टीआरएफ लश्कर-ए-तैयबा का ही एक आतंकी संगठन है। सक्रिय होने के बाद से यह आतंकी संगठन घाटी के नेताओं और सुरक्षाबलों को निशाना बनाता रहा है। शनिवार को इसके शीर्ष आतंकी जहूर अहमद राथर व एक अन्य आतंकी को गिरफ्तार किया है। राथर पिछले साल कुलगाम में तीन भाजपा कार्यकर्ताओं और दक्षिण कश्मीर जिले के फुर्रा में एक पुलिसकर्मी की हत्या में शामिल था।
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बता दें, कुलगाम में भाजयुमो जिला महासचिव फिदा हुसैन (निवासी वाईके पोरा) पार्टी के दो अन्य कार्यकर्ताओं उमर रमजान (निवासी वाईके पोरा) और उमर रशीद (सोपट) के साथ कार में कहीं जा रहे थे। काजीगुंड इलाके के वाईके पोरा में आतंकियों ने उनकी कार पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। इसमें तीनों गंभीर घायल हो गए थे। अस्पताल पहुंचाने पर तीनों को मृत घोषित कर दिया गया।
जब फिदा हुसैन का शव वाईके पोरा स्थित घर पहुंचा तो मां फूट-फूट कर रोने लगी। वह फिदा को पुकार रही थी। मेरा फिदा हुसैन कहां है, उसने क्या खता की थी जो उसे आतंकियों ने गोली का निशाना बनाया। यही हाल फिदा की बहनों का भी था। उसकी 6 बहने हैं, इनमें से एक की शादी हो चुकी है। बहनें भी अपने भाई को पुकार रही थी।
आतंकियों ने लोगों को राजनीतिक दलों खासकर भाजपा से दूरी बनाने की चेतावनी दी थी। चेताया था कि यदि लोग बाज नहीं आए तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। इस संबंध में कुछ स्थानों पर पोस्टर भी चस्पा किए गए थे। इसके बावजूद धमकी को दरकिनार करते हुए काफी संख्या में लोग तीनों के जनाजे में शामिल हुए और सम्मानपूर्वक विदाई दी।
वहीं शनिवार को पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जहूर अहमद जम्मू क्षेत्र के सांबा जिले में छिपा हुआ था। उसे अनंतनाग पुलिस ने विशिष्ट सूचना के आधार पर गिरफ्तार किया है। इसकी गिरफ्तारी से एक सप्ताह पहले पुलिस ने लश्कर-ए-मुस्तफा कमांडर हिदायतुल्लाह मलिक को जम्मू के कुंजवानी से गिरफ्तार किया था। जहूर दक्षिण कश्मीर का रहने वाला है और पाकिस्तान से आने वाले हथियारों को लेने के लिए सांबा गया था। अनंतनाग और सांबा पुलिस के संयुक्त अभियान के दौरान बाड़ी ब्राह्मना इलाके में स्थित एक घर से उसे गिरफ्तार किया गया, यह घर उसने किराये पर लिया था।