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इस वजह से नवरात्रों में नहीं की जाती शादी, हर किसी को जाननी चाहिए ये वजह
लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला
Published by: मोना नारंग
Updated Mon, 08 Apr 2019 03:10 PM IST
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फाइल फोटो
- फोटो : गूगल
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नए घर में शिफ्ट करना हो या दुकान का मुहर्त, किसी भी शुभ काम को शुरू करने के लिए नवरात्र को बहुत शुभ माना जाता है, लेकिन क्या आपको मालूम है कि इस दौरान शादी नहीं की जाती। आगे की स्लाइड्स में जानिए नवरात्रि के दौरान शादी करने की सख्त मनाही क्यों होती है?
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navratri puja 2018
नवरात्र पवित्र और शुद्धता से जुड़ा पर्व है। इस दौरान देवी मां के नौ स्वरूपों की आराधना की जाती है। इस दौरान शारीरिक और मानसिक शुद्धता के लिए व्रत रखे जाते हैं। बहुत सारे लोग नवरात्रि के दौरान कपड़े धोने, शेविंग करने, बाल कटाने और पलंग या खाट पर सोने से भी परहेज करते हैं। विष्णु पुराण के मुताबिक, नवरात्रि में व्रत करते समय दिन में सोने, तम्बाकू चबाने और स्त्री के साथ सहवास करने से व्रत खंडित हो जाता है। चूंकि शादी का उद्देश्य संतति के द्वारा वंश को आगे चलाना माना गया है, यही वजह है कि नवरात्रि के दौरान विवाह नहीं करना चाहिए।आइए जानते हैं ऐसी ही कई अहम मान्याताएं...
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navratri puja 2018
- फोटो : navratri puja 2018
नवरात्र में देवी की उपासना से जुड़ी बहुत सारी मान्यताएं हैं, ऐसी ही मान्यताओं में से एक है घर में जौ रोपना। जौ रोपने और कलश स्थापना के साथ ही मां की नौ दिन की पूजा शुरू होती है। अब सवाल यह कि आखिर जौ ही क्यों? बताया गया है कि जब सृष्टि की शुरुआत हुई थी, तो पहली फसल जौ ही थी। वसंत ऋतु की पहली फसल जौ ही होती है, जिसे हम मां को अर्पित करते हैं।
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durga
नवरात्रि में जौ रौपे जाने के पीछे यह वजह बताई जाती है कि ऐसा करने से देवी मां का आशीर्वाद मिलता है और पूरा घर वर्ष भर धनधान्य से भरा रहता है। कहा जाता है कि नवरात्रि में रोपे गए जौ यदि तेजी से बढ़ते हैं, तो घर में सुख-समृद्धि तेजी से बढ़ती है।
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kanya puja
कुवारी कन्याएं माता के समान ही पवित्र और पूजनीय मानी जाती हैं।हिंदू धर्म में दो वर्ष से लेकर दस वर्ष की कन्याएं साक्षात माता का स्वरूप मानी जाती हैं।यही कारण है कि नवरात्रि पूजन में इसी उम्र की कन्याओं का विधिवत पूजन कर भोजन कराया जाता है।
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