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Pashupatinath Temple: सिर्फ 10 हजार में करें पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन, बेहद रहस्यमयी है नेपाल का शिव धाम

लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शिवानी अवस्थी Updated Wed, 10 Sep 2025 03:14 PM IST
सार

Nepal Pashupatinath Temple:  पशुपतिनाथ मंदिर से जुड़े कई रहस्य हैं जो आपको इस मंदिर की ओर जरूर आकर्षित करेंगे। आइए जानते हैं काठमांडू में स्थित पशुपतिनाथ मंदिर के रहस्य, इसका महत्व और दर्शन के लिए काठमांडू यात्रा से जुड़ी संपूर्ण जानकारी।

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पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल - फोटो : instagram

Nepal Pashupatinath Temple: भारत और नेपाल सिर्फ सीमाओं से नहीं, बल्कि आध्यात्मिकता, धार्मिकता से भी जुड़ा है। नेपाल में जन्मी मां सीता, अयोध्या के राजा राम की पत्नी हैं। नेपाल के काठमांडू में स्थापित पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन के बिना भारत में स्थित 12 ज्योतिर्लिंगों की यात्रा अधूरी है। 

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नेपाल की राजधानी काठमांडू में बागमती नदी के तट पर स्थित पशुपतिनाथ मंदिर न सिर्फ नेपाल बल्कि पूरे भारतीय उपमहाद्वीप का एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर है। यह मंदिर भगवान शिव के सबसे पवित्र तीर्थों में से एक माना जाता है और हर साल लाखों भारतीय पर्यटक यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं। यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध यह मंदिर अपने रहस्यमयी इतिहास, प्राचीन वास्तुकला और धार्मिक महत्व के कारण दुनियाभर में प्रसिद्ध है।

यहां भगवान शिव के प्राचीनतम ज्योतिर्लिंग स्वरूप के दर्शन के लिए आ सकते हैं और नेपाल की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को समझ सकते हैं। पशुपतिनाथ मंदिर से जुड़े कई रहस्य हैं जो आपको इस मंदिर की ओर जरूर आकर्षित करेंगे। आइए जानते हैं काठमांडू में स्थित पशुपतिनाथ मंदिर के रहस्य, इसका महत्व और दर्शन के लिए काठमांडू यात्रा से जुड़ी संपूर्ण जानकारी।

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पशुपतिनाथ मंदिर का इतिहास - फोटो : instagram

पशुपतिनाथ मंदिर का इतिहास

पशुपतिनाथ मंदिर का इतिहास बेहद प्राचीन है और इसकी स्थापना का सही समय ज्ञात नहीं है। लेकिन माना जाता है कि लिच्छवी वंश के राजा प्रचंड देव ने मंदिर का निर्माण 5वीं शताब्दी में कराया था। समय-समय पर इसका पुनर्निर्माण हो रहा है। यहां स्थित शिवलिंग को ‘पशुपति’ कहा जाता है।

मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा के अनुसार,  भगवान शिव एक बार हिरण का रूप धारण कर यहां विचरण करने आए थे। देवता उन्हें वापस कैलाश ले जाना चाहते थे पर शिव जी राजी नहीं हुए। इस दौरान  उनका सींग टूट गया और शिवलिंग के रूप में स्थापित हुआ। इसी कारण उनका यह स्वरूप पशुपतिनाथ के रूप  में पूजा जाता है। 

एक कथा उत्तराखंड में स्थित केदारनाथ ज्योतिर्लिंग से जुड़ी है। मान्यता है कि जब पांडव महाभारत युद्ध के बाद मोक्ष प्राप्ति के लिए भगवान शिव की खोज में निकले तो शिव जी ने बैल का रूप धारण कर लिया। भीम ने उन्हें पहचान लिया और रोकने का प्रयास किया, इस दौरान बैल रूपी शिव का सिर नेपाल के काठमांडू में गिरा और धड़ केदारनाथ में रह गया। मान्यता है कि केदारनाथ की यात्रा तभी पूरी माना जाती है , जब भक्त पशुपतिनाथ मंदिर के भी दर्शन करते हैं। 

पशुपतिनाथ में चार मुखों वाला शिवलिंग है, जिसका ऊपरी भाग यानी पाँचवाँ मुख दिव्य लिंग के रूप में पूजा जाता है। हर साल महाशिवरात्रि पर यहां विशाल मेला लगता है, जिसमें भारत सहित पूरी दुनिया से भक्त शामिल होते हैं। मंदिर परिसर में कई छोटे-बड़े मंदिर, मूर्तियां और आश्रम भी हैं जो इसे और भी विशेष बनाते हैं।

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मंदिर से जुड़े रोचक तथ्य - फोटो : Istock

मंदिर से जुड़े रोचक तथ्य


पशुपतिनाथ मंदिर का मुख्य शिखर सोने से बना है। इसकी वास्तुकला पगोडा शैली में है। मंदिर के चार द्वार हैं जो चांदी से बने हैं। गर्भगृह में एक चतुर्भुजी शिवलिंग है ,जिसके चारों मुख अलग अलग दिशाओं में हैं और ऊपर पांचवां मुख है जोकि दिव्य ज्योति के रूप में पूजनीय है। यहां केवल हिंदू धर्म के लोग ही गर्भगृह में प्रवेश कर सकते हैं।

मंदिर का मृत्यु का प्रवेश द्वार कहा जाता है। मंदिर बागमती नदी के किनारे स्थित है। नदी के तट पर अंतिम संस्कार की विशेष परंपरा है, जिसे देखने पर्यटक भी आते हैं। यूनेस्को ने इसे 1979 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।

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भारत से पशुपतिनाथ मंदिर कैसे पहुंचे? - फोटो : Adobe Stock

भारत से पशुपतिनाथ मंदिर कैसे पहुंचे?

अगर आप पशुपतिनाथ मंदिर में दर्शन के लिए जाना चाहते हैं तो दिल्ली, वाराणसी और बोधगया से काठमांडू के लिए सीधी उड़ानें उपलब्ध हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश और बिहार से नेपाल सीमा सटी हुई है, जहां से आप सड़क मार्ग के जरिए काठमांडू आसानी से पहुंच सकते हैं। आपको पासपोर्ट या वीजा की जरूरत नहीं है। हालांकि एक परमिट चाहिए होता है, जो सीमा पर ही मिल जाता है। इसके अलावा भारत से सीधे नेपाल तक ट्रेनें नहीं हैं, लेकिन गोरखपुर या रक्सौल तक ट्रेन से जाकर आगे का सफर बस या टैक्सी से काठमांडू तक किया जाया जा सकता है।

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नेपाल यात्रा - फोटो : Istock
काठमांडू यात्रा का खर्च

अगर आप फ्लाइट से सफर कर रहे हैं तो दिल्ली से काठमांडू का किराया आने और जाने का मिलाकर लगभग 6000 से 10000 हो सकता है। बस या कैब में 2000 से 3500 हजार रुपये तक खर्च करना पड़ सकता है। यहां होटल बजट में मिल जाते हैं। आप आसानी से 1000 रुपये से लेकर 2500 रुपये प्रति रात में होटल रूम ले सकते हैं। खाना पीना सस्ता है। कुल मिलाकर तीन दिन की नेपाल यात्रा का खर्च 10000 से 15000 रुपये प्रति व्यक्ति हो सकता है। 
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