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Covid-19: एक नए वेरिएंट के साथ फिर लौट आया कोरोना, 27 देशों में फैल गया संक्रमण, जानिए ये कितना खतरनाक

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिलाष श्रीवास्तव Updated Thu, 19 Sep 2024 12:36 PM IST
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new covid variant XEC spreading more rapidly across world know details risk and system of xec covid
कोरोना के नए वेरिएंट के मामले - फोटो : istock

Covid 19 XEC Variant: अगर आपको लग रहा है कि कोरोना का खतरा टल गया है, अब इसको लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है, तो शायद आप गलत हो सकते हैं। छोटे-छोटे अंतराल के बाद ये वायरस नए वेरिएंट के साथ वापस लौट आता है। दुनिया के कई देश इन दिनों मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट पर हैं, इस बीच कोरोना ने एक बार फिर से दस्तक दे दी है।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोनावायरस का एक नया वेरिएंट एक्सईसी (XEC Variant) तेजी से फैल रहा है। अब तक करीब 27 देशों में इससे संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं। बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी लोगों को सावधानी बरतते रहने की सलाह दी है। 

वैज्ञानिकों के अनुसार, कई देशों में कोविड का ये नया वेरिएंट तेजी से फैल रहा है। जून के महीने में सबसे पहले जर्मनी में XEC वेरिएंट की पहचान की गई थी। अब इसके मामले यूके, यूएस, डेनमार्क और कई अन्य देशों में भी सामने आ रहे हैं। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि कोविड का ये वेरिएंट अधिक संक्रामकता वाला हो सकता है। यूरोप में ये तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे में दूसरे देशों को भी अलर्ट हो जाने की जरूरत है।

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कोरोना का खतरा - फोटो : PTI

यूरोपीय देशों में नए वेरिएंट को लेकर संकट

वैज्ञानिक बताते हैं, सभी वायरस की प्रकृति होती है कि जिंदा रहने के लिए उनके स्पाइक प्रोटीन में परिवर्तन होता रहता है। कोरोना के साथ भी ऐसा ही है, एक्सईसी वेरिएंट में भी कुछ नए उत्परिवर्तन देखे गए हैं जो इसे तेजी से फैलने में मदद कर रहे हैं। 

कैलिफोर्निया स्थित स्क्रिप्स रिसर्च ट्रांसलेशनल इंस्टीट्यूट के निदेशक और वैज्ञानिक डॉ एरिक टोपोल ने कहा, एक्सईसी वेरिएंट निश्चित ही चिंता बढ़ रहा है। अगस्त के महीने में कई यूरोपीय देशों में इस वेरिएंट से संक्रमण की दर बहुत अधिक थी, देश में कोविड केसों के 10 प्रतिशत से अधिक सैंपल में ये नया वेरिएंट पाया गया था। जिस गति से ये बढ़ रहा है वो वास्तव में चिंताजनक है।
 


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नया कोरोना वेरिएंट एक्सईसी - फोटो : istock

XEC वेरिएंट के बारे में जानिए

एक्सईसी वेरिएंट अभी नया है इसलिए इसकी ज्यादा जानकारियां वैज्ञानिकों के पास भी नहीं हैं। प्रारंभिक अध्ययनों से पता चलता है कि ये ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट KS.1.1 और KP.3.3 का हाइब्रिड रूप है। KS.1.1 को FLiRT वेरिएंट भी कहा जाता है, जिसके मामले भारत में भी देखे गए थे

वैज्ञानिक कहते हैं, पिछले दो वर्षों से ओमिक्रॉन और इसके सब-वेरिएंट्स दुनियाभर में फैलने वाले कोविड-19 का प्रमुख कारण रहे हैं। एक्सईसी वेरिएंट भी इसी का एक प्रकार है। ओमिक्रॉन के तमाम वेरिएंट्स की संक्रामकता अधिक देखी जाती रही है पर इसके कारण गंभीर रोगों का खतरा कम होता है। ऐसे में उम्मीद है कि इस नए वेरिएंट के कारण भी जोखिम कम होना चाहिए।

 

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कोरोना के नए वैरिएंट का खतरा - फोटो : freepik.com

वेरिएंट के लक्षण और खतरे के बारे में जानिए

नया वेरिएंट एक्सईसी अब तक पोलैंड, नॉर्वे, लक्जमबर्ग, यूक्रेन, पुर्तगाल और चीन सहित 27 देशों के 500 से अधिक सैंपलों में पाया गया है। डॉ टोपोल कहते हैं, कोरोना का तेजी से बढ़ना भी खतरनाक है क्योंकि ओमिक्रॉन के ज्यादातर वेरिएंट्स वैक्सीन की प्रतिरोधक क्षमता को चकमा देने वाले देखे गए हैं। ऐसे में संक्रमण का खतरा कमजोर प्रतिरक्षा वालों में दिक्कतें बढ़ा सकता है। टीके अभी भी गंभीर मामलों को रोकने में मदद करते हैं, हालांकि कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को एक और बूस्टर शॉट लेना जरूरी है। 

फिलहाल इसके लक्षण पिछले कोविड वेरिएंट के समान ही हैं। ज्यादातर संक्रमितों को बुखार, गले में खराश, खांसी, गंध न आने, भूख न लगने और शरीर में दर्द जैसी दिक्कतें हो रही हैं।

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कोरोना के जोखिमों को लेकर अलर्ट - फोटो : istock

क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, चूंकि यह वेरिएंट ओमिक्रॉन फैमिली का सदस्य है, इसलिए बूस्टर शॉट्स की मदद से गंभीर बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने से बचाव किया जा सकता है।

यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में जेनेटिक्स इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रोफेसर फ्रेंकोइस बॉलॉक्स ने बीबीसी को बताया कि हाल के अन्य कोविड वेरिएंट्स की तुलना में एक्सईसी थोड़ा अधिक संक्रामक हो सकता है, इसलिए टीकाकरण को बढ़ाने के साथ एक बार फिर से लोगों को कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर को पालन शुरू करना चाहिए। सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और हाथों की स्वच्छता जैसे उपायों पर ध्यान देकर आप सुरक्षित रह सकते हैं।

एक्सईसी की प्रकृति को समझने के लिए वैज्ञानिकों की टीम अध्ययन कर रही है।


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स्रोत और संदर्भ

New COVID variant XEC now in half of states

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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