ग्रुप में बंटे; हर ग्रुप में दो स्थानीय!
अजय मीनिया, अमर उजाला, जम्मू
Published by: शाहरुख खान
Updated Wed, 10 Jul 2024 11:27 AM IST
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Kathua Terrorist Attack
- फोटो : अमर उजाला
आतंकियों के घात लगाकर हमला करने के पीछे एक बड़ी रणनीति काम कर रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, कठुआ से किश्तवाड़ तक सक्रिय पाकिस्तानी आतंकियों ने अपने साथ कुछेक स्थानीय आतंकवादियों को रखा हुआ है। ये आतंकी लंबे समय के बाद पाकिस्तान में रहकर वापस लौटे हैं, जिन्हें सीमा पार से घुसपैठ करने से लेकर किश्तवाड़ रामबन तक पहुंचने के पुराने रूट की सटीक जानकारी है।
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Kathua Terrorist Attack
- फोटो : पीटीआई
इन आतंकियों को पता है कि पुराने रूट पर कहां-कहां रिहायशी इलाके हैं। कहां छिपने की जगह है। यह भी पता है कि 12 हजार किलोमीटर वर्ग जंगल में कहां-कहां सेना की मौजूदगी नहीं है। इसी को ध्यान में रखकर हमला कर रहे हैं।
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Kathua Terrorist Attack
- फोटो : पीटीआई
कठुआ से किश्तवाड़ के जंगल तक 16 आतंकियों की मौजूदगी की जानकारी खुफिया एजेंसियों के पास है। ये 16 आतंकी छह से 10 की संख्या में दो ग्रुप में बंटे हुए हैं। हर एक ग्रुप के साथ एक से दो ऐसे आतंकी हैं, जो कठुआ, उधमपुर, किश्तवाड़ के रहने वाले हैं।
Kathua Terrorist Attack
- फोटो : पीटीआई
दिन में रेकी करने वाले गाइड का इस्तेमाल
सैन्य सूत्रों का कहना है कि इन आतंकियों ने अपने साथ ऐसे गाइड जोड़े हैं, जो दिन में रेकी करते हैं। सैन्य वाहनों, पर्यटकों और धार्मिक स्थलों पर आने-जाने वाले वाहनों की जानकारी जुटाते हैं। आम लोगों के बीच रहकर उनकी दिनचर्या की जानकारी लेते हैं। फिर आतंकियों से इसे साझा कर देते हैं।
सैन्य सूत्रों का कहना है कि इन आतंकियों ने अपने साथ ऐसे गाइड जोड़े हैं, जो दिन में रेकी करते हैं। सैन्य वाहनों, पर्यटकों और धार्मिक स्थलों पर आने-जाने वाले वाहनों की जानकारी जुटाते हैं। आम लोगों के बीच रहकर उनकी दिनचर्या की जानकारी लेते हैं। फिर आतंकियों से इसे साझा कर देते हैं।
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Kathua Terrorist Attack
- फोटो : पीटीआई
इसी के हिसाब से आतंकी घात लगाते हैं। हमला करने का समय दोपहर 3 से शाम 6 बजे के बीच चुनते हैं, ताकि गाइड इन्हें चुनी गई जगह पर समय से पहुंचाएं। हमला करने के बाद समय पर भागने में सफल हो जाए। यह सब दिन के समय होता है, ताकि हमले के बाद पकड़े न जाएं। रात होने से पहले अपने ठिकाने तक पहुंच जाएं।