World Stroke Day 29 October: दुनिया में हर 4 मिनट में एक व्यक्ति की मौत स्ट्रोक से होती है। स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क के किसी हिस्से में रक्त का प्रवाह बाधित हो जाता है, जिससे मस्तिष्क की कोशिकाएं मरने लगती हैं। यह एक बेहद गंभीर समस्या है, जिसको बारे में सभी लोगों को जानना चाहिए।
World Stroke Day 2025: स्ट्रोक आने से पहले दिखते हैं ये चार संकेत, तीसरा वाला तो गलती से भी नजरअंदाज न करें
Early Signs of Stroke in Young People: स्ट्रोक एक जानलेवा बीमारी है। स्ट्रोक आने से पहले शरीर में कुछ संकेत दिखते हैं, अगर उन संकेतों को समय रहते पहचान लिया जाए तो बड़ी दुर्घटना को टाला जा सकता है। आइए इस लेख में इसी के बारे में जानते हैं।
F (फेस- चेहरे का लटकना)
स्ट्रोक का पहला और दिखने वाला संकेत है चेहरे का टेढ़ा होना है। अगर अचानक चेहरे के किसी एक तरफ कमजोरी महसूस हो या वह हिस्सा लटक जाए, तो यह खतरे की घंटी है। आप मरीज से मुस्कुराने को कहें, यदि मुस्कान आधी-अधूरी या असमान दिखे, या मुंह के कोने से लार बहने लगे, तो तुरंत समझ लें कि यह स्ट्रोक का संकेत हो सकता है। यह लक्षण दिखते ही सतर्क हो जाएं।
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A (आर्म- बांह की कमजोरी)
दूसरा संकेत आपके हाथों से जुड़ा है। अगर किसी व्यक्ति के हाथ या बांह में अचानक सुन्न होने लगे या वे कमजोर पड़ जाएं, तो यह दूसरा बड़ा खतरा हो सकता है। उससे कहें कि वह दोनों हाथ एक साथ ऊपर उठाए। यदि एक हाथ अपने आप नीचे गिर जाए या उसे उठाने में बहुत ज्यादा मुश्किल हो, तो यह बताता है कि दिमाग में खून का बहाव रुक गया है। यह स्थिति दिखते ही बिना समय गंवाए डॉक्टर से संपर्क करें।
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S (स्पीच- बोलने में दिक्कत)
यह संकेत सबसे महत्वपूर्ण है, जिसे कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अगर व्यक्ति अचानक लड़खड़ाकर बोलने लगे, उसकी बोली अस्पष्ट (तोतली) हो जाए, या वह सब कुछ समझ रहा हो, पर बोल न पाए, तो यह दिमाग को गंभीर नुकसान पहुंचने का स्पष्ट संकेत है। इस लक्षण को नींद या घबराहट से जोड़कर गलती न करें, ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से मिलें।
T (टाइम- तुरंत मदद)
यदि आपको ऊपर बताए गए तीन संकेतों (चेहरा, बांह, बोली) में से कोई भी लक्षण दिखता है, तो एक पल भी बर्बाद न करें। 'T' का मतलब है तुरंत एम्बुलेंस को फोन करें। स्ट्रोक के बाद के शुरुआती मिनट 'गोल्डन आवर' कहलाते हैं। इस दौरान जितनी तेजी से इलाज मिलेगा, मरीज की जान बचने और स्थायी विकलांगता कम होने की संभावना उतनी ही अधिक होगी।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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