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Covid-19: नए वैरिएंट FLiRT ने बढ़ाई मुसीबत, इस देश में फिर से मास्क लगाने की अपील

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिलाष श्रीवास्तव Updated Tue, 21 May 2024 12:22 PM IST
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COVID-19 surge worldwide new variant FLiRT govt urges citizens to wear mask in Singapore
कोरोना का खतरा - फोटो : PTI

पिछले कुछ महीनों से वैश्विक स्तर पर कोरोना के मामले स्थिर बने हुए थे, हालांकि अब एक बार फिर से इसमें उछाल देखा जा रहा है। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दिनों अपशिष्ट जल में कोरोना के नए वैरिएंट का एक नया सेट देखा गया है, जिसे FLiRT (फिलर्ट) नाम दिया गया है। संयुक्त राज्य अमेरिका, सिंगापुर सहित कई देशों में इस नए वैरिएंट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। आलम ये है कि तेजी से बढ़ते संक्रमण के चलते सिंगापुर स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बार फिर से सभी लोगों से मास्क पहनने की अपील की है। 

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सीडीसी के अनुसार, 14 से 27 अप्रैल तक KP.2 सब-वैरिएंट अमेरिका में लगभग 25% मामलों का कारण बना है। विश्व स्तर पर, कोरोना का JN.1 और इसके सब-वैरिएंट्स ही प्रमुख रूप से बढ़ते देखे जा रहे हैं, जिनमें KP.1 और KP.2 शामिल है। वर्तमान में सिंगापुर में दो-तिहाई से अधिक मामले KP.1 और KP.2 के हैं।

अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि कोरोना का ये वैरिएंट ओमिक्रॉन की ही तरह है, जो तेजी से लोगों को संक्रमित कर सकता है। इसके अलावा ये वैरिएंट भी वैक्सीनेशन से बनी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी चकमा देने में सफल हो रहा है। 


नए वैरिएंट की जानकारी- सामने आया कोरोना का नया वैरिएंट 'FLiRT',

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कोरोना संक्रमण के मामले - फोटो : PTI

नए वैरिएंट FLiRT को लेकर अलर्ट

सीडीसी के डेटा के अनुसार FLiRT वैरिएंट के दो स्ट्रेन ( KP.1.1 और KP.2) इस समय तेजी से बढ़ रहे हैं। दो सप्ताह की अवधि में इस वैरिएंट के कारण संक्रमण के मामलों में काफी तेजी से वृद्धि दर्ज की जा रही है।

अमेरिका स्थित येल स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के डीन मेगन एल. रैनी ने एक रिपोर्ट में बताया कि फिलर्ट में कुछ चिंताजनक विशेषताएं देखी गई हैं। इसके स्पाइक प्रोटीन में ऐसे परिवर्तन हैं जो आसानी से इसे इंसान के शरीर में प्रवेश करने और संक्रमण को बढ़ाने के योग्य बनाते हैं। 

 

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कोरोना से बचा सकता है मास्क - फोटो : istock

बढ़ते संक्रमण के बीच फिर से मास्क पहनने की सलाह

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सिंगापुर में कोविड-19 की एक नई लहर देखी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 5 से 11 मई तक यहां 25,900 से अधिक मामले दर्ज किए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ओंग ये कुंग ने शनिवार को जनता से एक बार फिर से मास्क पहनने की अपील की है।  

कुंग ने कहा, हम इस नई लहर के प्रारंभिक दौर में हैं, संक्रमण के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। अगले दो से चार हफ्तों तक इसके और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। इस खतरे को देखते हुए सभी लोगों को एक बार फिर से मास्क पहनने की आदत बनानी चाहिए जिससे संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित किया जा सके। जून के अंत तक संक्रमण की इस नई लहर को लेकर सभी लोगों को विशेष सावधानी बरतते रहने की जरूरत है।

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भारत में संक्रमण के मामले - फोटो : PTI

भारत में भी रिपोर्ट किए गए हैं नए वैरिएंट के केस

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में भी कोरोना के नए वैरिएंट फिलर्ट के मामले रिपोर्ट किए गए हैं। अब तक भारत में 250 केस दर्ज किए गए हैं। अधिकांश मामलों के लिए KP.2 और KP1.1 को जिम्मेदार ठहराया माना जा रहा है। 

महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट KP.2 के 91 मामलों की पहचान की गई है, जो राज्य में कोरोना के मामलों में वृद्धि को दर्शाता है। 15 मई तक के आंकड़ों के अनुसार, पुणे में सबसे अधिक 51 लोगों को इस नए वैरिएंट से संक्रमित पाया गया है, ठाणे 20 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है। अमरावती और छत्रपति संभाजीनगर जिलों में सात-सात मामले दर्ज किए गए।

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कोविड टीकाकरण (सांकेतिक तस्वीर) - फोटो : एएनआई (फाइल)

क्या है संक्रमण बढ़ने की वजह?

सीडीसी के स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार सितंबर 2023 के बाद से केवल 22.6% वयस्कों ने कोविड-19 वैक्सीन ली है। डेटा से यह भी पता चलता है कि टीकाकरण कवरेज उम्र के हिसाब से बढ़ा है, 75 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों का इस दौरान टीकाकरण अधिक हुआ है।

बफ़ेलो विश्वविद्यालय में संक्रामक रोग के प्रमुख थॉमस ए रूसो ने बताया, इस तरह से हमारे पास कमजोर प्रतिरक्षा वाले युवा लोगों की आबादी अधिक है जिससे लहर के प्रति हमारी संवेदनशीलता बढ़ जाती है। समय के साथ टीकों की प्रभाविकता कम हो जाती है, ज्यादातर लोगों को आखिरी वैक्सीन लिए लंबा वक्त हो गया है जिससे एक बार फिर से संक्रमण के मामलों में उछाल देखा जा रहा है। 



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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है। 

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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