International Day of Happiness हर व्यक्ति खुश रहना चाहता है लेकिन अक्सर जीवन में आने वाली छोटी-बड़ी समस्याएं इंसान को विचलित कर देती हैं, जो चिंता और अवसाद की स्थिति को बढ़ाता है। इस कारण व्यक्ति खुश नहीं रह पाता और चिंताग्रस्त रहने लगता है। खुशी की तलाश में दुनियाभर के लोग हर साल 20 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस मनाते हैं। इस दिन को मनाने की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र ने 2013 में की थी। हालांकि प्रसन्नता दिवस मनाने की प्रस्ताव 12 जुलाई 2012 को पारित हो गया था। सबसे पहले भूटान ने प्रसन्नता दिवस मनाया और राष्ट्रीय खुशी के महत्व पर प्रकाश डाला। आज लोग खुश रहने के लिए तरह तरह के तरीके और क्रियाएं अपना रहे हैं। खुश रहने का सबसे आसान तरीका है योग को अपने जीवन में शामिल करें। खुशी आपके मस्तिष्क के जरिए निकली भावना है। अगर आपका मस्तिष्क शांत और सुकून महसूस करेगा तो खुशी की अनुभूति होगी लेकिन चिंता, अवसाद, ओवरथिंकिंग प्रसन्नता में बाधा डालता है। ऐसे में कुछ य़ोगासनों का अभ्यास मन शांत, चिंता मुक्त और प्रसन्न रखने में मदद करता है। आइए जानते हैं खुश रहने के लिए कौन से योग का अभ्यास करना चाहिए।
International Day of Happiness: खुश रहने के लिए करें इन योगासनों का अभ्यास, मिलेगी तनाव से मुक्ति
कुछ य़ोगासनों का अभ्यास मन शांत, चिंता मुक्त और प्रसन्न रखने में मदद करता है। आइए जानते हैं खुश रहने के लिए कौन से योग का अभ्यास करना चाहिए।
वज्रासन
वज्रासन का अभ्यास दिमाग को शांत रखने में सहायक है। इसके साथ ही वज्रासन से पेट की समस्या और सुस्ती दूर होती है। इस आसन के अभ्यास के लिए भुजाओं को बगल में रखते हुए धीरे धीरे घुटनों को नीचे लाएं और चटाई पर घुटनों के बल बैठ जाएं। पैर की उंगलियों को बाहर की ओर रखते हुए श्रोणि को एड़ी पर रखें। हथेलियों को घुटनों के ऊपर प्रथिमुद्रा में रखें। अब पीठ सीधी करें और आगे देखें। इसी अवस्था में कुछ देर रुके, बाद में सामान्य स्थिति में आ जाएं।
उत्तानासन
अगर आप डिप्रेशन का शिकार हैं तो उत्तानासन काफी मददगार साबित होगा। इससे दिमाग शांत रहता है। उत्तानासन के अभ्यास के लिए मैट पर सीधे खड़े होकर लंबी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर की ओर ले जाएं। फिर सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुके और दोनों हाथों से जमीन को छुएं। हाथों को नीचे जमीन पर टिकाते हुए पैर के अंगूठे को छूने की कोशिश करें। इस दौरान घुटनों को सीधा रखें। कुछ देर इसी पोजीशन में रहें, फिर हाथ ऊपर ले जाते हुए सांस छोड़ें और सामान्य अवस्था में खड़े हो जाएं। इस योग से नींद की समस्या भी दूर होती है।
बालासन
इस आसन से शरीर लचीला बनता है। इस योगासन के अभ्यास से मानसिक शांति मिलती है और तनाव कम होता है। अनिद्रा की शिकायत होने पर भी इस आसन का अभ्यास लाभकारी है। बालासन करने के लिए जमीन पर वज्रासन अवस्था में बैठ कर सांस अंदर लेते हुए अपने दोनों हाथों को सीधा सिर के ऊपर उठा लें। अब सांस बाहर छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें। अपनी हथेलियों और सिर को जमीन पर टिकाते हुए लंबी सांस अंदर लें और बाहर छोड़ें। हाथों की उंगलियों को आपस में जोड़ते हुए सिर को दोनों हथेलियों के बीच में धीरे से रख लें। कुछ देर बाद पुरानी स्थिति में आ जाएं।
नोट: यह लेख योगगुरु के सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है। आसन की सही स्थिति के बारे में जानने के लिए किसी विशेषज्ञ से संपर्क कर सकते हैं।
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