Medically Reviewed by Dr. Rajesh Pandey
डॉ. राजेश पांडे
साइकोलॉजिस्ट
लखनऊ
क्या कोरोना की तीसरी लहर मुझे ज्यादा नुकसान पहुंचाएगी? कहीं बाहर जाने से मैं कोरोना का शिकार तो नहीं बन जाऊंगा/जाऊंगी? पता नहीं मैंने दरवाजे पर हाथ लगाने के बाद सैनिटाइज किए थे या नहीं? अगर मुझे फिर से कोरोना हो गया तो? ये और ऐसे कई सवाल आजकल आम हैं। कोरोना महामारी के दौर से गुजर रहे लोग कई स्तरों पर पीड़ा से गुजर रहे हैं। जो लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं, उन्हें पीड़ा शरीरिक और मानसिक दोनों स्तरों पर है। जो लोग अब तक बचे हुए हैं, वे आने वाले कल को लेकर मानसिक उलझनों में फंसे हुए हैं।
कोरोना के संक्रमण से भी अधिक जटिल और हानिकारक ये डर है, जिसने कई लोगों को उलझा कर रख दिया है। कई जगह तो ये हालात हैं कि लोग डर के मारे घर से बाहर ही नहीं निकलना चाहते। खासकर वे लोग, जो एक बार कोरोना से पीड़ित हो चुके हैं। कई लोग ऐसे भी हैं, जो बिंदास बिना किसी मास्क, आराम से घूम-फिर रहे हैं। इनमें से कई तो ऐसे हैं जो बीमार होने पर भी परवाह नहीं पालते। अब ऐसे लोगों को समझाना थोड़ी टेढ़ी खीर है, लेकिन मन में कोरोना के डर को बसा लेना भी गलत है। बेवजह, बिना किसी सावधानी के घर से बाहर घूमना मूर्खता है, जो हमारे साथ-साथ दूसरों को भी मुश्किल में डाल सकती है। लेकिन अगर मन में डर है या यह डर आपके लिए समस्या खड़ी कर रहा है तो जरूरी है कि इस पर ध्यान दिया जाए। अपनाइए ये पांच उपाय, जो राहत देने का काम करेंगे।
डॉ. राजेश पांडे
साइकोलॉजिस्ट
लखनऊ
क्या कोरोना की तीसरी लहर मुझे ज्यादा नुकसान पहुंचाएगी? कहीं बाहर जाने से मैं कोरोना का शिकार तो नहीं बन जाऊंगा/जाऊंगी? पता नहीं मैंने दरवाजे पर हाथ लगाने के बाद सैनिटाइज किए थे या नहीं? अगर मुझे फिर से कोरोना हो गया तो? ये और ऐसे कई सवाल आजकल आम हैं। कोरोना महामारी के दौर से गुजर रहे लोग कई स्तरों पर पीड़ा से गुजर रहे हैं। जो लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं, उन्हें पीड़ा शरीरिक और मानसिक दोनों स्तरों पर है। जो लोग अब तक बचे हुए हैं, वे आने वाले कल को लेकर मानसिक उलझनों में फंसे हुए हैं।
कोरोना के संक्रमण से भी अधिक जटिल और हानिकारक ये डर है, जिसने कई लोगों को उलझा कर रख दिया है। कई जगह तो ये हालात हैं कि लोग डर के मारे घर से बाहर ही नहीं निकलना चाहते। खासकर वे लोग, जो एक बार कोरोना से पीड़ित हो चुके हैं। कई लोग ऐसे भी हैं, जो बिंदास बिना किसी मास्क, आराम से घूम-फिर रहे हैं। इनमें से कई तो ऐसे हैं जो बीमार होने पर भी परवाह नहीं पालते। अब ऐसे लोगों को समझाना थोड़ी टेढ़ी खीर है, लेकिन मन में कोरोना के डर को बसा लेना भी गलत है। बेवजह, बिना किसी सावधानी के घर से बाहर घूमना मूर्खता है, जो हमारे साथ-साथ दूसरों को भी मुश्किल में डाल सकती है। लेकिन अगर मन में डर है या यह डर आपके लिए समस्या खड़ी कर रहा है तो जरूरी है कि इस पर ध्यान दिया जाए। अपनाइए ये पांच उपाय, जो राहत देने का काम करेंगे।