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ये चार 'A' बनाएंगे आपको 'मिस्टर कूल', जानें कैसे
amarujala.com- Presented by: संध्या द्विवेदी
Updated Tue, 27 Jun 2017 06:43 PM IST
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स्ट्रेस
काम की टेंशन, बॉस की टेंशन। घर की जिम्मेदारी। दोस्तों की उम्मीदें। न जाने कितनी तरह की टेंशन से होकर आपको रोज गुजरना पड़ता है। इतना तनाव लेने से आप मानसिक तौर पर बीमार हो सकते हैं। साथ ही आपकी काम करने की क्षमता भी लगातार घटती जाएगी। टेंशन को खत्म करने का ये चार 'A' का फार्मूला आपके लिए बेहद मददगार साबित होगा।
बॉस से ताल-मेल
फिजूल के स्ट्रेस को करें 'अवॉइड'
हम अपनी जिंदगी में कई ऐसे स्ट्रेस ढोते रहते हैं जिन्हें आसानी से 'अवॉइड' किया जा सकता है। तो सबसे पहले आप 'न' कहना सीखें। अगर दफ्तर में हैं तो अपने काम करने की क्षमता को परखें। अगर काम आपके बस का नहीं तो फौरन 'न' कहें। नकारात्मक लोगों से दूर रहें। घर के लोगों बातचीत करें और आपसे लगी उम्मीदों और आपकी क्षमताओं के बीच की दूरी को बताएं। अतिरिक्त जिम्मेदारी को कहें न।
हम अपनी जिंदगी में कई ऐसे स्ट्रेस ढोते रहते हैं जिन्हें आसानी से 'अवॉइड' किया जा सकता है। तो सबसे पहले आप 'न' कहना सीखें। अगर दफ्तर में हैं तो अपने काम करने की क्षमता को परखें। अगर काम आपके बस का नहीं तो फौरन 'न' कहें। नकारात्मक लोगों से दूर रहें। घर के लोगों बातचीत करें और आपसे लगी उम्मीदों और आपकी क्षमताओं के बीच की दूरी को बताएं। अतिरिक्त जिम्मेदारी को कहें न।
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stress
- फोटो : स्ट्रेस
सिचुएशन को करें 'ऑल्टर'
कई परिस्थितियां ऐसी होती हैं जिन्हें न नहीं कह सकते तो फिर उनके लिए रणनीति बनाएं। जैसे अगर किसी प्रोजेक्ट में आपको काम करना ही है और वह आपके मन का नहीं है तो फिर अपनी सकारात्मक रवैए को बढ़ाएं। ऐसा सोच सकते हैं कि ये प्रोजेक्ट भले ही आज आपके मन का नहीं है लेकिन आने वाले समय में ये आपको फायदा पहुंचाएगा। ऐसे ही हर स्ट्रेसफुल काम के नतीजे के बारे में सोचे।
कई परिस्थितियां ऐसी होती हैं जिन्हें न नहीं कह सकते तो फिर उनके लिए रणनीति बनाएं। जैसे अगर किसी प्रोजेक्ट में आपको काम करना ही है और वह आपके मन का नहीं है तो फिर अपनी सकारात्मक रवैए को बढ़ाएं। ऐसा सोच सकते हैं कि ये प्रोजेक्ट भले ही आज आपके मन का नहीं है लेकिन आने वाले समय में ये आपको फायदा पहुंचाएगा। ऐसे ही हर स्ट्रेसफुल काम के नतीजे के बारे में सोचे।
stress
- फोटो : स्ट्रेस
आगे बढ़ना है तो कुछ स्ट्रेस लेने ही होंगे इन्हें करें 'अडैप्ट'
अनुकूलन की क्षमता सफलता की सबसे पहली जरूरत है। समस्या को पहचानकर उसे दोबारा बारीकी से परखें। जैसे आप ट्रैफिक में फंसे हैं। गुस्सा तो आएगी ही। लेकिन आप इस रुके हुए समय का इस्तेमाल अपने मनपसंद गाने सुनने में भी कर सकते हैं। किसी काम को लेकर योजना बना सकते हैं। डायरी मेंटेन कर सकते हैं।
अनुकूलन की क्षमता सफलता की सबसे पहली जरूरत है। समस्या को पहचानकर उसे दोबारा बारीकी से परखें। जैसे आप ट्रैफिक में फंसे हैं। गुस्सा तो आएगी ही। लेकिन आप इस रुके हुए समय का इस्तेमाल अपने मनपसंद गाने सुनने में भी कर सकते हैं। किसी काम को लेकर योजना बना सकते हैं। डायरी मेंटेन कर सकते हैं।
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मोटिवेटेड
कुछ चीजें तो जस की तस ही 'ऐक्सेप्ट' करें
जिंदगी में सबकुछ कंट्रोल नहीं किया जा सकता। जैसे किसी अपने की मौत। कोई बीमारी। कभी-कभी नौकरी का छूटना। ऐेसे में हम अपने शुभचिंतकों को सहारा लें। कुछ प्रोडक्टिव करने की सोचें।
जिंदगी में सबकुछ कंट्रोल नहीं किया जा सकता। जैसे किसी अपने की मौत। कोई बीमारी। कभी-कभी नौकरी का छूटना। ऐेसे में हम अपने शुभचिंतकों को सहारा लें। कुछ प्रोडक्टिव करने की सोचें।