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Health Tips: गैस और बदहजमी के पीछे हो सकता है आपके सोने का गलत तरीका, दिल पर भी पड़ता है इसका असर

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शिखर बरनवाल Updated Thu, 06 Nov 2025 10:16 AM IST
सार

पेट के बल सोना एक सामान्य आदत है, अगर कोई कभी-कभार पेट के बल सोता है तो ऐसा करना सेहत के लिए अच्छा है, लेकिन अगर किसी को पूरी रात पेट के बल सोने की आदत है तो ये सेहत के लिए नुकसानदायक होता है, जिसके बारे में आपको भी जानना चाहिए।

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Sleeping on your stomach increases the risk of these diseases Are you making this mistake too
पेट के बल सोने की आदत - फोटो : Adobe Stock

Disadvantages of Sleeping on The Stomach: हम सभी जानते हैं अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छी नींद बहुत जरूरी है, लेकिन आप किस पोस्चर में सोते हैं यह भी आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। कई लोगों को पेट के बल सोना आरामदायक लगता है, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार पेट के बल सोना आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। यह आदत लंबे समय में कई गंभीर बीमारियों का जोखिम बढ़ा देती है। 



ध्यान देने वाली बात यह भी है कि बहुत कम समय के लिए पेट के बल लेटना अच्छी बात है, यहां तक की इससे से खर्राटे कम हो सकते हैं और स्लीप एपनिया की समस्या भी कम हो सकती है। लेकिन अगर किसी को हमेशा या पूरी रात पेट बल होने की आदत है तो इससे कुछ बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। 

जब आप पेट के बल सोते हैं, तो आपकी गर्दन को लंबे समय तक एक तरफ मुड़ा रहता है, जिससे रीढ़ की हड्डी और मांसपेशियों पर अनावश्यक तनाव पड़ता है। इसके अलावा पेट के बल सोना आपके पेट और आंतरिक अंगों पर भी दबाव डालता है। अगर आप लगातार कमर या गर्दन के दर्द से परेशान रहते हैं, या सुबह उठने पर खुद को थका हुआ महसूस करते हैं, तो हो सकता है की आपका गलत तरीके से सोने की आदत ही आपकी स्वास्थ्य समस्याओं की असली जड़ हो।

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पेट के बल सोने की आदत - फोटो : Adobe Stock

गर्दन और रीढ़ की हड्डी को नुकसान
पेट के बल सोने से सबसे बड़ा नुकसान आपकी गर्दन और रीढ़ की हड्डी को होता है। गर्दन को मजबूरन एक तरफ मुड़े रहने के कारण रीढ़ और गर्दन की नसें खिंच जाती हैं। इससे सुबह उठने पर गर्दन में अकड़न, तेज दर्द और क्रोनिक बैक पेन की समस्या बढ़ जाती है, क्योंकि आपकी रीढ़ अपनी प्राकृतिक वक्रता में नहीं रह पाती है।


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पेट के बल सोने की आदत - फोटो : Adobe Stock

पाचन तंत्र पर दबाव
पेट के बल सोना सीधे आपके पेट और आंतरिक अंगों पर दबाव डालता है। यह दबाव पाचन तंत्र की सामान्य कार्यप्रणाली को बाधित करता है, जिससे एसिड रिफ्लक्स, गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज, पेट में गैस और बदहजमी जैसी पाचन संबंधी समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। रात में पेट पर लगातार दबाव आपके पाचन के लिए ठीक नहीं होता है, इसलिए पेट के बल सोने से परहेज करना चाहिए।

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हार्ट संबंधी समस्याएं - फोटो : Adobe stock Images

श्वास और हृदय पर असर
इस पोस्चर में सोने से फेफड़ों को पूरी क्षमता से हवा भरने में मुश्किल होती है, जिससे सांस लेने की प्रक्रिया प्रभावित होती है। हालांकि यह एक हल्का प्रभाव है, लेकिन कुछ अध्ययनों के अनुसार, यह आदत हृदय पर तनाव बढ़ा सकती है, खासकर उन लोगों में यह परेशानी और बढ़ सकती है जिन्हें पहले से ही सांस संबंधी समस्याएं रहती हैं।

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सोने का सही तरीका - फोटो : adobe stock

सोने का सही तरीका
पीठ के बल सोना को रीढ़ की हड्डी के लिए सबसे अच्छा पोस्चर माना जाता है। अगर आप पेट के बल सोने की आदत नहीं छोड़ पा रहे हैं, तो इसके लिए हर दिन थोड़ी-थोड़ी देर पेट के बल सोने की आदत डालें। सबसे बेहतर है कि करवट लेकर (साइड स्लीपिंग) सोएं, और घुटनों के बीच एक तकिया लगाएं ताकि रीढ़ सीधी रहे। इसके बाद भी अगर पीठ के बल सोने में परेशानी हो रही हो तो, किसी डॉक्टर से इसके बारे में परामर्श लें।

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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