मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में जहरीले कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से किडनी संक्रमण का शिकार नागपुर के अस्पताल में भर्ती बच्चों और उनके परिजनों से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मुलाकात की। उन्होंने सभी बच्चों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की और राज्य सरकार के पूर्ण सहयोग का भरोसा दिलाया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महाराष्ट्र के नागपुर स्थित प्रीमियर संस्थान AIIMS, न्यू हेल्थ सिटी हॉस्पिटल तथा गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज का दौरा किया। यहां उपचाररत छिंदवाड़ा के बच्चों का कुशलक्षेम जाना। डॉ. यादव ने चिकित्सकों से बच्चों की स्थिति पर विस्तृत जानकारी ली और परिजनों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत दुखद घटना है, लेकिन राज्य सरकार इस कठिन समय में पीड़ित परिवारों के साथ। ईश्वर से सभी बच्चों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।
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मुख्यमंत्री डॉ यादव ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि तमिलनाडु में निर्मित दवा के उपयोग से ही बच्चों की मृत्यु की बात प्रमाणित हुई है। मध्य प्रदेश पुलिस ने दोषी लोगों की गिरफ्तारी की है। दुर्भाग्य की बात है कि तमिलनाडु सरकार की तरफ से अपेक्षित सहयोग प्राप्त नहीं हो रहा है। तमिलनाडु के ड्रग कंट्रोलर को दवा कंपनी की नियमानुसार जांच करना चाहिए। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा रेंडम सैंपल लेकर आवश्यक जांच करवाई गई और छिंदवाड़ा के चिकित्सक सहित ड्रग कंट्रोलर और अन्य दोषियों का निलंबन भी किया गया है। जो उस कंपनी की प्रतिबंधित की गई दवा रोगियों के लिए लिख रहे थे, उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु सरकार को नियमों के अनुसार सख्त कार्रवाई करना चाहिए। अब तक की जांच में मूल रूप से मैन्युफैक्चरिंग के स्तर पर त्रुटि की बात सामने आई है। यह दवा बच्चों को दी गई जिसके फलस्वरुप जीवन की क्षति हुई। मुख्यमंत्री ने कहा जैसे ही तमिलनाडु सरकार की रिपोर्ट आई, मध्य प्रदेश सरकार ने इस कफ सिरप पर प्रतिबंध लगाया। दवा कंपनी के मालिक को भी गिरफ्तार किया गया। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा आगे भी सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। किसी भी दोषी को भी नहीं छोड़ा जाएगा।
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सीएम डॉ. यादव परिजनों से बातचीत करते हुए
- फोटो : अमर उजाला
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने विपक्षी नेताओं पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री ने विपक्ष के नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि वो कौन लोग हैं जिन्होंने इस कंपनी को ड्रग लाइसेंस देने का कार्य किया ? मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटी सी जगह पर किस तरह फैक्ट्री संचालित है? बिना जांच के लाइसेंस कैसे रिन्यू किया गया? इस दवा कंपनी को दोबारा उद्योग लाइसेंस कैसे दिया गया? कोई भी विपक्ष के बड़े नेता जाकर चाहें तो सब चीजों का अवलोकन कर सकते हैं।
किसी के खिलाफ भी कार्रवाई से पीछे नहीं हटेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश के बच्चे और परिवार तो पीड़ित पक्ष हैं। हमारे प्रदेश के बच्चों की मृत्यु हुई है और इस संवेदनशील प्रकरण में मध्य प्रदेश सरकार किसी भी दोषी के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने में पीछे नहीं हटेगी। सीएम ने कहा कि बच्चों का इलाज सरकार कराएगी। किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं रखी जाएगी। यह घटना मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा और बैतूल जिले को झकझोर चुकी है। अमानक कफ सिरप के सेवन से अब तक 22 बच्चों की मौत हो चुकी है,8 बच्चे नागपुर के अलग-अलग अस्पताल में भर्ती है। इसमें से कई गंभीर स्थिति में हैं।
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