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अध्ययन: कहीं आप भी तो नहीं करते इतने घंटे से ज्यादा ऑफिस में काम, हो सकती है मौत

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Abhilash Srivastava Updated Tue, 18 May 2021 12:00 PM IST
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long working hours could cause of  heart diseases, stroke deaths
रोजोना काम के घंटे को लेकर नया अध्ययन - फोटो : pixabay

कोरोना संक्रमण के कारण इस समय ज्यादातर लोगों का घर से बाहर निकलना बंद है। सुरक्षा की दृष्टि से बहुत सारे ऑफिसों ने भी लोगों को घर से काम करने की सहूलियत दे रखी है। आमतौर पर ऑफिसों में किसी कर्मचारी से सात से आठ घंटे का काम लिया जाता है, लेकिन क्या महामारी के दौर में आपको इससे भी ज्यादा देर तक काम करना पड़ रहा है? अगर हां, तो यह आदत आपके लिए जानलेवा साबित हो सकती है। दरअसल, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक हालिया अध्ययन की रिपोर्ट में लोगों को आगाह किया है कि लंबे समय तक काम करते रहने की आदत आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकती है, इतना बुरा कि कुछ स्थितियों में आपकी मौत भी हो सकती है।

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आइए, इस लेख में जानते हैं कि रोजाना कितने घंटे से ज्यादा काम करना आपके लिए घातक हो सकता है?

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बढ़ रहे हैं हृदय रोगों और स्ट्रोक के मामले - फोटो : Pixabay
स्ट्रोक और हृदय रोगों का खतरा
अपनी तरह के पहले वैश्विक विश्लेषण में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने रोजाना लंबे समय तक काम करने वाले लोगों को आगाह किया है। स्वास्थ्य संगठन ने बताया है कि जो लोग दिन में ज्यादा देर तक काम करते रहते हैं, उनमें  स्ट्रोक और हृदय रोगों से होने वाली मौतों की खतरा 29 प्रतिशत से अधिक होता है, इसलिए लोगों को बहुत देर तक काम करने से बचना चाहिए। अध्ययनकर्ताओं ने इस्केमिक हृदय रोग पर 37 अध्ययनों में 7.68 लाख और स्ट्रोक पर 22 अध्ययनों में 8.39 लाख से अधिक प्रतिभागियों को शामिल करके यह अध्ययन किया है।
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महामारी के चलते लोगों को करना पड़ रहा है ज्यादा काम - फोटो : social media
महामारी ने बढ़ा दिया है काम का दबाव
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस कहते हैं, ''कोरोना महामारी ने लोगों के कामकाज के तौर-तरीके को बदल दिया है। इस समय लोगों को पहले से ज्यादा काम करना पड़ रहा है, जोकि स्वास्थ्य की दृष्टि से नुकसानदायक हो सकता है।  कई व्यवसायों ने पैसे बचाने के लिए संचालन को कम कर दिया है, इसके चलते जो लोग अभी कार्यरत हैं उन्हें लंबे समय तक काम करने को मजबूर होना पड़ रहा है। इस बारे में सरकार और दफ्तर के संचालकों को गंभीरता से सोचना चाहिए। श्रमिकों के स्वास्थ्य का ख्याल रखना बेहद जरूरी है।
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हार्ट अटैक के कारण होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ा - फोटो : pixaby
2016 में बढ़ा मौत का आंकड़ा-
अध्ययन में बताया गया है कि लंबे समय तक काम करने के चलते साल 2016 में स्ट्रोक और हृदय रोगों के चलते 7.45 लाख से अधिक लोगों की  मृत्यु हो गई। साल 2000 के आंकड़ों की तुलना में यह 29 फीसदी अधिक था। काम के बढ़े हुए समय के चलते साल 2016 में 3.98 लाख से ज्यादा लोगों की मौत स्ट्रोक जबकि 3.47 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हृदय रोगों के कारण हो गई। लंबे समय तक काम करने के चलते हृदय रोग से होने वाली मौतों के आंकड़े में साल 2000 से 2016 के बीच 42 फीसदी जबकि स्ट्रोक के कारण होने वाली मौत के आंकड़ों में 19 फीसदी का बढ़ोतरी देखी गई है। 
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हफ्ते में 35-40 घंटे काम करना सही - फोटो : Pixabay
रोजाना कितने घंटे काम करना सही है?
अध्ययन का निष्कर्ष है कि सप्ताह में 35-40 घंटे काम करने की तुलना में प्रति सप्ताह 55 या उससे अधिक घंटे काम करने से स्ट्रोक से मृत्यु का खतरा 35 फीसदी जबकि हृदय रोगों से मृत्यु का खतरा 17 फीसदी तक बढ़ जाता है। अध्ययन में विशेषज्ञ सप्ताह में 35-40 घंटे यानि दिन में 5 से 6 घंटे तक काम करने को अच्छा मानते हैं।

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स्रोत और संदर्भ: 
Global, regional, and national burdens of ischemic heart disease and stroke attributable to exposure to long working hours for 194 countries, 2000–2016: A systematic analysis from the WHO/ILO Joint Estimates of the Work-related Burden of Disease and Injury

अस्वीकरण नोट:  यह लेख साइंस डायरेक्ट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के आधार पर तैयार किया गया है। लेख में शामिल सूचना व तथ्य आपकी जागरूकता और जानकारी बढ़ाने के लिए साझा किए गए हैं। अमर उजाला राउटर्स के इस अध्ययन और दवा को लेकर कोई दावा नहीं करता है।  बिना डॉक्टरी सलाह के दवा के इस्तेमाल नुकसानदायक हो सकता है।
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