Disadvantages of Sleeping on The Stomach: हम सभी जानते हैं अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छी नींद बहुत जरूरी है, लेकिन आप किस पोस्चर में सोते हैं यह भी आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। कई लोगों को पेट के बल सोना आरामदायक लगता है, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार पेट के बल सोना आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। यह आदत लंबे समय में कई गंभीर बीमारियों का जोखिम बढ़ा देती है।
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पेट के बल सोना एक सामान्य आदत है, अगर कोई कभी-कभार पेट के बल सोता है तो ऐसा करना सेहत के लिए अच्छा है, लेकिन अगर किसी को पूरी रात पेट के बल सोने की आदत है तो ये सेहत के लिए नुकसानदायक होता है, जिसके बारे में आपको भी जानना चाहिए।
गर्दन और रीढ़ की हड्डी को नुकसान
पेट के बल सोने से सबसे बड़ा नुकसान आपकी गर्दन और रीढ़ की हड्डी को होता है। गर्दन को मजबूरन एक तरफ मुड़े रहने के कारण रीढ़ और गर्दन की नसें खिंच जाती हैं। इससे सुबह उठने पर गर्दन में अकड़न, तेज दर्द और क्रोनिक बैक पेन की समस्या बढ़ जाती है, क्योंकि आपकी रीढ़ अपनी प्राकृतिक वक्रता में नहीं रह पाती है।
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पाचन तंत्र पर दबाव
पेट के बल सोना सीधे आपके पेट और आंतरिक अंगों पर दबाव डालता है। यह दबाव पाचन तंत्र की सामान्य कार्यप्रणाली को बाधित करता है, जिससे एसिड रिफ्लक्स, गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज, पेट में गैस और बदहजमी जैसी पाचन संबंधी समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। रात में पेट पर लगातार दबाव आपके पाचन के लिए ठीक नहीं होता है, इसलिए पेट के बल सोने से परहेज करना चाहिए।
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श्वास और हृदय पर असर
इस पोस्चर में सोने से फेफड़ों को पूरी क्षमता से हवा भरने में मुश्किल होती है, जिससे सांस लेने की प्रक्रिया प्रभावित होती है। हालांकि यह एक हल्का प्रभाव है, लेकिन कुछ अध्ययनों के अनुसार, यह आदत हृदय पर तनाव बढ़ा सकती है, खासकर उन लोगों में यह परेशानी और बढ़ सकती है जिन्हें पहले से ही सांस संबंधी समस्याएं रहती हैं।
सोने का सही तरीका
पीठ के बल सोना को रीढ़ की हड्डी के लिए सबसे अच्छा पोस्चर माना जाता है। अगर आप पेट के बल सोने की आदत नहीं छोड़ पा रहे हैं, तो इसके लिए हर दिन थोड़ी-थोड़ी देर पेट के बल सोने की आदत डालें। सबसे बेहतर है कि करवट लेकर (साइड स्लीपिंग) सोएं, और घुटनों के बीच एक तकिया लगाएं ताकि रीढ़ सीधी रहे। इसके बाद भी अगर पीठ के बल सोने में परेशानी हो रही हो तो, किसी डॉक्टर से इसके बारे में परामर्श लें।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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