Cancer Risk And Awareness: कैंसर वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ती गंभीर और जानलेवा बीमारी है जिसका खतरा सभी उम्र के लोगों में देखा जा रहा है। ये दुनियाभर में मौत के भी शीर्ष कारणों में से एक है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, जिन लोगों के परिवार में पहले से किसी को ये बीमारी रही है उनमें कैंसर होने का खतरा अधिक हो सकता है। इसके अलावा अगर आपकी दिनचर्या गड़बड़ है, खान-पान ठीक नहीं है और रसायनों के संपर्क में अधिक रहते हैं तो ये स्थितियां भी आपके जोखिमों को और भी बढ़ा सकती हैं, जिसको लेकर सभी लोगों को अलर्ट रहना चाहिए। इन कारकों के अलावा क्या आप जानते हैं कि सामान्य तौर पर की जाने वाली कुछ जांचें भी युवाओं में कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाली हो सकती हैं?
एक हालिया रिपोर्ट में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने युवाओं में बढ़ते थायरॉइड कैंसर के खतरे को लेकर अलर्ट किया है। वैसे तो ये कैंसर काफी दुर्लभ है और आमतौर पर उम्रदराज लोगों में देखा जाता रहा है पर रेडिएशन एक्सपोजर के चलते अब धीरे-धीरे युवा आबादी भी इसकी चपेट में आती जा ही है।
हाल के आंकड़े बताते हैं कि थायरॉइड कैंसर के मामलों में युवाओं की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है, खासकर 20 से 40 साल की उम्र के बीच इसका जोखिम बढ़ा है। विशेषज्ञों की टीम ने इसके लिए कुछ जांच प्रक्रियाओं को भी जिम्मेदार पाया है।
2 of 6
थायरॉइड की समस्या
- फोटो : Freepik.com
थायरॉइड कैंसर को बढ़ाने वाले कारकों को समझने से पहले इस कैंसर के बारे में जानना जरूरी है।
थायरॉइड कैंसर के बारे में जान लीजिए
थायरॉइड कैंसर, आपके गले के निचले हिस्से में स्थित थायरॉइड ग्रंथि में होने वाली बीमारी है, इस रोग के कारण ग्रंथि में घातक कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं। इस कैंसर के लक्षण आमतौर पर गले में होने वाली सामान्य समस्याओं से संबंधित होते हैं जिन्हें अक्सर सामान्य मानकर अनदेखा कर दिया जाता है, हालांकि ये गंभीर रूप ले सकते हैं। इसके सामान्य लक्षणों में गर्दन में गांठ या सूजन, आवाज बैठना और निगलने में कठिनाई होना शामिल है।
थायरॉइड कैंसर के बढ़ते जोखिमों को लेकर एक हालिया रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने कहा है कि बार-बार एक्स-रे और सीटी स्कैन जैसे जांच के कारण भी इस कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
3 of 6
सीटी स्कैन और थायरॉइड कैंसर का लिंक
- फोटो : Freepik.com
थायरॉइड कैंसर के लक्षण बहुत सामान्य, नहीं जाता लोगों का ध्यान
ब्रिटेन की एक स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में 31 वर्षीय व्यक्ति में थायरॉइड कैंसर की समस्या का जिक्र मिलता है। उसे गर्दन में गांठ की दिक्कत थी, जांच में इसे कैंसर कारक पाया गया। डॉक्टरों ने कहा, यह ट्यूमर शायद लगभग एक दशक से था लेकिन कोई दर्द या अन्य लक्षण न होने के कारण समय पर इसका पता नहीं चल पाया।
ब्रिटेन में, पिछले दस वर्षों में थायरॉइड कैंसर के निदान में 62 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि ये साल 2035 तक लगभग तीन-चौथाई तक बढ़ सकती है।
अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार, यह युवाओं में बढ़ते पांच प्रमुख कैंसरों में से एक है जिसमें गले, प्रोस्टेट, किडनी और कोलन कैंसर शामिल हैं। महिलाओं में थायरॉइड कैंसर के मामले पुरुषों की तुलना में लगभग चार गुना अधिक हैं।
4 of 6
एक्स रे रेडिएशन से कैंसर का खतरा
- फोटो : Freepik.com
एक्स-रे और सीटी स्कैन से बढ़ सकता है खतरा
डॉक्टरों की टीम ने जब इसके कारणों को समझने की कोशिश की तो पता चला कि चिकित्सा तकनीक ही वास्तव में इस वृद्धि का प्रमुख कारण हो सकती है। विशेषकर एक्स-रे और सीटी स्कैन के अत्यधिक उपयोग से मरीज अनावश्यक रूप से रेडिएशन के संपर्क में आते हैं, जिससे कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है।
बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा है, क्योंकि कम उम्र में इसके संपर्क में आने से दशकों बाद समस्याएं पैदा होने की आशंका ज्यादा होती है।
इसी साल जून में हुए एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि अमेरिका में होने वाले सभी नए कैंसरों में से लगभग 5 प्रतिशत सीटी स्कैन से जुड़े हो सकते हैं, जो शराब से होने वाले कैंसर के बराबर है। ब्रिटेन में हर साल लगभग 4,000 लोगों में थायरॉइड कैंसर का पता चलता है, जिनमें से ज्यादातर की उम्र 70 से 74 के बीच होती है। लेकिन पिछले तीन दशकों में इसके मामले लगभग तीन गुना बढ़ गए हैं।
5 of 6
युवाओं में बढ़ती थायरॉइड की समस्या
- फोटो : Freepik.com
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
लंदन के हैमरस्मिथ अस्पताल के एंडोक्राइन सर्जन प्रोफेसर फॉस्टो पलाजो कहते हैं, पिछले 25 वर्षों में थायरॉइड कैंसर के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है।
1.1 करोड़ से ज्यादा ऑस्ट्रेलियाई लोगों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि जिन बच्चों का सीटी स्कैन हुआ, उनमें आगे चलकर थायरॉइड कैंसर होने का खतरा 40 प्रतिशत ज्यादा था। इससे पहले साल 2010 में, शिकागो स्थित मर्सी हॉस्पिटल एंड मेडिकल सेंटर के एंडोक्रिनोलॉजिस्ट्स ने चेतावनी दी थी कि मेडिकल रेडिएशन का अधिक संपर्क थायरॉइड कैंसर के खतरे को बढ़ा रही है जिसको लेकर अलर्ट रहना चाहिए।