Delhi Air Pollution Impact on Health: इन दिनों दिल्ली में वायु प्रदूषण अपने चरम पर है। दिल्ली के अधिकतर जगहों पर एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार है और औसत AQI लगभग 450 के गंभीर स्तर पर बना हुआ है। प्रदूषण, कोहरा, धुंध और सर्दी इन दिनों दिल्ली चौतरफा मार झेल रही है। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि देश की राजधानी दिल्ली इस समय एक गैस चैंबर में तब्दील हो चुकी है, यहां की हवा में सांस लेना शरीर में जहर घोलने जैसा है।
Health Tips: गैस चैंबर में तब्दील हुई दिल्ली, लापरवाही करने वाले लोग इन बीमारियों को दे रहे हैं न्योता
Air Pollution Diseases: राजधानी दिल्ली इन दिनों गैस चैंबर तब्दील हो चुकी है। आसमान भी धुंध की चादर लिपटी हुई है। ऐसी स्थिति में यहां सांस लेना बीमारियों को न्योता देने जैसा है। इसलिए आइए इस लेख में जानते हैं कि जो लोग लापरवाहियां बरत रहे हैं उन्हें कौन सी बीमारियां घेर सकती हैं।
फेफड़ों और श्वसन तंत्र पर खतरा
जहरीली हवा में मौजूद PM2.5 जैसे सूक्ष्म कण सीधे फेफड़ों में गहराई तक पहुंचते हैं और वहां सूजन पैदा करते हैं। इससे अस्थमा के अटैक की गंभीरता बढ़ जाती है और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज का जोखिम तेजी से बढ़ता है। बच्चों में निमोनिया और ब्रोंकाइटिस का खतरा कई गुना अधिक हो जाता है। लंबे समय तक इस हवा में रहने से फेफड़ों की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होती हैं, जो फेफड़ों के कैंसर का कारण भी बन सकती हैं।
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हृदय रोग और रक्त संचार पर असर
प्रदूषण का दूसरा बड़ा हमला हृदय पर होता है। PM2.5 कण रक्तप्रवाह में मिलकर रक्त को गाढ़ा कर देते हैं, जिससे रक्त के थक्के बनने की आशंका बढ़ जाती है। यह स्थिति ब्लड प्रेशर को बढ़ाती है और हार्ट अटैक व स्ट्रोक के जोखिम को कई गुना बढ़ा जाता है। हृदय रोगी और बुज़ुर्ग इस खतरे के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील हैं।
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मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को क्षति
प्रदूषण सिर्फ शारीरिक अंगों को ही नहीं, बल्कि मस्तिष्क को भी नुकसान पहुंचाता है। शोध बताते हैं कि प्रदूषक कण दिमाग में पहुंचकर सूजन पैदा करते हैं, जिससे बच्चों में संज्ञानात्मक विकास प्रभावित होता है। वयस्कों में यह याददाश्त की कमी (ब्रेन फॉग) और अल्जाइमर जैसे न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों के जोखिम को भी बढ़ा सकता है, क्योंकि यह तंत्रिका कोशिकाओं को नष्ट करता है।
इस जानलेवा हवा से खुद को और अपने परिवार को बचाने के लिए ये 5 सावधानियां बरतना अनिवार्य है-
- बाहर निकलने पर N95 या N99 मास्क जरूर पहनें।
- सुबह और शाम, जब प्रदूषण चरम पर होता है, घर के अंदर ही रहें और बाहर जानें से बचें।
- घर में HEPA फिल्टर वाला एयर प्यूरीफायर इस्तेमाल करें।
- घर में अगरबत्ती, मोमबत्ती या मच्छर कॉइल जलाने से बचें।
- गुनगुना पानी और विटामिन-सी (आंवला, खट्टे फल) से भरपूर आहार का सेवन करें, इससे आपकी इम्युनिटी बढ़ती है।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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