Disadvantages of Drinking Less Water in Cold: सर्दियों के मौसम में अक्सर हमें प्यास का अहसास कम होता है, जिसके कारण हम अनजाने में ही पानी का सेवन बहुत कम कर देते हैं। मगर स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, यह लापरवाही शरीर के लिए घातक साबित हो सकती है। कड़ाके की ठंड में हवा शुष्क होती है, और सांस लेने व पसीने के माध्यम से शरीर से नमी लगातार बाहर निकलती रहती है। जब हम पर्याप्त पानी नहीं पीते, तो हमारा खून गाढ़ा होने लगता है, जिससे हृदय को पंप करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है।
Winter Tips: ठंड के दिनों कम पानी पीना हो सकता है खतरनाक, इन गंभीर बीमारियों का बढ़ जाता है जोखिम
Less Water Intake Risks: अक्सर लोग जाने अनजाने में ठंड के मौसम में पानी पीना भूल जाते हैं। इसके पीछे का एक बड़ा कारण है कि इस मौसम में ठंड की वजह से प्यास कम लगता है। मगर ये आदत आपके सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। आइए इस लेख में इसी के बारे में जानते हैं।
किडनी स्टोन और यूरिन इन्फेक्शन का खतरा
पानी की कमी का सबसे सीधा असर हमारे गुर्दों पर पड़ता है। कम पानी पीने से मूत्र गाढ़ा हो जाता है, जिससे कैल्शियम और अन्य खनिज किडनी में जमा होकर पत्थरी का रूप ले लेते हैं। इसके साथ ही मूत्राशय में बैक्टीरिया जमा होने लगते हैं, जिससे यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक सर्दियों में भी दिन भर में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए।
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पर्याप्त पानी न मिलने पर शरीर त्वचा से नमी खींचने लगता है, जिससे चेहरा बेजान, होंठ फटने और खुजली जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। पाचन तंत्र पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ता है, पानी की कमी से मल सख्त हो जाता है, जिससे पुरानी कब्ज और एसिडिटी की समस्या बढ़ जाती है। सर्दियों में गुनगुना पानी पीने से न केवल पाचन सुचारू रहता है, बल्कि यह शरीर के आंतरिक तापमान को भी स्थिर बनाए रखने में मदद करता है।
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हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का बढ़ता जोखिम
भीषण ठंड में डिहाइड्रेशन के कारण खून का गाढ़ापन बढ़ना सीधे तौर पर कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। जब खून गाढ़ा होता है, तो धमनियों में रुकावट की आशंका बढ़ जाती है, जो हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का मुख्य कारण बनती है। विशेषकर बुजुर्गों और हृदय रोगियों को सर्दियों में पानी के लेवल का खास ख्याल रखना चाहिए ताकि ब्लड सर्कुलेशन सामान्य बना रहे और अंगों तक ऑक्सीजन सही ढंग से पहुंचे।
सर्दियों में पानी की कमी दूर करने के लिए केवल सादे पानी पर निर्भर न रहें। अपनी डाइट में सूप, हर्बल टी, और मौसमी रसीले फल जैसे संतरा और अंगूर शामिल करें। हर एक घंटे में एक गिलास गुनगुना पानी पीने का अलार्म सेट करें। अगर आपको सादा पानी पीने में परेशानी हो रही है, तो इसमें नींबू या पुदीना मिलाकर 'डिटॉक्स वॉटर' बना लें। याद रखें, प्यास लगने का इंतजार करना डिहाइड्रेशन का अंतिम चरण है, इसलिए पहले से ही सतर्क रहें।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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