New Covid Variant XEC: कोरोना महामारी को चार साल से अधिक का समय बीत गया है पर इसके जोखिम अब भी कम नहीं हुए हैं। वैक्सीनेशन और कुछ सहायक दवाओं के चलते भले ही अब गंभीर जटिलताएं कम देखी जा रही हैं पर समय-समय पर बढ़ते संक्रमण के मामले अब भी चिंता का कारण बने हुए हैं। इन दिनों कोरोना एक नए वेरिएंट एक्सईसी के साथ वापस लौट आया है। कई यूरोपीय देश इससे प्रभावित देखे जा रहे हैं।
XEC Covid: नए वेरिएंट से आपको कितना खतरा? क्या फिर से लगवानी पड़ेगी वैक्सीन, विशेषज्ञों ने दी सारी जानकारी
नए वेरिएंट्स से खतरा
नए एक्सईसी वेरिएंट को लेकर जारी एक रिपोर्ट में कोविड डेटा विश्लेषक माइक हनी ने बताया कि डेनमार्क और जर्मनी में इसके कारण संक्रमण के मामलों में तेज वृद्धि हुई है। नियमित परीक्षण में कमी के कारण कोविड का वास्तविक डेटा नहीं पता चल पाया है पर ये कहीं अधिक हो सकता है।
माना जा रहा है कि दुनिया की बड़ी आबादी कोविड वैक्सीन लेकर शरीर में प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर चुकी है। हालांकि संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों से स्पष्ट होता है कि नया वेरिएंट आसानी से प्रतिरोधक क्षमता को चकमा देकर लोगों को संक्रमित कर रहा है।
अपडेटेड वैक्सीन शॉट से मिलती है अतिरिक्त सुरक्षा
एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि XEC ओमिक्रॉन वेरिएंट फैमिली का ही सदस्य है, ये संक्रामक जरूर है पर वैक्सीनेशन करा चुके लोगों में गंभीर रोगों का कारण नहीं बन रहा है। टीकों को अभी भी गंभीर बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने से बचाने वाला पाया जा रहा है। हालांकि बुजुर्ग और कोमोरबिडटी वाले लोग, जिन्हें संक्रमण के कारण अधिक जोखिम रहता है उन्हें अपडेटेड वैक्सीन शॉट देकर अतिरिक्त सुरक्षित करना जरूरी है।
गौरतलब है कि ओमिक्रॉन के समय-समय पर देखे जा रहे नए वेरिएंट्स और इसके जोखिमों के कारण कई देशों में 60 से अधिक उम्र के लोगों को अपडेटेड वैक्सीन की बूस्टर डोज दी गई है।
टीकाकारण से बनती है प्रभावी एंटीबॉडी
सेल रिपोर्ट्स मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन की रिपोर्ट में टेक्सास यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने SC27 नामक एक एंटीबॉडी की पहचान की है जिसमें कोरोनावायरस के सभी ज्ञात प्रकारों से मुकाबले की क्षमता देखी गई है।
वैक्सीनेशन के बाद भी संक्रमण के शिकार कुछ लोगों के प्लाजमा की जांच में इस एंटीबॉडी की पहचान हुई है। वैज्ञानिकों का मानना है कि टीकाकरण से शरीर में इस तरह की एंटीबॉडी विकसित हुई हैं जो गंभीर रोगों से लोगों को सुरक्षित रखती हैं। इसपर अगर कमजोर प्रतिरक्षा वालों को अपडेटेड बूस्टर शॉट दे दिया जाए तो उन्हें संक्रमण से और सुरक्षित किया जा सकता है।
क्या है विशेषज्ञों की सलाह?
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के सुझावों के मुताबिक छह महीने या उससे अधिक आयु के सभी लोगों को कोविड-19 का नवीनतम टीका लगवाना चाहिए। जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में महामारी विज्ञानी और प्रोफेसर एमिली स्मिथ कहती हैं, कोरोना के तमाम नए वेरिएंट्स या नई लहरों के प्रकोप को कम करने के लिए हम जो मुख्य काम कर सकते हैं, वह है बूस्टर शॉट लगवाना। आम तौर पर, हम पाते हैं कि बूस्टर वैक्सीन हमें नए वेरिएंट के खिलाफ व्यापक सुरक्षा प्रदान करती है। बुजुर्गों के लिए ये और भी जरूरी है।
इसके अलावा हम सभी को कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर को दिनचर्या का हिस्सा बना लेना चाहिए, ये समझते हुए कि कोरोना, फ्लू वायरस की तरह हमेशा हमारे आसपास ही रहने वाला है।
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स्रोत और संदर्भ
New COVID variant XEC now in half of states
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