बुधवार से हो रही लगातार बारिश इंदौर के निवासियों के लिए एक बार फिर आफत बनकर आई है। मांगलिया स्थित सिंगापुर टाउनशिप को शहर से जोड़ने वाला प्रमुख रेलवे अंडरपास आज सुबह पूरी तरह से जलमग्न हो गया, जिससे 25 से अधिक कॉलोनियों का संपर्क टूट गया और एक लाख से ज्यादा रहवासी फंस गए। हर साल की यह समस्या अब नासूर बन चुकी है, लेकिन रेलवे और स्थानीय प्रशासन की उदासीनता के कारण इसका कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पा रहा है।
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अंडरपास में भरा पानी
- फोटो : अमर उजाला, डिजिटल डेस्क, इंदौर
मुख्य शहर से कटा 25 से अधिक कॉलोनियों का संपर्क
मांगलिया और तलावली चांदा के पास बने इस अंडरपास के बंद हो जाने से सिंगापुर टाउनशिप, ब्रिटिश पार्क, सिंगापुर ग्रीन व्यू, ज्ञानशीला, सुपर सिटी और सिंगापुर एनएक्स जैसी 25 से ज्यादा कॉलोनियों के निवासियों की दिनचर्या ठप हो गई है। सुबह स्कूल जाने वाले बच्चों और ऑफिस जाने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। स्कूल बसों को अंडरपास के दूसरी ओर ही खड़ा कर देना पड़ा, जिसके बाद अभिभावकों को अपने बच्चों के साथ जान जोखिम में डालकर रेलवे पटरी पैदल पार करनी पड़ी। अंडरपास बंद होने की स्थिति में लोगों को सैटेलाइट कॉलोनी की ओर से 3 किलोमीटर और मांगलिया की ओर से 7 किलोमीटर का लंबा चक्कर लगाकर जाना पड़ रहा है।
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तेज रफ्तार ट्रैन के ठीक सामने से गुजरते लोग
- फोटो : अमर उजाला, डिजिटल डेस्क, इंदौर
कई साल से जारी समस्या, शिकायतों पर नहीं हुई सुनवाई
यह कोई पहली बार नहीं है जब अंडरपास में पानी भरा हो। स्थानीय निवासी राजेश शर्मा ने बताया कि पिछले 6-7 साल से हर बारिश में यही स्थिति बनती है। हल्की बारिश में ही अंडरपास 6 से 7 फीट तक पानी से भर जाता है और रास्ता दो-दो दिनों तक बंद रहता है। रहवासियों का कहना है कि वे इस समस्या को लेकर विधायक, सांसद, मंत्री और संबंधित अधिकारियों से कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन आश्वासनों के सिवा कुछ नहीं मिला। लोगों का कहना है, "अंडरपास बंद होने पर हमारे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचता। या तो हम दफ्तर से छुट्टी लें या फिर जान हथेली पर रखकर रेलवे पटरी पार करें। बच्चों की स्कूल की छुट्टी तो करानी ही पड़ती है।"
अंडरपास का संकरा डिजाइन और बदहाल सड़क
निवासियों के अनुसार, वर्षों की मांग के बाद रेलवे द्वारा बनाया गया यह अंडरपास काफी संकरा है, जिससे सामान्य दिनों में भी यहां ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है। बारिश के पानी के साथ-साथ अंडरपास की सड़क भी पूरी तरह खराब हो चुकी है और कीचड़ व बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हो गई है, जिससे दोपहिया वाहन चालकों के लिए निकलना लगभग असंभव हो जाता है। इसी समस्या के चलते रहवासियों ने एक रेलवे ओवरब्रिज (ROB) बनाने की मांग को लेकर आंदोलन भी किया था, लेकिन यह प्रोजेक्ट अभी तक धरातल पर नहीं उतर सका। अब हर बारिश में यह जलभराव लोगों के लिए एक गंभीर संकट बन जाता है, खासकर किसी मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में मरीजों को पटरी पर से पैदल ले जाने की मजबूरी होती है।