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Indore News: दशहरे पर पतियों की हत्या करने वाली पत्नियों का पुतला दहन होगा, रावण नहीं शूर्पणखा जलेगी

अमर उजाला, डिजिटल डेस्क, इंदौर Published by: अर्जुन रिछारिया Updated Thu, 18 Sep 2025 08:03 AM IST
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सार

Indore News: इस वर्ष इंदौर में विजयादशमी की परंपरा में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा, जहां 'पौरुष' नामक पुरुष अधिकार संगठन रावण के स्थान पर उसकी बहन शूर्पणखा के पुतले का दहन करेगा। 

Indore News: Men's rights group to burn Shurpanakha effigy instead of Ravana on Dussehra in protest
इस तरह बनेगा शूर्पणखा का चेहरा - फोटो : अमर उजाला, डिजिटल डेस्क, इंदौर
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विस्तार
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इस वर्ष 2 अक्टूबर को विजयादशमी के अवसर पर इंदौर एक अनूठी घटना का गवाह बनेगा। वर्षों से चली आ रही रावण दहन की परंपरा से अलग, इस बार शहर में शूर्पणखा और उसकी सेना के पुतलों का दहन किया जाएगा। पुरुषों के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था "पौरुष" द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम, समाज में एक नया विमर्श शुरू करने का प्रयास है।
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धूमधाम से निकलेगा जुलूस
आयोजन समिति के अनुसार, पुतला दहन से पहले शूर्पणखा और उसकी सेना के पुतलों का एक विशाल जुलूस पूरे शहर में निकाला जाएगा। ढोल-नगाड़ों के साथ यह जुलूस विभिन्न मार्गों से होता हुआ दम्मा लक्ष्मी नगर मेला ग्राउंड पहुंचेगा, जहां पुतलों का दहन किया जाएगा। इस आयोजन के प्रचार-प्रसार के लिए ऑटो रिक्शा और अन्य वाहनों पर बैनर लगाए गए हैं और ऑडियो अनाउंसमेंट के माध्यम से भी लोगों को जानकारी दी जा रही है।
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क्यों हो रहा है शूर्पणखा का दहन?
"पौरुष" संस्था के अध्यक्ष अशोक दशोरा ने इस आयोजन के पीछे के कारणों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "युगों से महिलाओं द्वारा किए गए अपराधों का दंड पुरुषों को भुगतना पड़ा है। आज भी समाज में यही हो रहा है, जहां महिला के दोषी होने पर भी सामाजिक और कानूनी तौर पर पुरुष को ही प्रताड़ित किया जाता है।" उन्होंने त्रेतायुग का उदाहरण देते हुए कहा कि शूर्पणखा के अनैतिक प्रस्ताव के कारण ही राम-रावण युद्ध हुआ, जिसमें लाखों निर्दोषों की जान गई। इसी प्रकार, द्वापर युग में द्रौपदी के कटु वचनों को महाभारत का एक प्रमुख कारण माना जाता है। दशोरा का तर्क है कि एक ज्ञानी और शक्तिशाली राजा होने के बावजूद रावण अपनी बहन के बहकावे में आकर युद्ध के लिए विवश हुआ और मारा गया।

महिला कानूनों के दुरुपयोग का आरोप
अशोक दशोरा ने वर्तमान समय में महिला कानूनों के दुरुपयोग का भी गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "आज के समय में अधिकांश कानून महिलाओं के पक्ष में हैं, जिसका फायदा उठाकर कुछ पढ़ी-लिखी महिलाएं झूठे मुकदमे दर्ज कर अपने पतियों और उनके परिवारों को प्रताड़ित कर रही हैं। इस प्रताड़ना के कारण कई पुरुष आत्महत्या जैसा गंभीर कदम उठाने पर मजबूर हो रहे हैं।" इस आयोजन में राजा रघुवंशी हत्याकांड के पीड़ित परिवार सहित रघुवंशी समाज के लोग भी शामिल होकर अपना समर्थन देंगे। यह कार्यक्रम पुरुषों के खिलाफ हो रहे अन्याय को उजागर करने और सामाजिक सोच में बदलाव लाने का एक प्रतीक होगा।
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