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जानना जरूरी: भारत में 8 करोड़ से अधिक को डायबिटीज, पर अब भी लोग इन अफवाहों को मानते आ रहे हैं सच
हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिलाष श्रीवास्तव Updated Tue, 06 May 2025 09:42 PM IST
सार
भारत में 80 मिलियन से अधिक लोग डायबिटीज रोगी हैं।
शोधकर्ताओं का कहना है कि जिस गति से हर साल इसके मरीज बढ़ते जा रहे हैं ऐसे में आशंका है कि साल 2050 तक यह आंकड़ा 135 मिलियन को भी पार कर जाएगा।
भारत में डायबिटीज (मधुमेह) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और यह एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। भारत को "डायबिटीज की राजधानी" भी कहा जाता है क्योंकि यहां बहुत बड़ी संख्या में लोग इससे प्रभावित हैं। भारत में इसके 80 मिलियन (8 करोड़) से अधिक रोगी हैं, विशेषज्ञों का कहना है कि जिस गति से हर साल इसके मरीज बढ़ते जा रहे हैं ऐसे में आशंका है कि साल 2050 तक यह आंकड़ा 135 मिलियन को भी पार कर जाएगा।
डायबिटीज के लिए लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी को प्रमुख कारण माना जा रहा है। अक्सर इसे उम्र बढ़ने से संबंधित बीमारी के रूप में देखा जाता है, पर मधुमेह की समस्या बहुत कम आयु वालों को भी हो सकती है। यदि आप शारीरिक रूप से निष्क्रिय रहते हैं, आहार में प्रोसेस्ड-फास्ट फूड्स की मात्रा अधिक है या फिर परिवार में पहले भी कुछ लोगों को मधुमेह की समस्या रही है तो इसका जोखिम आपमें भी हो सकता है। हालांकि अक्सर लोगों का मानना रहा है कि डायबिटीज सिर्फ उन्हीं को होता है जो अधिक मीठा खाते हैं।
क्या डायबिटीज के बारे में आपको पूरी जानकारी है?
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खान-पान का रखें ध्यान
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मिथ- अधिक मीठा खाते हैं तो डायबिटीज हो सकता है।
मीठी चीजें या आहार में कार्बोहाइड्रेट की अधिकता डायबिटीज के खतरे को बढ़ाने वाली मानी जाती है। हालांकि सिर्फ यही मधुमेह का कारण नहीं है। कई जोखिम कारक और भी हैं जो आपमें टाइप-2 मधुमेह के खतरे को बढ़ा देते हैं। यदि आपका वजन अधिक है, शारीरिक रूप से निष्क्रिय रहते हैं, प्रीडायबिटीज की समस्या है या मधुमेह का पारिवारिक इतिहास रहा है तो ये स्थितियां भी आपमें डायबिटीज का कारण हो सकती हैं।
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डायबिटीज में कौन से फल खाएं?
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मिथ- डायबिटीज हो गया है तो फल नहीं खा सकते।
अक्सर फल, स्वाद में मीठे होते हैं और यह अवधारणा रही है कि मधुमेह से पीड़ित लोगों को मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए। मधुमेह वाले लोग फल नहीं खा सकते हैं, असल में यह पूरी तरह से सही नहीं है। फलों में प्राकृतिक शर्करा होती है, पर ये फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और आवश्यक खनिजों से भरपूर भी होते हैं। इसलिए जिन फलों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 50 से कम हो उनका सेवन किया जा सकता है। खट्टे फल, डायबिटीज में खाए जा सकते हैं।
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डायबिटीज का खतरा
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मिथ-सिर्फ उम्र बढ़ने पर ही होता है डायबिटीज
डायबिटीज से जुड़ा एक मिथ यह भी रहा है कि यह सिर्फ उम्र बढ़ने के साथ होने वाली समस्या है। पर डॉक्टर्स बताते हैं जिस तरह से लोगों में लाइफस्टाइल और आहार की गड़बड़ी देखी जा रही है, उसने कम उम्र वालों में भी इसका जोखिम बढ़ा दिया है।
30 से कम आयु वालों को भी डायबिटीज की समस्या हो सकती है। वहीं टाइप-1 डायबिटीज का खतरा बच्चों में अधिक होता है। यह किसी भी उम्र वालों को प्रभावित करने वाली बीमारी है।
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डायबिटीज के बारे में जानिए
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मिथ- परिवार में किसी को डायबिटीज नहीं था तो इसका खतरा नहीं
यह सच है कि मधुमेह के लिए पारिवारिक इतिहास होना एक प्रमुख जोखिम कारक रहा है, पर बिना फैमिली हिस्ट्री वालों में भी यह बीमारी हो सकती है। यदि आपकी अस्वास्थ्यकर जीवनशैली की आदतें हैं, भले ही परिवार में किसी को डायबिटीज नहीं रहा है तो इसका जोखिम आपको भी हो सकता है। सभी उम्र को लोगों को इस बीमारी से बचाव के लिए लगातार प्रयास करते रहने की सलाह दी जाती है।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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